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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा के उन्नत इनपुट योजना से मत्स्य पालक हो रहे समृद्ध

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जिले के 58 लाभुकों को वित्तीय वर्ष 2023- 24 में मिला लाभ

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कटिहार. मछली पालन को लेकर उन्नत इनपुट योजना के तहत मिलने वाले अनुदान से 2023-24 में 58 लाभुक समृद्ध हुए हैं. कटिहार सदर प्रखंड में सबसे अधिक 15 मछली पालकों व कोढ़ा में करीब 13 मछली पालकों समेत अन्य प्रखंडों में चार लाख हेक्टेयर इकाई लागत के रूप में चार लाख रूपया अलग अलग अनुदान के साथ उपलब्ध कराया जाता है. उन्नत इनपुट योजना के तहत जिले के अलग-अलग प्रखंडों व अलग-अलग वर्गों को कुल 22 हेक्टेयर टारगेट दिया गया था. जिसमें सामान्य को 15 हेक्टेयर, ईबीसी को तीन, एससी को तीन एवं एसटी को एक हेक्टेयर टारगेट फिंगर लिंग को पालने के लिए दाना व दावा के रूप में दिया गया. इनलोगों ने इसे पालपोषकर बाजार में उपलब्ध कराना था. टारगेट पूरा कर मत्स्यपालकों द्वारा मिले टारगेट को पूरा कर अपनी जिंदगी संवार रहे हैं. इन मछली पालकों द्वारा फिंगर लिंग साइज को दाना, दवा, चोकर खली खिलाने के लिए अनुदान के रूप में एससी, एसटी और ईबीसी को 70 प्रतिशत एवं सामान्य को 50 प्रतिशत अनुदान दिये जाने का प्रावधान है. इसके लिए ऐसे मत्स्य पालकों से ऑनलाइन कागजातों की मांग की जाती है. जिसमें एलपीसी रसीद, नक्शा, सहमति, बैंक पासबुक के साथ आधार की डिमांड की जाती है. इस योजना के तहत मत्स्य पालकों को प्रतिहेक्यर तीन सौ किलो फिंगर लिंग डालने को लेकर लागत के रूप में चार लाख इकाई लागत है. जिसमें अलग अलग वगों को सामान्य को पचास प्रतिशत, एसटी,एससी, इबीसी को 70 प्रतिशत अनुदान दिये जाने का प्रावधान हैं. लाभुकों को अनुदान का लाभ दो किश्तों में दिये जाने का प्रावधान है.

तीन भागों में बांटकर मछलियों को बड़ा करते हैं पालक

विभागीय कर्मियों की माने तो जिले में अलग-अलग मछलियों में कतला, सिल्वर, रोहू, ग्रास, मृगल, कॉमन कार्प, रूपचंद, पंगास शामिल हैं. जिसे अलग अलग तरीकों से पालन कर करीब एक से दो किलो होने पर उसे बाजार पहुंचाते हैं. मत्स्य विभाग के पदाधिकारियों की माने तो सरफेस में कतला, सिलवर, मीडिल में रोहू और ग्रास तथा नीचले भाग में मृगन और कॉमन कार्प समेत अन्य मछलियां पलने वाली हैं. विषकर इन मछलियों को बड़ा करने में दाना के लिए अनुदान दी जाती है. जिसमें फ्लोटिंग फीड, सरसों खली समेत अन्य कई तरह की दवाएं शामिल हैं.

कहते हैं मत्स्य पदाधिकारी

मत्स्य पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि जिले को विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 में अलग-अलग वर्गों को 22 हेक्टेयर का टारगेट दिया गया था. जिसे शत प्रतिशत पूरा कर लिया गया. उन्नत इनपुट योजना के तहत कुल 58 लाभुकों को इसका लाभ मिल चुका है. नये वित्तीय वर्ष के लिए टारगेट अप्राप्त है. इस योजना के अलावा कई और अन्य योजनाएं शामिल हैं. जिससे मछली पालकों को लाभ मुहैया कराया जाता है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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