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मॉक पोल कराये बिना करायी गयी वोटिंग, तो नहीं होगा मान्य, कर्मियों को रहना होगा अलर्ट

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गोपालगंज. छठे चरण के तहत आगामी 25 मई को गोपालगंज में होने वाले मतदान के प्रथम चरण की ट्रेनिंग समाप्त हो गयी. जिला निर्वाचन पदाधिकारी मो मकसूद आलम ने बताया कि प्रशिक्षण की शुरुआत जिला मुख्यालय के तीन प्रशिक्षण केंद्रों पर गत 19 अप्रैल से की गयी थी. एमएम उर्दू प्लस टू स्कूल में सेक्टर पदाधिकारी, पीठासीन पदाधिकारी और मतदान पदाधिकारी प्रथम को ट्रेनिंग दी गयी, जबकि डीएवी प्लस टू स्कूल में मतदान पदाधिकारी द्वितीय को ट्रेनिंग दी गयी, वहीं डीएवी पब्लिक स्कूल थावे में मतदान पदाधिकारी तृतीय को ट्रेनिंग दी गयी. मास्टर ट्रेनरों ने सभी मतदान पदाधिकारियों को बेहतर ढंग से ट्रेनिंग देते हुए उन्हें मतदान कार्य में पूर्ण रूप से सक्षम बनाया ताकि मतदान तिथि को किसी भी मतदान दल के पदाधिकारी को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने पाये. मतदान दल के सभी पदाधिकारी अपने-अपने कर्तव्य और दायित्वों का संपूर्ण जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करते हुए मतदान कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न कर सकें. इसी क्रम में मास्टर ट्रेनर दिलीप कुमार पटेल ने बताया कि बिना मॉक पोल के कराये गये वास्तविक मतदान मान्य नहीं होंगे. ऐसे में मतदान दल के पदाधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह मॉक पोल कराने के बाद ही वास्तविक मतदान की प्रक्रिया को शुरू करें. मॉक पोल वास्तविक मतदान के डेढ़ घंटे पूर्व ही कराया जाना है. मॉक पोल में 50 मत डाले जाते हैं, जिसे सभी मतदान अभिकर्ता को दिखाया भी जाता है. मतदान पदाधिकारी मतदान अभिकर्ता को पूर्ण रूप से विश्वास व पारदर्शिता दिखाकर ही वास्तविक मतदान की शुरुआत करेंगे. उन्होंने बताया कि मॉक पोल की शुरुआत के समय अगर कोई मतदान अभिकर्ता उपस्थित नहीं है, तो 15 मिनट तक प्रतीक्षा करने के बाद ही मतदान दल के अधिकारी मॉक पोल की प्रक्रिया को शुरू कर सकेंगे, जिसकी सूचना पीठासीन पदाधिकारी सेक्टर पदाधिकारी को देने के बाद ही मॉक पोल की प्रक्रिया शुरू होगी. मास्टर ट्रेनर ने ट्रेनिंग के क्रम में बताया कि पीठासीन पदाधिकारी मतदान केंद्र पर पहुंचने वाले बुजुर्ग , दिव्यांग व छोटे बच्चों वाली महिला वोटरों को प्राथमिकता दी जानी है. उनका वोट अन्य मतदाताओं की तुलना में जल्द ही कराकर उन्हें मतदान केंद्र से वापस भेजा जाना है. इसके लिए मतदान केंद्र पर विशेष वोटरों के लिए अलग कतार होनी चाहिए. मतदाता सूची में जिनके नाम के सामने बैलेट पेपर अंकित होगा, उन मतदाताओं का मतदान पीठासीन पदाधिकारी के द्वारा नहीं कराया जायेगा. इतना ही नहीं, वैसे मतदाता जिनके नाम के सामने डिलीट अंकित हो, वैसे मतदाताओं का भी मतदान पीठासीन पदाधिकारी के द्वारा नहीं कराया जायेगा, जबकि शिफ्टेड मतदाताओं का वोट टेंडर वोट के रूप में कराये जाने का प्रावधान है.

गोपालगंज. छठे चरण के तहत आगामी 25 मई को गोपालगंज में होने वाले मतदान के प्रथम चरण की ट्रेनिंग समाप्त हो गयी. जिला निर्वाचन पदाधिकारी मो मकसूद आलम ने बताया कि प्रशिक्षण की शुरुआत जिला मुख्यालय के तीन प्रशिक्षण केंद्रों पर गत 19 अप्रैल से की गयी थी. एमएम उर्दू प्लस टू स्कूल में सेक्टर पदाधिकारी, पीठासीन पदाधिकारी और मतदान पदाधिकारी प्रथम को ट्रेनिंग दी गयी, जबकि डीएवी प्लस टू स्कूल में मतदान पदाधिकारी द्वितीय को ट्रेनिंग दी गयी, वहीं डीएवी पब्लिक स्कूल थावे में मतदान पदाधिकारी तृतीय को ट्रेनिंग दी गयी. मास्टर ट्रेनरों ने सभी मतदान पदाधिकारियों को बेहतर ढंग से ट्रेनिंग देते हुए उन्हें मतदान कार्य में पूर्ण रूप से सक्षम बनाया ताकि मतदान तिथि को किसी भी मतदान दल के पदाधिकारी को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने पाये. मतदान दल के सभी पदाधिकारी अपने-अपने कर्तव्य और दायित्वों का संपूर्ण जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करते हुए मतदान कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न कर सकें. इसी क्रम में मास्टर ट्रेनर दिलीप कुमार पटेल ने बताया कि बिना मॉक पोल के कराये गये वास्तविक मतदान मान्य नहीं होंगे. ऐसे में मतदान दल के पदाधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह मॉक पोल कराने के बाद ही वास्तविक मतदान की प्रक्रिया को शुरू करें. मॉक पोल वास्तविक मतदान के डेढ़ घंटे पूर्व ही कराया जाना है. मॉक पोल में 50 मत डाले जाते हैं, जिसे सभी मतदान अभिकर्ता को दिखाया भी जाता है. मतदान पदाधिकारी मतदान अभिकर्ता को पूर्ण रूप से विश्वास व पारदर्शिता दिखाकर ही वास्तविक मतदान की शुरुआत करेंगे. उन्होंने बताया कि मॉक पोल की शुरुआत के समय अगर कोई मतदान अभिकर्ता उपस्थित नहीं है, तो 15 मिनट तक प्रतीक्षा करने के बाद ही मतदान दल के अधिकारी मॉक पोल की प्रक्रिया को शुरू कर सकेंगे, जिसकी सूचना पीठासीन पदाधिकारी सेक्टर पदाधिकारी को देने के बाद ही मॉक पोल की प्रक्रिया शुरू होगी. मास्टर ट्रेनर ने ट्रेनिंग के क्रम में बताया कि पीठासीन पदाधिकारी मतदान केंद्र पर पहुंचने वाले बुजुर्ग , दिव्यांग व छोटे बच्चों वाली महिला वोटरों को प्राथमिकता दी जानी है. उनका वोट अन्य मतदाताओं की तुलना में जल्द ही कराकर उन्हें मतदान केंद्र से वापस भेजा जाना है. इसके लिए मतदान केंद्र पर विशेष वोटरों के लिए अलग कतार होनी चाहिए. मतदाता सूची में जिनके नाम के सामने बैलेट पेपर अंकित होगा, उन मतदाताओं का मतदान पीठासीन पदाधिकारी के द्वारा नहीं कराया जायेगा. इतना ही नहीं, वैसे मतदाता जिनके नाम के सामने डिलीट अंकित हो, वैसे मतदाताओं का भी मतदान पीठासीन पदाधिकारी के द्वारा नहीं कराया जायेगा, जबकि शिफ्टेड मतदाताओं का वोट टेंडर वोट के रूप में कराये जाने का प्रावधान है.

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