21.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 05:26 pm
21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

भीषण गर्मी लीची की गुठली को कर रहा बड़ा, जानें फल का कैसा होगा आकार

Advertisement

weather news भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बिहार सरकार को जो रिपोर्ट दी थी उसके अनुसार उत्तर बिहार में वर्तमान में तापमान की जो स्थिति है वह बनी रहेगी

Audio Book

ऑडियो सुनें

भीषण गर्मी की खबर उत्तर बिहार के जिला मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, दरभंगा और समस्तीपुर सहित आठ जिलों में भीषण गर्मी और लू की स्थिति है. यहां जनजीवन पटरी से उतरने लगा है. फल और सब्जी की खेती को भी नुकसान पहुंच रहा है. उन सब्जियों की कीमतों में भी अप्रत्याशित उछाल आ गया है जो सामान्यतः इन दिनों सस्ती रहती हैं. स्थिति यह है कि करीब 108.57 हजार हेक्टेयर में फैली आम, लीची और केला की खेती प्रभावित है. इस खेती को 10 फीसदी भी नुकसान हुआ तो इन फलों का 18 हजार टन उत्पादन घट जायेगा. कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर (डॉ ) एसके सिंह ने कहा है कि अधिक तापमान से फलों का झड़ना अधिक होगा. लीची में गुठली बड़ी होगी. फल का आकार छोटा होगा. अप्रैल महीने में उगाई जाने वाली सब्जियां  बैंगन, पत्ता गोभी, धनिया, पालक आदि की सिंचाई की भी लागत बढ़ गयी है.

- Advertisement -

15 अप्रैल से कई जिलों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जा रहा है. वहीं अत्यधिक गर्मी और लू की स्थिति से निपटने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सोमवार को आपातकालीन प्रबंधन समूह की बैठक में जो निर्णय लिए गए थे, उसके पालन के लिए जिलों में टीमों का गठन किया जा रहा है. पशुओं के पेयजल के लिए पर्याप्त कैटल टर्फ की व्यवस्था की जा रही है. सभी डीएम ने भीषण गर्मी एवं लू से निपटने के लिए की गयी पूर्व तैयारी के संबंध में सरकार को अवगत कराया है.

पेयजल संकट होने पर आकस्मिक योजना की जानकारी दी गई है. पेयजल, पशुओं के लिए पानी, स्वास्थ्य संबंधी आदि इंतजाम को संबंधित विभागों को प्रमंडल आयुक्त के स्तर से भी निर्देशित किया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बिहार सरकार को जो रिपोर्ट दी थी उसके अनुसार उत्तर बिहार में वर्तमान में तापमान की जो स्थिति है वह बनी रहेगी. ‘अल नीनो’  दशा और मानव जनित जलवायु परिवर्तन के संयुक्त प्रभाव के कारण दुनिया में वर्ष 2024 का मार्च महीना अब तक का सबसे गर्म ‘ मार्च महीना ‘ रहा. लेकिन अप्रैल इसका रिकॉर्ड तोड़ने को आमादा दिख रहा है.

सामान्य तापमान से 30-35 प्रतिशत बढ़ोत्तरी
आगामी 15 दिनों में सामान्य तापमान से 30-35 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की संभावना है. बीते दिनों से अधिकतम तापमान मोतिहारी में 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार अन्य जिलों में कई स्थानों पर अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक था. मधुबनी में 39.9 तथा वाल्मीकि नगर में 39.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. 18 अप्रैल को भी कमोबेश मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, दरभंगा और समस्तीपुर में तापमान की यही स्थिति है. आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले दो दिन के दौरान कई स्थानों पर तापमान धीरे-धीरे 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने का अनुमान है.

आठ जिलों में फल उत्पादन की स्थिति

फल क्षेत्रफलउत्पादन
केला ‍14.43 हजार हेक्टेयर950.54 हजार टन
लीची24.17 हजार हेक्टेयर226.13 हजार टन
आम67.97 हजार हेक्टेयर701.01 हजार टन

 

आम- लची को नुकसान करेगा 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान :
डॉ राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पूसा के पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट पैथोलॉजी एवं नेमेटोलॉजी के विभागाध्यक्ष  एवं प्रधान अन्वेषक, अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना  प्रोफेसर (डॉ ) एसके सिंह  ने बढ़ते तापमान पर चिंता प्रकट की है. प्रोफेसर सिंह का कहना है आम एवं लीची दोनों फल की तुड़ाई तक अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं होना चाहिए. अप्रैल महीने में ही तापमान का 40 डिग्री सेल्सियस के आस पास पहुंचने से खेती को नुकसान होगा. बाग की मिट्टी को हमेशा नम रखने की आवश्यकता है. यदि बाग की मिट्टी में नमी की कमी हुई तो इससे फल की बढ़वार बुरी तरह से प्रभावित होगी. गर्मी की लहरें फलों के पेड़ों पर दबाव डाल सकती हैं, जिससे पैदावार कम हो सकती है. पेड़ को भी नुकसान हो सकता है.

आम और लीची का ऐसे करें बचाव
कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर (डॉ ) एसके सिंह ने बढ़ते तापमान से खेती को बचाने की सलाह दी है.  उनका कहना है कि पेड़ों को लगातार और पर्याप्त पानी मिले. गहराई से और कम बार पानी दें. ड्रिप सिंचाई एवं ओवरहेड स्प्रिंकलर का प्रयोग करें.  लीची के बाग में ओवरहेड स्प्रिंकलर(लीची के पेड़ की ऊंचाई पर फव्वारा द्वारा सिंचाई) से प्रतिदिन 4 घंटे सिंचाई किया जाय तो उपज और फल की गुणवत्ता में भारी वृद्धि होगी. बाग में रोग – कीड़े भी कम लगेंगे. सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस तापमान कम रहेगा. फल फटने की दर भी 2 प्रतिशत से कम रहेगी. मिट्टी की नमी बनाए रखने और मिट्टी के तापमान को नियंत्रित करने के लिए पेड़ों के आधार के चारों ओर जैविक मल्च लगाएं. सीधे धूप से बचाने के लिए बाग के चारों ओर या अलग-अलग पेड़ों पर छाया जाल लगाएं. कुछ प्राकृतिक छाया प्रदान करने और मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए पेड़ों के चारों ओर आवरण फसल लगाएं. 

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें