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Lok Sabha Election 2024: सिंदरी में चुनावी मुद्दा बन गया है फर्टिलाइजर कंपनी के आवासों में बने रहना या निकाला जाना

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सिंदरीवासियों के लिए लोकसभा चुनाव 2024 उम्मीद की बड़ी किरण है. लोगों का कहना है कि जो भी उम्मीदवार उनके लिए काम करेगा वह उन्हें ही वोट देंगे.

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सिंदरी(धनबाद), अजय उपाध्याय :- लोकसभा चुनाव में सिंदरी शहर के एफसीआईएल आवासों में रह रहे लोगों की सबसे बड़ी समस्या प्रबंधन की आवास नीति है. इसको सिंदरी की जनता ने सिरे से नकार दिया है. इसको नकारते हुए लगभग 3 हजार आवासों में रह रहे लोगों में मात्र 217 लोगों ने नयी नीति के तहत 30 अप्रैल 2024 तक आवेदन किया था.

प्रबंधन लोकसभा चुनाव के खत्म होने के इंतजार में

वैसे तो एफसीआईएल प्रबंधन की आवास नीति में जल्द बदलाव, दुकानों और झुग्गी झोपड़ी की समस्या, युवाओं को रोजगार, स्ट्रीट लाइट, मोडरेट शौचालय, सिंदरी बस्ती में विस्थापन प्रमाणपत्र सहित कई मुद्दे शामिल हैं. लेकिन सिंदरीवासियों की प्रमुख समस्या आवास है. प्रबंधन लोकसभा चुनाव के खत्म होने के इंतजार में बैठी है. ताकि वह सिंदरी के डोमगढ़ आवासों को खाली कराकर सेल टासरा प्रबंधन को कोयला खनन के लिए दे सके. इसके साथ ही सिंदरी के मनोहरटाँड़ और एसएलटू के घरों को ध्वस्त कर अन्य प्रोजेक्ट के लिए जमीन तैयार कर सके.

जो देगा गारंटी उसे देंगे वोट

सिंदरीवासी नई आवास नीति में बदलाव की गारंटी देने वाले प्रत्याशी को अपना नेता चुनना चाहती है. ताकि भविष्य में प्रबंधन की कार्रवाई पर उसे भावी धनबाद सांसद का सहयोग मिल सके. इससे लगभग 4500 आवास में रह रहे परिवार प्रभावित होंगे.

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प्रबंधन झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने को तैयार

इसके साथ ही सिंदरी के फुटपाथ दुकानदारों और झुग्गी झोपड़ियों में रह रहे लोगों को हटाने की तैयारी भी एफसीआईएल प्रबंधन कर रही है. यह मुद्दा भी बड़ी समस्याओं में शामिल है और सिंदरी के फुटपाथ दुकानदारों और झुग्गी झोपड़ी में रहनेवाले भी अपने रहनुमा की तलाश में मतदान करने की तैयारी कर चुकने की बात बता रहे हैं. इससे सिंदरी शहर के लगभग 300 फुटपाथ दुकानदारों और झुग्गी झोपड़ी में रह रहे लगभग 200 परिवार प्रभावित होंगे.

पीएम ने एक मार्च को किया था उद्धघाटन

वर्ष 2018 में सिंदरी में हर्ल सिंदरी प्रोजेक्ट का शिलान्यास पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया था और इसका उद्धघाटन पिछले 1 मार्च को प्रधानमंत्री के हाथों हुआ था. इसके साथ ही एसीसी सिमेंट फैक्ट्री में नये प्रोजेक्ट और टासरा प्रोजेक्ट के आने के बाद भी सिंदरी के युवाओं के हाथ खाली हैं. सिंदरी के युवाओं को रोजगार की गारंटी अभी तक नहीं मिल सकी है. स्थानीय नेता अपने अपने स्तर से आंदोलन कर इसपर कार्य कर चुके हैं लेकिन कोई रिजल्ट आता दिखाई नहीं दे रहा है.
सिंदरी में लो वोल्टेज के साथ ही स्ट्रीट लाइट की सुविधा भी नगन्य के बराबर है. धनबाद नगर निगम द्वारा लगाए गए स्ट्रीट लाइट ज्यादातर खराब हो चुके हैं और इसको लेकर देर शाम के बाद सड़कों पर अंधेरा पसर जाता है.

मोडरेट शौचालय बड़ा चुनावी मुद्दा

सिंदरी शहर के मुख्य मुद्दों में मोडरेट शौचालय भी एक बड़ा मुद्दा है. धनबाद नगर निगम ने सिंदरी के कई स्थानों पर मोडरेट शौचालय सहित स्थायी शौचालय का निर्माण कराया है. लेकिन या तो वो खराब हैं या उनमें ताला लटका हुआ है. इससे लोगों को शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है. शहरपुरा बाजार में बने शौचालय में ताला लटकने के कारण कार्यरत महिलाओं और ग्राहकों को इसकी परेशानी झेलनी पड़ रही है. महिलाओं की शिकायत पर ही इसका निर्माण कराया गया था. परंतु वह ढाक के तीन पात निकला.

एक समय सिंदरी था विश्व प्रसिद्ध

सिंदरी टाउनशिप के नाम से विश्व में मशहूर शहर को अपना नाम देनेवाली सिंदरी बस्ती आज गुमनामी का दंश झेल रही है. एफसीआईएल सिंदरी खाद कारखाना के निर्माण के समय यहाँ के परिवारों की भूमि अधिग्रहित की गई थी. परंतु 76 वर्ष बीत जाने के बाद भी विस्थापन प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण यहाँ रह रहे ग्रामीण सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं.

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