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PHOTOS: बिहार में मासूम को जब सौंपी गयी शहीद पिता की वर्दी और तिरंगा, अंतिम विदाई में रोया पूरा गांव

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बिहार के मधेपुरा निवासी शहीद जवान रमेश कुमार सिंह का अंतिम संस्कार किया गया. पूरा गांव उन्हें विदाई देकर रो पड़ा.

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जम्मू के नगरोटा में ड्यूटी पर तैनात एसएसबी 50वीं वाहिनी के जवान रमेश कुमार सिंह की जान पिछले दिनों चली गयी थी. उनके पार्थिव शरीर को बिहार के मधेपुरा जिला अंतर्गत उनके पैतृक गांव दिग्धी लाया गया. मुरलीगंज का दिग्धी गांव अपने शहीद बेटे पर गर्व तो करता है लेकिन जवान को अंतिम विदाई देने के दौरान पूरा गांव भावुक हो गया और लोगों के आंखों से आंसू छलक पड़े. जवान के पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी. वहीं शहीद के 8 साल के मासूम बेटे ने अपने पिता को मुखाग्नि दी.

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गांव में लगे नारे, शहीद को दी आखिरी विदाई

बिहार के मधेपुरा जिले के मुरलीगंज के दिग्घी गांव के रहने वाले जवान रमेश कुमार सिंह एसएसबी 50वीं वाहिनी में ड्यूटी पर तैनात थे. 18 जून को जम्मू में उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्होंने दम तोड़ दिया. जवान के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव लाया गया तो पूरा गांव गम में डूब गया. लेकिन देशभक्ति की भावना भी पूरे गांव में उमड़ी रही. शहीद रमेश सिंह अमर रहे के नारे पूरे इलाके में गूंजता रहा. पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया.डीजे गाजे बाजे संग शव वाहन के साथ गांव के नौजवान नारे लगाकर चले.

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पिता को बेटे की शहादत पर गर्व

पिता श्यामल किशोर सिंह और माता उषा देवी अपने बेटे की शहादत पर गर्व कर रहे हैं. लेकिन अब उनका बेटा फिर कभी सामने नहीं आएगा, इस गम को वो सहन नहीं कर पा रहे. रमेश का ऑन ड्यूटी देश के लिए शहीद होना गर्व की बात है. उन्होंने कहा सेना की नौकरी सम्मान की नौकरी है.

पत्नी के आंखों के आंसू नहीं थम रहे

शहीद की पत्नी राखी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. आंख के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे. अपनी देश के लिए हर परिस्थिति में डटे रहने का संकल्प इस कदर रमेश कुमार सिंह के अंदर था कि सात जन्म तक साथ निभाने का वादा भी वो तोड़ गए. बड़ा भाई मुनमुन सिंह, छोटा भाई रिंकू सिंह अपने भाई को खोने के गम में भी डूबे हैं और शहीद भाई पर गर्व भी कर रहे हैं.

मासूम ने दी पिता को मुखाग्नि

अंतिम संस्कार के दौरान शहीद जवान के पार्थिव शरीर को सलामी दी गयी. सेना के अधिकारियों ने शहीद का ड्रेस व राष्ट्रीय ध्वज परिजन को सौंपा. आठ वर्षीय अयांश ने अपने शहीद पिता को मुखाग्नि दी तो सभी लोगों का दिल पसीजा. परिवारजनों का रो-रोकर कर बुरा हाल है. वहीं अंतिम संस्कार के दौरान भी पूरा वातावरण शहीद के लिए लग रहे नारे से गूंज उठा.

9 जून को ही छुट्टी से लौटे थे रमेश

बता दें कि जवान रमेश कुमार सिंह 9 जून को घर से छुट्टी मनाकर अमरनाथ की ड्यूटी पर लौटे थे. 18 जून को जम्मू के नगरोटा जगती पुलिस स्टेशन में वो रूके थे. अपने साथ चल रहे जवान को बताया कि मुझे बेहोशी महसूस हो रहा है. जवानों ने तत्काल स्थानीय चिकित्सालय में भर्ती कराया. जहां चिकित्सक ने रमेश कुमार सिंह को मृत घोषित कर दिया.

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