20.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 08:52 pm
20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

किशोर न्याय परिषद ने कई अफसरों पर लगाया जुर्माना

Advertisement

किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी निवेदिता कुमारी ने अरवल डीएसपी हेड क्वार्टर, अरवल थाना प्रभारी एवं अनुसंधानकर्ता पर किशोर न्याय अधिनियम एवं बिहार किशोर न्याय नियमावली के नियमों का घोर उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

जहानाबाद नगर. किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी निवेदिता कुमारी ने अरवल डीएसपी हेड क्वार्टर, अरवल थाना प्रभारी एवं अनुसंधानकर्ता पर किशोर न्याय अधिनियम एवं बिहार किशोर न्याय नियमावली के नियमों का घोर उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया है. दरअसल मामला यह है कि अरवल थाने के द्वारा एक विधि विरुद्ध बच्चा को रिक्शा कि बैटरी चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उसे रातभर थाने में रखा गया था. अरवल थाना ने बेंच क्लर्क जहानाबाद से बच्चे के कस्टडी के संबंध में संपर्क किया तो बेंच क्लर्क ने एसएचओ को साफ-साफ शब्दों में कहा कि मामला छोटा है, इसलिए बच्चे के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की जा सकती और किसी भी कीमत पर बच्चे को रात के समय थाने में नहीं रख सकते, बच्चे को सुधार गृह भेजा जा सकता है. परंतु अरवल थाने के द्वारा मामले में विधि विरुद्ध बालक के खिलाफ धारा 379 और 411 के तहत एफआइआर दर्ज की गयी. जबकि बिहार किशोर न्याय नियमावली 2017 नियम 8(1) के अनुसार कोई भी एफआइआर तब तक दर्ज नहीं की जा सकती जब तक कि कोई जघन्य अपराध वयस्क के साथ मिलकर न किया गया हो. किशोर न्याय परिषद ने आगे बताया कि विधि विरुद्ध बालक के विरुद्ध थाने में दर्ज मामला एक मामूली प्रकृति का है इसलिए एफआइआर दर्ज करना नियम के तहत दिये गये प्रावधान का सरासर उल्लंघन है. इस मामले के जांच अधिकारी ने बच्चे का इकबालिया बयान दर्ज किया है, जबकी नियम के अनुसार बच्चे को पकड़ने वाला पुलिस अधिकारी बच्चे से अपना अपराध कबूल करवाने के लिए मजबूर नहीं करेगा. इसलिए इस मामले के जांच अधिकारी ने भी नियम के तहत दिए गए प्रावधान की अनदेखी की है. परिषद द्वारा आगे कहा गया कि बोर्ड द्वारा न्यायिक आदेश पारित करने के दौरान कई बार दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं और एसपी को उक्त दिशा-निर्देशों से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन सभी प्रयास निरर्थक रहे हैं. बच्चों के अभिभावक होने के नाते बोर्ड का यह कर्तव्य है कि वह यह सुनिश्चित करे कि किशोर न्याय अधिनियम के सभी प्रावधानों का बच्चे से संबंधित सभी हितधारकों द्वारा अक्षरशः पालन किया जाए. अधिकारी नियमित रूप से किशोर न्याय अधिनियम एवं बिहार किशोर न्याय नियमावली के नियमों एवं प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं, उन्हें जेजे अधिनियम और नियमों की कोई जानकारी नहीं है. कानून की अज्ञानता कोई बहाना नहीं है. जेजे एक्ट और बिहार जेजे नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए सभी पिछली कवायदें हितधारकों द्वारा अपनाये गये घोर और लापरवाह रवैये के कारण पहले ही निरर्थक हो चुकी हैं. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. कानून का पालन पुलिस अधिकारी नहीं कर रहे हैं. लिहाजा किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी ने न्याय के हित में डीएसपी हेडक्वार्टर अरवल को दस हजार रुपये, जांच अधिकारी एवं थाना प्रभारी को पांच पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें