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Parenting Tips : अपने बच्चे के भाषाई कौशल को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो अपनाएं ये तरीका

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Parenting Tips : एक अभिभावक के नाते हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा हर क्षेत्र में आगे रहे. चाहे वो खेलकूद हो या पढ़ाई. इसके अलावा हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा घर पर आने वाले मेहमानों और संबंधियों के साथ बेहतर ढंग से बातचीत करे. लेकिन, अच्छे तरीके से संवाद […]

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Parenting Tips : एक अभिभावक के नाते हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा हर क्षेत्र में आगे रहे. चाहे वो खेलकूद हो या पढ़ाई. इसके अलावा हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा घर पर आने वाले मेहमानों और संबंधियों के साथ बेहतर ढंग से बातचीत करे. लेकिन, अच्छे तरीके से संवाद करने के लिए अच्छी भाषा का ज्ञान भी होना बहुत जरूरी है. इसलिए बच्चों को कम उम्र से ही भाषा कौशल के बारे में जानकारी देना शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि यह उनके भविष्य के लिए फायदेमंद हो सकता है. हालांकि, बच्चों को कोई भी भाषा में दक्ष बनाना कोई आसान काम नहीं है. क्योंकि, उनके यह काफी बोरिंग काम लगता है. ऐसे में बच्चों को बोझिल तरीके से सिखाने की बजाय खेल-खेल में भाषा से जोड़ना ज्यादा प्रभावशाली उपाय हो सकता है. अगर आप भी अपने बच्चे को भाषाई तौर पर स्किल्ड बनाना चाहते हैं, तो ये आसान तरीके आजमा सकते हैं.

बच्चों को दिलचस्प बातचीत में व्यस्त रखें

अपने बच्चे को दिनभर दिलचस्प बातचीत में व्यस्त रखें. आप जो कुछ भी करते हैं, उन गतिविधियों का जिक्र करें. घर के आसपास की चीजों के बारे में लिखें और दैनिक गतिविधियों के बारे में खुलकर बात करें. इस तरह की गतिविधियां बच्चों को शब्दावली, वाक्य संरचना और संदर्भ को आसानी से समझने में मदद करती हैं. इसके अलावा, परस्पर संवाद से उनका आत्मविश्वास मजबूत होता है और भाषा को समझने में मदद मिलती है.

​हमेशा जोर-जोर से पढ़ने को कहें

पेरेंटिंग विशेषज्ञ सोनल कात्याल के अनुसार, “बच्चों के भाषा विकास के लिए जोर-जोर से पढ़ना, काफी फायदेमंद हो सकता है. अभिभावक अपने बच्चों की उम्र के लिहाज से ऐसी पुस्तकों का चयन करें, जिसमें रंग-बिरंगे चित्र और रोमांचक यादों का जिक्र हो. वहीं, सिखाने के क्रम में बच्चों को बीच-बीच में तस्वीरों की ओर इशारा करते हुए प्रश्न भी करें और संभवतः आगे क्या होगा इसकी भविष्यवाणी करके पढ़ने की अवधि को इंटरैक्टिव बनाएं. कहानी कहने जरिये बच्चे अब न केवल अपनी शब्दावली बढ़ाते हैं, बल्कि व्याकरण, वाक्य विन्यास और कथा समझने की क्षमताओं को भी सीखते हैं, जिससे सीखने के लिए एक मजबूत नींव तैयार होती है.

लयबद्ध ढंग से चीजों को याद करें

संगीत और लय लंबे समय तक किसी चीज को याद रखने के लिए काफी शक्तिशाली तरीके हैं. ये तकनीक भाषा को सीखने में भी काफी काम करते हैं. बच्चों को नर्सरी की कविताएं गाने और उनके साथ खेलने के लिए प्रेरित करें. साथ ही वो सभी काम करने की छूट दें, जो अपने आप में काफी अजीब लगते हों. शब्दों को लय के साथ गुनगुनाने से उनके पिच और उच्चारण को पहचानना आसान हो जाता है. इसके साथ ही इसमें हावभाव और मूवमेंट को शामिल करने से किसी भाषा को जल्दी सीखने में मदद मिलती है. इससे बच्चा भी भाषा को सीखने में रुचि लेगा और सारे कॉन्सेप्ट समझने में आसानी होगी.

इंटरएक्टिव ऐप्स और एजुकेशनल वीडियो दिखाएं

बच्चों के भाषा विकास के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गयी शिक्षण सामग्री का भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं. बच्चों को अपने भाषा कौशल को बढ़ाने में इंटरएक्टिव ऐप्स, एजुकेशनल वीडियो और लैंग्वेज लर्निंग गेम्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं. ये टूल्स मजेदार तरीके से भाषा को सीखने में मदद करते हैं. अगर आप भी अपने बच्चे को भाषागत रूप से कुशल बनाना चाहते हैं, तो ऐसी उच्च-गुणवत्ता और उम्र के अनुरूप सामग्री चुनें, जो आपके बच्चे की रुचियों और उम्र से मेल खाती हो. इससे बच्चों को आसानी से शब्दों, स्वरों और भाषाई पैटर्न की पहचान करने में मदद मिलती है.

अलग-अलग भाषाओं को सीखने के लिए माहौल दें

अपने बच्चे को घर और बाहर में ऐसा माहौल दें, जिससे वह अलग-अलग भाषाओं को सीख सके. सप्ताह में एक दिन अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए योजना बनाएं. यदि संभव हो, तो उन कक्षाओं में नामांकन कराएं, जहां अलग-अलग भाषाओं को सिखाया जाता है. इससे बच्चे में सांस्कृतिक बोध का भी ज्ञान होगा. दरअसल, भाषाएं और बोलियां बोलने से भाषाई विविधता और सांस्कृतिक जागरूकता मिलती है. इसके अलावा आप अपने बच्चे को ड्राइंग, माइंड गेम जैसी विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए भी प्रोत्साहित करें, जो स्वाभाविक तौर पर अलग-अलग भाषाओं और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करते हैं.

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