रांची (मुख्य संवाददाता). मंत्री आलमगीर आलम 12:10 बजे दूसरे दिन की पूछताछ के लिए इडी कार्यालय पहुंचे थे. करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया गया. मंत्री की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही इडी कार्यालय के पास मीडिया कर्मियों का जमावड़ा लग गया. वहीं, सुरक्षा व्यवस्था कायम करने के लिए झारखंड पुलिस और सीआइएसएफ के अतिरिक्त जवानों को लगा दिया गया था.
इधर, शाम 7:33 बजे आलमगीर आलम की पत्नी, बेटी और दामाद भी इडी कार्यालय पहुंचे. हालांकि वह बिना कुछ बोले कार्यालय के अंदर चले गये. वहीं, सूचना मिलने पर एनएसयूआइ व कांग्रेस के कई कार्यकर्ता भी ईडी कार्यालय के समक्ष जमा हो गये. रात नौ बजे के बाद तक इडी कार्यालय के सामने मीडिया कर्मियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा हुआ था.डॉक्टरों ने की जांच, बढ़ा मिला बीपी
आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद सदर अस्पताल की टीम शाम 7.10 बजे जांच के लिए पहुंची. अस्पताल से डॉ मयूर को मंत्री के स्वास्थ्य की जांच के लिए आये थे. जांच के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि आलमगीर आलम का स्वास्थ्य ठीक है. थोड़ा बीपी बढ़ा हुआ है, जिसके लिए दवा का परामर्श कर दिया गया है. दवा दी गयी है. यहां बता दें कि आलमगीर आलम पहले से ही शुगर व बीपी की बीमारी से पीड़ित है और नियमित दवाएं खा रहे हैं.टाइमलाइन
दोपहर 12.10 बजे@ इडी कार्यालय पहुंचे थे आलमगीर आलमशाम 6:45@ बजे इडी कार्यालय के सामने मीडिया कर्मियों का लगा जमावड़ा, पुलिस गतिविधि बढी.
शाम 7:10 @बजे सदर अस्पताल से डॉ मयूर कुमार आलमगीर आलम की मेडिकल जांच करने पहुंचे.शाम 7:33@ बजे इडी कार्यालय पहुंची आलमगीर आलम की पत्नी,बेटी और दामाद.
शाम 7.38@ बजे इडी कार्यालय से बाहर निकलेइडी के चंगुल में ऐसे आये आलमगीर
– अवैध खनन घोटाले की जांच के दौरान आलमगीर आलम पर इडी की नजर पड़ी.– बरहरवा टोल प्लाजा विवाद में पंकज मिश्रा, आलमगीर आलम सहित अन्य नामजद अभियुक्त बनाये गये.
– तब के डीएसपी ने 24 घंटे में सुपरविजन कर पंकज मिश्रा और आलमगीर आलम को निर्दोष करार दिया.– इसी वजह से पंकज मिश्रा और आलमगीर आलम के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दायर नहीं किया.
– दूसरी बार इडी ने ग्रामीण कार्य विभाग में कमीशनखोरी की जांच के दौरान बीरेंद्र राम पर नजर रखना शुरू किया.– एक साल तक की जांच पड़ताल के बाद इडी ने कार्यपालक अभियंता बीरेंद्र राम व अन्य के यहां छापा मारा.
– गिरफ्तारी के बाद बीरेंद्र राम ने ग्रामीण विकास विभाग में कमीशनखोरी के मामले में अपना बयान दर्ज कराया.– बीरेंद्र राम ने मंत्री के आप्त सचिव संजीव लाल, बड़े अफसरों और नेताओं को कमीशन देने की बात स्वीकार की.
– बीरेंद्र राम के बयान के आलोक में इडी ने मंत्री के आप्त सचिव व निजी सहायक सहित अन्य के ठिकानों पर छापा मारा.– निजी सहायक जहांगीर आलम के घर से 32.20 करोड़ रुपये नकद जब्त करने के बाद संजीव लाल व जहांगीर को गिरफ्तार किया.
– जांच में मिले तथ्यों के आधार पर मंत्री आलमगीर आलम से पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है