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अप्रैल महीने में ही सोन नदी सूखने के कगार पर

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पिछले करीब 10 दिनों से हरिहरपुर क्षेत्र में प्रचंड गर्मी की वजह से इस इलाके की लाइफ लाइन कही जानेवाली सोन नदी सूखने के कगार पर है. बिहारी व झारखंड के बीच बहने वाली इस नदी के तटवर्ती इलाके में दोनों तरफ करीब 100 गांव बसे हैं. नदी के सूख जाने से आसपास के क्षेत्र का जलस्तर भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो जाता है. इधर जलस्तर कम होने से कोसडीहरा, मेरौनी, लोहरगडा, हूरका, गुरूर व महुआधाम सहित दर्जनों गांवों के कई चापाकलों से पानी कम निकलने लगा है. कुछ जलमीनारों के बोर का जलस्तर भी घटने लगा है. यह स्थिति देख स्थानीय ग्रामीण अभी से चिंतित नजर आ रहे हैं. इस संबंध में स्थानीय निवासी प्रो वीरेंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से अप्रैल माह में ही नदी में पानी समाप्त होने लगा है, इसे ध्यान में रखते हुए अभी से ही लोगों को सचेत एवं जागरूक होने की जरूरत है. सबको जल संचय करना होगा. आवश्यकतानुसार जल का प्रयोग करें तथा बेकार में पानी न बहायें. हरिहरपुर के वरिष्ठ शिक्षक नंद बिहारी सिंह ने भी कहा कि जो भी जल श्रोत हैं, वहां जल संरक्षण को ध्यान में रख कर पानी का उपयोग करें. ऐसा करके ही जल समस्या से निबटा जा सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

पिछले करीब 10 दिनों से हरिहरपुर क्षेत्र में प्रचंड गर्मी की वजह से इस इलाके की लाइफ लाइन कही जानेवाली सोन नदी सूखने के कगार पर है. बिहारी व झारखंड के बीच बहने वाली इस नदी के तटवर्ती इलाके में दोनों तरफ करीब 100 गांव बसे हैं. नदी के सूख जाने से आसपास के क्षेत्र का जलस्तर भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो जाता है. इधर जलस्तर कम होने से कोसडीहरा, मेरौनी, लोहरगडा, हूरका, गुरूर व महुआधाम सहित दर्जनों गांवों के कई चापाकलों से पानी कम निकलने लगा है. कुछ जलमीनारों के बोर का जलस्तर भी घटने लगा है. यह स्थिति देख स्थानीय ग्रामीण अभी से चिंतित नजर आ रहे हैं. इस संबंध में स्थानीय निवासी प्रो वीरेंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से अप्रैल माह में ही नदी में पानी समाप्त होने लगा है, इसे ध्यान में रखते हुए अभी से ही लोगों को सचेत एवं जागरूक होने की जरूरत है. सबको जल संचय करना होगा. आवश्यकतानुसार जल का प्रयोग करें तथा बेकार में पानी न बहायें. हरिहरपुर के वरिष्ठ शिक्षक नंद बिहारी सिंह ने भी कहा कि जो भी जल श्रोत हैं, वहां जल संरक्षण को ध्यान में रख कर पानी का उपयोग करें. ऐसा करके ही जल समस्या से निबटा जा सकता है.

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