28.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 05:10 pm
28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

रायबार हाड़ाम कान्हूराम मुर्मू अब तक 100 से अधिक जोड़ियों को बंधवा चुके हैं विवाह के बंधन में

Advertisement

कहते हैं कि जोड़ियां आसमानों में बनती है लेकिन रिश्ते जमीन पर निभाए जाते हैं. विवाह का बंधन दो व्यक्तियों काे ही नहीं, बल्कि दो परिवारों को भी जोड़ता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

जमशेदपुर: कहते हैं कि जोड़ियां आसमानों में बनती है लेकिन रिश्ते जमीन पर निभाए जाते हैं. विवाह का बंधन दो व्यक्तियों काे ही नहीं, बल्कि दो परिवारों को भी जोड़ता है. इस कड़ी में रायबार (मैरेज मीडिएटर) की भूमिका भी अहम होता है. उनके बिना सामाजिक विवाह की डोर को बांधना संभव नहीं है. जमशेदपुर प्रखंड अंतर्गत दलदली पंचायत के बानामघुटू गांव निवासी 57 वर्षीय कान्हूराम मुर्मू आदिवासी संताल समाज के रायबार हैं. अब तक उन्होंने 100 से अधिक जोड़ों की शादी करायी है. कान्हूराम का यह कार्य न केवल उनके परोपकार और सेवा भावना का प्रतीक है. उनकी इस पहल से न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सहायता मिली है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी गया है. कान्हूराम की इस अनूठी सेवा ने उन्हें लोगों के बीच एक आदर्श व्यक्ति बना दिया है.
समाज का एक महत्वपूर्ण व्यक्ति है रायबार:परगना
जुगसलाई तोरोफ परगना दशमत हांसदा बताते हैं कि रायबार समाज में अहम रोल है. उनके बिना शादी-विवाह संस्कार संपन्न नहीं हो सकता है. वह परिवार को पारंपरिक सामाजिक नियम व प्रावधान के तहत जोड़ने का कार्य करता है. विवाह संस्कार से पूर्व वर व वधू दोनों के पक्ष की बातों ले जाने व ले आने का काम करता है. उनकी मध्यस्थता में ही दोनों के गांव के स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख माझी बाबा, जोग माझी बाबा, वर पक्ष, वधू पक्ष व ग्रामवासी विवाह संस्कार लेकर बैठते हैं और उसे अंतिम रूप से दिया जाता है. वे बताते हैं कि रायबार हाड़ाम का विवाह को संपन्न कराने में अहम योगदान होता है. इसके एवज में उन्हें रुपये-पैसे नहीं, बल्कि वर व वधू पक्ष द्वारा सम्मान में पगड़ी प्रदान किया जाता है.
समाज में रायबार का है अलग स्थान
विवाह संस्कार को संपन्न कराने का मुख्य केंद्र बिंदू रायबार ही होते हैं. गांव देहात में रायबार एक सम्मानित व्यक्ति होते हैं. विवाह योग्य युवक-युवतियों के माता-पिता उनसे मिलकर वर व वधू को ढूंढने की जिम्मेदारी देते हैं. वह उन्हें वर व वधू को ढूंढने में मदद करते हैं. इसके एवज में उन्हें कोई मेहनताना नहीं मिलता है. बल्कि उनके कार्य के लिए सम्मान में एक विशेष पगड़ी दी जाती है. जो सामाजिक दृष्टिकोण से बहुत ही सम्मानित पगड़ी होती है.
सामाजिक कार्य में अलग शांति व खुशी का अहसास होता है
कान्हूराम मुर्मू बताते हैं कि वे 1982 से ही रायबार हाड़ाम का काम कर रहे हैं. रायबार के रूप में सामाजिक कार्य करने के बाद अलग शांति व सकून मिलता है. हर साल दो या तीन जोड़ों को पारंपरिक सामाजिक रीति-रीति रिवाज कराते हैं. विवाह योग्य युवक-युवतियों के माता-पिता उनसे संपर्क करते हैं. फिर उसके पसंद के अनुरूप वर व वधू को ढूंढ़ने में सहयोग करते हैं. दोनों पक्ष को आपस में मिलवाते हैं. वे बताते है कि वे पूर्वजों के बनाये सामाजिक रीति-रिवाज व संस्कृति से विशेष लगाव रखते हैं. वे चाहते हैं कि नयी पीढ़ी भी सामाजिक व सांस्कृतिक चीजों से प्रेम करे. साथ ही उनके अनुरूप आचरण भी करे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें