जमशेदपुर: झारखंड आदिवासी युवा संगठन की ओर से 30 जून को हूल दिवस पर वीर सिदो-कान्हू समेत तमाम वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए मोटरसाइकिल रैली निकाली जायेगी. रैली का शुभारंभ करनडीह स्थित आदिवासी कल्याण छात्रावास कैंपस से किया जायेगा. यह जानकारी गुरूवार को संगठन के अध्यक्ष-सुकरा हो ने दी. उन्होंने बताया कि यह रैली करनडीह से प्रारंभ होकर सुंदरनगर होते हुए खुकड़ाडीह से स्टेशन, बिष्टुपुर, साकची पहुंचेगी. जहां भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जायेगा. उसके बाद रैली साकची, एग्रिको सिग्नल, बारीडीह, बिरसानगर संडे मार्केट पहुंचेगी. यहां बिरसा बुरू में भगवान बिरसा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जायेगा. इसके बाद टिनप्लेट, केबुल कंपनी गेट, बर्मामाइंस, टाटानगर स्टेशन चौक होते हुए पुन: करनडीह आदिवासी कल्याण छात्रावास पहुंचकर जनसभा में तब्दील हो जायेगी. उन्होंने बताया कि वीर शहीदों के सम्मान में इस रैली में 1000 से अधिक मोटरसाइकिल शामिल होंगे. इसमें आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख माझी बाबा, मानकी बाबा, पारानिक बाबा आदि भी शामिल होंगे. सिदो-कान्हू हूल दिवस पर आयोजित इस मोटरसाइकिल रैली का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके बलिदान की याद दिलाना और उनकी वीरता की गाथा को जन-जन तक पहुंचाना है. यह रैली सिदो और कान्हू मुर्मू के आदर्शों को पुनर्जीवित करने और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने का एक प्रयास है.
महापुरुषों के बलिदान को किया जायेगा नमन
सिदो-कान्हू हूल दिवस, जो हर साल 30 जून को मनाया जाता है. यह आदिवासी इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन को संथाल विद्रोह के अग्रणी सिदो और कान्हू मुर्मू की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है. इस वर्ष, इस विशेष अवसर पर करनडीह से एक भव्य मोटरसाइकिल रैली का आयोजन किया जा रहा है. इसमें 1000 मोटरसाइकिलें भाग लेंगी. यह रैली न केवल शहर में घूमेगी बल्कि वीर शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण भी करेगी, जिससे उनकी यादें ताजा की जाएंगी और उनके बलिदान को नमन किया जाएगा.
लोगों को सिदो-कान्हू के अद्वितीय योगदान से कराया जायेगा रूबरू
इस रैली का उद्देश्य शहरवासियों को सिदो-कान्हू के अद्वितीय योगदान और उनकी कुर्बानियों से अवगत कराना है. संथाल विद्रोह, जिसे ‘हूल’ भी कहा जाता है, 1855 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ शुरू हुआ एक सशस्त्र विद्रोह था. इस विद्रोह का नेतृत्व सिदो और कान्हू मुर्मू ने किया था. जिन्होंने अपने अदम्य साहस और नेतृत्व से अंग्रेजों को चुनौती दी थी. इस विद्रोह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना.
युवाओं में देशभक्ति की भावना को जागृत करना है मकसद
रैली का शुभारंभ करनडीह से होगा, जहां से यह पूरे शहर में घूमते हुए वीर शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करेगी. विभिन्न स्थानों पर बने शहीद स्मारकों पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी, जिससे युवा पीढ़ी को इन महान वीरों के बलिदान की जानकारी मिल सके. यह रैली न केवल एक स्मारक आयोजन है, बल्कि यह युवाओं में देशभक्ति और गर्व की भावना जागृत करने का एक प्रयास भी है. रैली में भाग लेने वाले मोटरसाइकिल सवार अपनी मोटरसाइकिलों को सजाकर और हाथों में सरना झंडा थामकर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरेंगे. यह दृश्य न केवल दर्शनीय होगा बल्कि लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना को भी प्रज्वलित करेगा. जगह-जगह पर लोग इस रैली का स्वागत करेंगे और शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करेंगे. रैली के दौरान सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन का विशेष ध्यान रखा जाएगा. पुलिस और स्वयंसेवी संगठन रैली के दौरान यातायात को सुचारू बनाए रखने में सहयोग करेंगे. रैली में भाग लेने वालों को सुरक्षा हेलमेट पहनने और ट्रैफिक नियमों का पालन करने की सख्त हिदायत दी गयी है.
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सिदो-कान्हू हूल दिवस: वीर शहीदों की स्मृति में भव्य मोटरसाइकिल रैली निकाली जायेगी
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सिदो-कान्हू हूल दिवस पर आयोजित इस मोटरसाइकिल रैली का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके बलिदान की याद दिलाना और उनकी वीरता की गाथा को जन-जन तक पहुंचाना है. यह रैली सिदो और कान्हू मुर्मू के आदर्शों को पुनर्जीवित करने और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने का एक प्रयास है.
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