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अंजनी के लाल का दर्शन कर निहाल हुए भक्त

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श्रद्धालुओं से पटा रहा आंजनधाम, लोगों में नहीं दिखा नक्सलियों का भय

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श्रद्धालुओं से पटा रहा आंजनधाम, लोगों में नहीं दिखा नक्सलियों का भयगुमला. गुमला से 20 किमी दूर पहाड़ व जंगल के बीच स्थित आंजनधाम बुधवार को राम भक्तों से पटा रहा. यह इलाका पूरी तरह उग्रवाद प्रभावित है. हनुमान की जन्मस्थली आंजनधाम जय श्रीराम व बजरंग बली के नारों से गूंज उठा. आंजनधाम में हजारों भक्तों ने मत्था टेक सुख, शांति व समृद्धि की प्रार्थना की. सुबह छह बजे से भक्तों की भीड़ पहाड़ की चोटी पर स्थित मुख्य मंदिर व आंजन गांव के मंदिर में उमड़ने लगी थी. शाम तक पूजा-पाठ का दौर चला. अन्य वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भक्तों की काफी भीड़ देखी गयी. लोगों में नक्सलियों का खौफ व भय नहीं दिखा. भक्त बेखौफ अंजनी मां व हनुमान के दरबार पहुंचे. इस वर्ष मुख्य मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया था. माता अंजनी की गोद में बैठे बालक हनुमान को आकर्षक ढंग से श्रृंगार किया गया था. अंजनी के लाल का दर्शन कर भक्त निहाल हो गये.आंजन का पूरा जंगल घंट, शंख की आवाज से गूंज उठा.

207 वर्षों से हो रही पुराने अस्त्र-शस्त्र की पूजा:

आंजन गांव में प्राचीन अखाड़ा है. यहां 207 वर्षों से पूजा करने की प्राचीन परंपरा जीवित है. परंपरा के अनुसार आदिवासी समाज के लोग यहां हनुमान की तरह लंगोटा बांध कर पूजा करते हैं. पूजा करने वालों ने बताया कि हमारे पूर्वजों ने भगवान हनुमान की पूजा शुरू की थी. पुराने अस्त्र-शस्त्र की पूजा की प्राचीन परंपरा है. लगभग 207 वर्षों से यहां पूजा हो रही है. पहले हमारे बाप-दादा करते थे. अब हमलोग इसे जीवित रखे हैं. हमारे बाद आनेवाली पीढ़ी यहां पूजा करेंगी.

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