21.1 C
Ranchi
Monday, February 10, 2025 | 08:32 pm
21.1 C
Ranchi
HomeBiharGopalganjसांप के डसने पर झाड़-फूंक नहीं, पीड़ित का इलाज कराएं

सांप के डसने पर झाड़-फूंक नहीं, पीड़ित का इलाज कराएं

- Advertisment -

गोपालगंज. अगर आपको सांप ने डस लिया है, तो झाड़फूंक न कराएं. ऐसी घटना होने पर तत्काल सरकारी अस्पताल में पहुंचकर उपचार कराएं. उमस भरी गर्मी में सर्पदंश की घटनाओं से दियारा इलाके के लोग त्रस्त हैं. विगत दो माह में दो सौ से अधिक लोग सर्पदंश के शिकार हुए, इसमें से सात लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें इलाज के लिए जागरूकता की कमी और अंधविश्वास की भी भूमिका है. जिसे विषैले सांप ने डस लिया उनमें अधिकतर की मौत हो गयी. वैसे जून से लेकर जुलाई माह तक सांप डसने की घटना चरम पर होती है. जिले की कुल घटनाओं का 40 फीसदी अकेले दियारा क्षेत्र में होती है. बीते मंगलवार को सर्पदंश से विशंभरपुर में एक किसान की तथा थावे में युवती की मौत हो गयी थी. डॉक्टरों के मुताबिक झाड़- फूंक कराने के बाद सदर अस्पताल पीड़ित को लेकर पहुंचे थे. तब तब काफी विलंब हो चुका था. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अधिकतर लोग सर्पदंश की घटना होने के बाद स्वास्थ्य केंद्र जाने की बजाय झाड़-फूंक के चक्कर के पड़ जाते हैं. जब स्थिति बिगड़ने लगती है, तब वे अस्पताल का रुख करते हैं. तब तक जहर पूरे शरीर में फैल जाता है और बचाना मुश्किल होता है. वहीं सांप डसने की घटना में अधिकतर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से पीड़ित की रेफर कर दिया जाता है. कई बार रिस्क लेने के बदले डॉक्टर एंटी वेनम नहीं होने का बहाना बना डालते हैं और सदर अस्पताल पहुंचते-पहुंचते पीड़ित की मौत हो जाती है. इस संबंध में सीएस डॉ बीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी वेनम उपलब्ध है. सर्पदंश से पीड़ित को बचाया जा सकता है. इसके लिए जागरूकता व इलाज आवश्यक है. पीड़ित का तत्काल इलाज होना चाहिए. अधिकतर लोग अस्पताल बहुत देर से पहुंचते हैं, तब तक जहर शरीर में फैल चुका होता है और बचना-बचाना कठिन होता है. बाढ़ के मौसम में नेपाल की तराई से आनेवाले सांप ज्यादा जहरीले होते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

गोपालगंज. अगर आपको सांप ने डस लिया है, तो झाड़फूंक न कराएं. ऐसी घटना होने पर तत्काल सरकारी अस्पताल में पहुंचकर उपचार कराएं. उमस भरी गर्मी में सर्पदंश की घटनाओं से दियारा इलाके के लोग त्रस्त हैं. विगत दो माह में दो सौ से अधिक लोग सर्पदंश के शिकार हुए, इसमें से सात लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें इलाज के लिए जागरूकता की कमी और अंधविश्वास की भी भूमिका है. जिसे विषैले सांप ने डस लिया उनमें अधिकतर की मौत हो गयी. वैसे जून से लेकर जुलाई माह तक सांप डसने की घटना चरम पर होती है. जिले की कुल घटनाओं का 40 फीसदी अकेले दियारा क्षेत्र में होती है. बीते मंगलवार को सर्पदंश से विशंभरपुर में एक किसान की तथा थावे में युवती की मौत हो गयी थी. डॉक्टरों के मुताबिक झाड़- फूंक कराने के बाद सदर अस्पताल पीड़ित को लेकर पहुंचे थे. तब तब काफी विलंब हो चुका था. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अधिकतर लोग सर्पदंश की घटना होने के बाद स्वास्थ्य केंद्र जाने की बजाय झाड़-फूंक के चक्कर के पड़ जाते हैं. जब स्थिति बिगड़ने लगती है, तब वे अस्पताल का रुख करते हैं. तब तक जहर पूरे शरीर में फैल जाता है और बचाना मुश्किल होता है. वहीं सांप डसने की घटना में अधिकतर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से पीड़ित की रेफर कर दिया जाता है. कई बार रिस्क लेने के बदले डॉक्टर एंटी वेनम नहीं होने का बहाना बना डालते हैं और सदर अस्पताल पहुंचते-पहुंचते पीड़ित की मौत हो जाती है. इस संबंध में सीएस डॉ बीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी वेनम उपलब्ध है. सर्पदंश से पीड़ित को बचाया जा सकता है. इसके लिए जागरूकता व इलाज आवश्यक है. पीड़ित का तत्काल इलाज होना चाहिए. अधिकतर लोग अस्पताल बहुत देर से पहुंचते हैं, तब तक जहर शरीर में फैल चुका होता है और बचना-बचाना कठिन होता है. बाढ़ के मौसम में नेपाल की तराई से आनेवाले सांप ज्यादा जहरीले होते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, टेक & ऑटो, क्रिकेट राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां.

- Advertisment -

अन्य खबरें

- Advertisment -
ऐप पर पढें