15.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 05:48 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

पर्यावरण बचाना है तो हर एक को रोपने होंगे पौधे

Advertisement

पर्यावरण बचाना है तो हर एक को रोपने होंगे पौधे

Audio Book

ऑडियो सुनें

मुजफ्फरपुर.भीषण गर्मी से सभी लाेग परेशान हैं. हर वर्ष जलवायु संकट का यह दौर बढ़ता जा रहा है. बावजूद हमलोग सजग नहीं हो रहे हैं. जिस हिसाब से पेड़ काटे जा रहे हैं और कंक्रीट का शहर बसाया जा रहा है, उससे आने वाले समय में ग्लोबल वार्मिंग का संकट और गहराता जायेगा. विश्व पर्यावरण दिवस पर हमलोग कुछ पौधे जरूर लगाते हैं, लेकिन वर्ष भर पौधरोपण का अभियान नहीं चलता. पर्यावरण संतुलन की जिम्मेदारी सभी नागरिकों की है. जब तक हम पौधे नहीं रोपेंगे, तब तक इस समस्या का निदान नहीं होने वाला है. अब भी वक्त है. हमें पौधरोपण के लिए आगे आना होगा. हर आदमी सप्ताह में एक पौधे भी लगाये तो एक वर्ष में शहर से लेकर गांव तक हरियाली हो जायेगी. इससे न केवल तापमान में कमी आयेगी, बल्कि प्रदूषण भी कम होगा और सांस लेने के लिए हमें अच्छी हवा मिलेगी. शहर की कुछ संस्थाओं ने यह संकल्प लिया है कि वे वर्ष भर पौधे रोपेंगी. इसके लिए दूसरों को वे जागरूक भी करेंगी. यहां कुछ संस्था के प्रतिनिधियों की बात रखी जा रही है- पौधरोपण से ही बचेगी हमारी पृथ्वी

पौधरोपण से ही हम अपनी पृथ्वी को बचा सकते हैं. ग्लोबल वार्मिंग का जो दौर चल रहा है, उससे भविष्य में आने वाला संकट अब दिखने लगा है. हम सभी ने पूरे वर्ष पौधे लगाने का संकल्प लिया है. साथ ही इस बात की अपील भी की है कि अन्य लोग भी इस अभियान से जुड़ें और पौधरोपण कर ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से अपने क्षेत्र को बचायें.

- Advertisement -

– बीके उप्पल, महासचिव, प्रगतिशील सीनियर सिटीजन कौंसिल

पूरे वर्ष पौधरोपण के लिए चलायेंगे अभियान

पौधरोपण आज के समय के हिसाब से बहुत जरूरी है. पिछले दिनों तेज गर्मी से देश भर में बहुत सारे लोगों की जान चली गयी. यह इस बात का संकेत है कि आने वाला समय इससे भी अधिक भयावह होने वाला है. हमें इससे अभी ही सचेत हो जाना चाहिये. हम सभी पूरे साल भर पौधराेपण करेंगे. मॉनसून सीजन में अधिक संख्या में पौधे लगायेंगे, जिससे पौधे सूखे नहीं और जल्दी बढ़ें.

– उदय शंकर प्रसाद सिंह, सचिव, रेड क्रास

पौधरोपण के लिए दूसरों को भी जागरूक करेंगे

मारवाड़ी युवा मंच हमेशा से सामाजिक कार्य करती रही है. इस बार हमलोगों ने पौधरोपण को अभियान की तरह चलाने का निर्णय लिया है. इसे हमलोगों ने अपने प्रोजेक्ट में शामिल किया है. शहर से लेकर गांव तक पौधरोपण करेंगे और इससे अधिक संख्या में लोगों को जोड़ेंगे. पौधरोपण के साथ इस बात का भी ख्याल रखेंगे कि लगाये गये पौधे सूखे नहीं. स्कूलों में इसके लिए संपर्क करेंगे.

– गोपाल भरतिया, सचिव, मारवाड़ी युवा मंच

एक साल तक चलेगा पौधरोपण का अभियान

पौधरोपण की शुरुआत हमलाेग पांच जून से कर रहे हैं. यह लगातार चलेगा. अब एक दिन पौधा लगाने से कुछ नहीं होने वाला है. एक साल तक इस अभियान को लेकर चलना है. इसके बाद हमलोग देखेंगे कि इस अभियान से कितना फर्क पड़ा है. इसके बाद इसे नियमित किया जायेगा. हमलोगों ने सभी संस्थाओं से अपील की है कि वे अधिक संख्या में पौधरोपण कर पर्यावरण को बचाये

– दीपिका जाजोदिया, मीडिया प्रभारी, संस्कृति शाखा

व्रत-त्योहारों में भी छिपा है पर्यावरण संतुलन के संदेश

हमारे व्रत त्योहार में भी पर्यावरण संतुलन का संदेश छिपा हुआ है. वट सावित्री पूजा में महिलाएं बरगद के वृक्ष की पूजा करती हैं और उसे लंबे समय तक सुरक्षित रखने की कामना से सूत से बांधती हैं. लोक पर्व छठ भी हमें पर्यावरण से जुड़ने का संदेश देता है. तालाब और नदी घाटों की सफाई के साथ बांस से बने सूप व दउरा में व्रती अर्घ्य देती हैं. बांस का उपयोग पेड़ों के संरक्षण का संदेश है. पेड़ न सिर्फ हमारे पर्यावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि जीवन के लिए उपयोगी प्राणवायु भी उपलब्ध कराते हैं. पेड़ वायुमंडल की घातक जहरीली गैसों को खुद पी जाते हैं और हमें जीवन-वायु देते हैं. यही कारण है कि पेड़ों को शिव कहा गया है और यजुर्वेद में शिव को वृक्षों का स्वामी कहा गया है. सनातन-धर्म में देव-शयनी एकादशी से देव-उठनी एकादशी तक चार माह सृष्टि का प्रभार पशुपति नाथ पर बताया गया है और ग्रंथों में पीपल, बरगद, आंवला को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना गया है. इन वृक्षों की पूजा के साथ इन्हें लगाने की परंपरा रही है.

पर्यावरण संरक्षण के विषय में अपने सुझाव हमें लिखें

पर्यावरण संरक्षण कैसे हो, इसके लिए लोगों को क्या करना चाहिये. प्रशासनिक स्तर पर क्या व्यवस्था हो और आम आदमी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह किस तरीके से करे? इस सभी विषयों पर आप अपनी राय भेज सकते हैं, हम उसे प्रकाशित करेंगे. पाठकों से अनुरोध है कि वह अपने विचार व्हाटस्एप से मोबाइल नंबर 7004200889 पर भेज दें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें