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एकता शक्ति फाउंडेशन के बने खाना को नहीं खाना चाह रहे छात्र-छात्राएं

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घटिया भोजन के कारण अब स्कूली बच्चे इसे खाने से मुंह मोड़ने लगे हैं.

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एकता शक्ति फाउंडेशन के बने खाना को नहीं खाना चाह रहे छात्र-छात्राएं बेनीपुर. नगर परिषद व प्रखंड क्षेत्र के 176 प्राथमिक, मध्य, संस्कृति तथा मदरसा के छात्र-छात्राओं को एकता शक्ति फाउंडेशन के द्वारा पका-पकाया भोजन दिया जा रहा है, लेकिन घटिया भोजन के कारण अब स्कूली बच्चे इसे खाने से मुंह मोड़ने लगे हैं. इसे लेकर कई विद्यालय के एचएम ने एमडीएम प्रभारी से शिकायत की है. विदित हो कि नगर परिषद वं ग्रामीण क्षेत्र के सभी विद्यालय के बच्चों को पूर्व में स्कूल की रसोइया द्वारा तैयार ताजा मध्याह्न भोजन कराया जाता था. वहीं नई व्यवस्था के तहत गत एक अप्रैल से इसकी जिम्मेदारी एकता शक्ति नामक फाउंडेशन को दिया गया. एक अप्रैल से प्रखंड के सभी विद्यालयों को डब्बा बंद भोजन उपलब्ध कराना फाउंडेशन ने शुरू कर दिया, लेकिन फाउंडेशन की ओर से बच्चों को दिये जा रहे खाना की गुणवत्ता को देखने वाला कोई नहीं है. शिक्षकों ने बताया कि अपने मनमर्जी के अनुसार उनके द्वारा पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराया जाता है. इसे अब बच्चे खाने को तैयार नहीं हैं. इसे लेकर कई बार शिकायत भी की गयी, लेकिन कोई अधिकारी इस ओर नजर नहीं दे रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि आधी रात का बना खाना दिन के 10 बजे फाउंडेशन के द्वारा विद्यालय को उपलब्ध कराया जाता है. इस गर्मी के मौसम में वह खराब हो जाता है. ऊपर से खाना भी घटिया रहता है. इसके कारण बच्चे इसे खाने से इनकार कर रहे हैं. इस संबंध में पूछने पर फाउंडेशन के प्रबंधक संजीव कुमार मिश्र ने कहा कि ग्रीष्मावकाश के बाद पहले दिन विद्यालय खुले हैं. बच्चों का अंदाजा नहीं था. इसलिए थोड़ी-बहुत त्रुटि हुई है. इसमें शनिवार से सुधार कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि सामान्य दिनों में 18 से 20 हजार बच्चों के लिए खाना बनता है. आज भी 13-14 हजार बच्चों के लिए खाना बना था. वही एमडीएम प्रभारी गोपालजी चौधरी ने बताया कि कई विद्यालय से घटिया भोजन दिए जाने की शिकायत मिली है. इसमें सुधार करने की हिदायत फाउंडेशन के प्रबंधक को दी गयी है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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