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Jharkhand Tourism: मां मौलिक्षा का पवित्र धाम है “मलूटी मंदिर”

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Jharkhand Tourism: दुमका का मलूटी गांव, "मंदिरों का गांव" नाम से प्रसिद्ध है. यह हिंदुओं का पवित्र धाम है,जहां कई देवी-देवताओं के मंदिर हैं. तो चलिए आज आपको बताते हैं मलूटी गांव के धार्मिक महत्व के बारे में.

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Jharkhand Tourism: झारखंड प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों से भी समृद्ध राज्य है. यहां कई ऐसे प्राचीन मंदिर और तीर्थस्थल हैं, जो पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है. इन सभी स्थलों का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है. झारखंड में मलूटी मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटन स्थल है. यह अनेक मंदिरों का समूह है, जो प्राचीन वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है. अगर आप भी झारखंड आने वाले हैं, तो मलूटी मंदिर जरूर जाएं.

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Jharkhand Tourism: कैसे पहुंचे मलूटी मंदिर

झारखंड के उप राजधानी दुमका के मलूटी गांव में 108 मंदिर स्थित है , जिन्हें “मलूटी मंदिर” के नाम से जाना जाता है. प्राचीन काल में बने ये मंदिर अद्भुत स्थापत्य कला की मिसाल हैं. ये मंदिर झारखण्ड की राजधानी रांची से करीब 340 किलोमीटर दूर है. दुमका जिला मुख्यालय से मलूटी गांव की दूरी लगभग 55 किलोमीटर है. ट्रेन के माध्यम से भी आप मलूटी आ सकते हैं, इसका निकटतम रेलवे स्टेशन रामपुरहाट है. इस गांव में मौजूद उत्कृष्ट टेराकोटा मंदिरों के कारण इसे मंदिरों का गांव भी कहा जाता है. ये मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक केंद्र के रूप में काफी प्रसिद्ध हैं.

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Jharkhand Tourism: जानें मलूटी मंदिर का महत्व

मलूटी गांव में मौजूद मंदिरों का इतिहास कई साल पुराना है. मलूटी में स्थित 108 मंदिरों में से अब केवल 72 मंदिर ही बचे हैं. यहां सबसे पहला मंदिर राजा राखड़चंद्र राय ने 1720 ई में बनवाया था. इसके बाद राजा बाज बसंत के वंशजों ने अन्य मंदिरों का निर्माण करवाया. मलूटी गांव चारों ओर से भगवान विष्णु, मां काली, मां दुर्गा, मनसा देवी, भगवान शिव, मां मौलिक्षा देवी और अन्य देवी-देवताओं के मंदिरों से घिरा हुआ है. यहां मौजूद मां मौलिक्षा का मंदिर पर्यटकों के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र है. यहां दूर-दूर से लोग पूजा अर्चना करने आते हैं. मान्यता है कि यहां आने वाले लोगों की मन्नत जरूर पूरी होती है. यहां हर वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. मलूटी में मौजूद मंदिर, हिंदू धर्म के लोगों के लिए पवित्र धाम है. पौराणिक मान्यता के अनुसार मां मौलिक्षा, मां तारा की बड़ी बहन है. बंगाल का प्रसिद्ध पर्यटन और धार्मिक स्थल तारापीठ इस मंदिर से केवल 10 से 15 किलोमीटर दूर है. दुर्गा पूजा के दौरान बड़ी संख्या में लोग मलूटी मंदिर पहुंचते हैं. मलूटी में मौजूद सभी मंदिरों के प्रति श्रद्धालुओं में अपार आस्था और श्रद्धा है.

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