बनकटवा. सूबे की सरकार द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए ढैंचा बीज का वितरण प्रखंड वार किया जा रहा है. इसी कड़ी में शनिवार को प्रखण्ड कार्यालय के प्रांगण में सेमिनार के माध्यम से ढैंचा बीज का वितरण किसानों में किया गया. कृषि समन्वयक सुधीर कुमार ने बताया कि प्रखण्ड के किसानों के बीच 22 क्विंटल 64 किलोग्राम घईचा वितरित किया गया है. घईचा की खेती से खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ती है. घैंचा खेती करने का तरीका है कि जेठ महीना में खेतों की जुताई किया जाता है. जब आषाढ़ में धान के बिचड़े रोपनी के लिए तैयार हो जाती है. तब जिस खेत मे घईचा लगी होती है उस घईचा की मसहनी की जाती है अर्थात खेत मे पानी होने पर घईचा को जोत दिया जाता है.कीचड़ में जब दो तीन दिन में जब ढैंचा सड़ जाता है तब उसकी फिर से मसहनी कर दी जाती है और उस खेत में धान के बीचड़े लगाया जाता है.जिस खेत में ढैंचा के बाद धान की रोपाई की जाती है. उस खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है.जिससे धान फसल व उसके बाद वाली फसल की उपज बढ़ जाती है.
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