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विश्वभारती के गेस्ट हाउस के दर्जनों कमरे धार्मिक कार्यक्रम के लिए आवंटित, उपजा विवाद

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विश्वभारती के प्रवक्ता ने कहा, "विश्वभारती गेस्ट हाउस को भारत का कोई भी नागरिक या प्रामाणिक संस्था उचित माध्यम से बुक कर सकती है. मामले में भी ऐसा ही हुआ है. इसके अलावा, धार्मिक कार्यक्रम, आईएफए और अन्य दो कैंपस के बाहर विश्व-भारतीय में आयोजित किया जा रहा है.

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बोलपुर, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल में धार्मिक कार्यक्रम के लिए विश्वभारती (Visva-Bharati) के गेस्ट हाउस के कमरों को बाहरी संस्था को आवंटित किये जाने को लेकर यहां विवाद नहीं थम रहा है. इस बीच माकपा की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) ने आरोप लगाया कि भगवा शक्तियां विश्वभारती परिसर में धार्मिक गतिविधियां करने वाली हैं और ऐसे एक संगठन को यहां के गेस्ट हाउस में 12 से ज्यादा कमरे आवंटित किये गये हैं. इस पर विश्वभारती के अधिकारियों ने कहा, “विश्वविद्यालय परिसर के अंदर किसी भी धार्मिक सभा की अनुमति नहीं दी गयी है.

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एसएफआइ का आरोप, केंद्रीय विश्वविद्यालय का हो रहा भगवाकरण

लेकिन विश्वविद्यालय से संचालित गेस्ट हाउस के किसी भी कमरे को लागू दरों पर प्रामाणिक संगठन बुक कर सकते हैं. एसएफआइ ने एक दिन पहले उन रिपोर्टों का हवाला देते हुए ”‘भगवाकरण’ का आरोप लगाया और कहा है कि पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती बोलपुर सभागार में तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेंगे और शांतिनिकेतन के रतनकुठी स्थित गेस्ट हाउस में ठहरेंगे. एसएफआइ ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति को लिखे मेल में दावा किया है कि कुछ दिन पहले परिसर के आसपास उक्त धार्मिक आयोजन के सामूहिक पोस्टर दिखे थे, जिसमें ”आश्रम प्रांगण” भी शामिल है. विश्वभारती परिसर कविगुरु रबींद्रनाथ टैगोर के मूल्यों व आदर्शों पर बना एक शांत स्थान है, जो हाल में ऐसी गतिविधियों से सीधे प्रभावित होता है.

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वामपंथी छात्र संगठन ने उठाया सवाल

वामपंथी छात्र संगठन की ओर से कहा गया कि विश्वभारती ने हमेशा सरस्वती पूजा या दुर्गापूजा जैसी धार्मिक उत्सवों को मनाने से परहेज किया है. इस बाबत रजिस्ट्रार अशोक कुमार महतो ने कहा, “विश्वभारती में किसी भी धार्मिक सभा के आयोजन या अनुमति नहीं दी गयी है. हां, ऐसी खबरें अखबारों में पढ़ी हैं कि शंकराचार्य का कार्यक्रम गीतांजलि परिसर में होना है, जो जैसा कि आप जानते हैं, हमारे परिसर के बाहर है.’ इसका स्वामित्व या प्रबंधन विश्वभारती के पास नहीं है. पुरी के पीठाधीश्वर शंकराचार्य के विश्वविद्यालय संचालित गेस्ट हाउस में ठहरने के सवाल पर रजिस्ट्रार ने आगे कहा, “मेरे पास अभी अतिथि विवरण नहीं है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि गेस्ट हाउस को लागू किराये पर बुक किया जा सकता है.

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 विश्वभारती के अधिकारियों ने दी सफाई – कोई भी बुक करा सकता है गेस्ट हाउस के कमरे

इस बाबत विश्वभारती के प्रवक्ता ने कहा, “विश्वभारती गेस्ट हाउस को भारत का कोई भी नागरिक या प्रामाणिक संस्था उचित माध्यम से बुक कर सकती है. मामले में भी ऐसा ही हुआ है. इसके अलावा, धार्मिक कार्यक्रम, आईएफए और अन्य दो कैंपस के बाहर विश्व-भारतीय में आयोजित किया जा रहा है. विश्वभारती यूनिवर्सिटी फैकल्टी एसोसिएशन (वीबीयूएफए) के पदाधिकारी कौशिक भट्टाचार्य ने कहा, “हमारी जानकारी के अनुसार, जिस संगठन ने पुरी के शंकराचार्य को आमंत्रित किया था, वो धार्मिक संस्था है, जिसका भाजपा से संबंध नहीं है.” लेकिन विश्वविद्यालय की संपत्ति का उपयोग कभी भी किसी धार्मिक गतिविधि के लिए नहीं किया जाना चाहिए – ना ही परिसर में ऐसे कार्यक्रम के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए, जो रबींद्रनाथ टैगोर व उनके पिता महर्षि देबेंद्रनाथ टैगोर (जो निराकार ब्रह्म को मानते थे) के प्रसारित आदर्शों के अनुरूप नहीं है” बताया गया है कि आगामी पांच से सात जून तक बोलपुर गीतांजलि सभाकक्ष में राष्ट्रोत्कर्ष सम्मेलन होगा, जिसे लेकर पुरी के पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती यहां पधारने वाले हैं.

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