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विधायक दशरथ गागराई बोले- भाषा, संस्कृति, परंपरा में ही हमारी पहचान, इसे बनाना है सशक्त

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आदिवासी हो महासभा समाज के केंद्रीय अध्यक्ष कृष्ण चंद्र बोदरा ने कहा कि आधुनिकता के दौर में भी हमें अपनी परंपरा एवं सांस्कृति को साथ ले कर चलना है. कई जगहों पर देखा जा रहा है कि युवा पीढ़ी इससे दूर होती जा रही है.

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खरसावां : आदिवासी हो समाज महासभा के तत्वावधान में सोमवार को सरायकेला कुचाई के बिडीदिरी मैदान में बा: जुमर सह जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पहुंचे स्थानीय विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि भाषा, संस्कृति, परंपरा में ही हमारी पहचान छिपी हुई है. इसी से हमारा अस्तित्व जुड़ा हुआ है. हम सबको मिलकर अपनी भाषा, संस्कृति, परंपरा को सशक्त बनाना है.

विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि इसके लिए नयी पीढ़ी को जागरुक हो कर कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भाषा, संस्कृति के मामले में हमारे समाज की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि काफी समृद्ध रही है. ऐसे में हम सभी का सामूहिक दायित्व बनता है कि हम अपनी भाषा, संस्कृति व परंपरा को सशक्त बनाने के लिए कार्य करें.

सामाजिक त्योहारों में पारंपरिक वाद्य यंत्रों का उपयोग करें : बोदरा

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदिवासी हो महासभा समाज के केंद्रीय अध्यक्ष कृष्ण चंद्र बोदरा ने कहा कि आधुनिकता के दौर में भी हमें अपनी परंपरा एवं सांस्कृति को साथ ले कर चलना है. कई जगहों पर देखा जा रहा है कि युवा पीढ़ी इससे दूर होती जा रही है. उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में हमें अपनी जड़ को नहीं छोड़ना है. नयी पीढ़ी को भी अपनी संस्कृति से जोड़ना है.

उन्होंने युवा पीढ़ी से अपने सामाजिक त्योहारों में डीजे साउंड को दूर रखकर मांदर-नगाड़े समेत पारंपरिक वाद्य यंत्रों का उपयोग करने की अपील की. साथ ही सामाजिक त्योहार में पारंपरिक दामा-दुमंग, रूतु, बनाम, जैसे वाद्य यंत्रों को ही प्रयोग में लाने के लिये प्रेरित किया.

मांदर की थाप पर किया पारंपरिक नृत्य

कार्यक्रम के दौरान विधायक दशरथ गागराई, आदिवासी हो समाज महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष कृष्ण चंद्र बोदरा समेत अन्य अतिथियों ने मांदर व नगाड़े की थाप पर नृत्य किया. इस दौरान विधायक ने भी मांदर की थाप लगाया. कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र के महिला-पुरुषों ने सुरीती गीतों पर नृत्य किया.

कार्यक्रम में जुटे थे 23 गांवों के लोग

इस कार्यक्रम में मुख्य रुप से खरसावां-कुचाई के 23 गांवों के लोग जुटे थे. कार्यक्रम में मुख्य रुप से आदिवासी हो समाज महासभा के जिला उपाध्यक्ष मनोज कुमार सोय, खरसावां प्रखंड अध्यक्ष रामलाल हेंब्रम, कुचाई प्रखंड अध्यक्ष सतेन सोय, मुखिया राम सोय, कालिया जामुदा, केपी सेठसोय, डबुआ सोय, सिद्धेश्वर कुदादा, आशा तीयु, सालेन सोय, रवि बांकीरा, रामाय सोय, लक्ष्मण हेंब्रम, राजा हेंब्रम, मनोज हेंब्रम, पूजा दोराई, लक्ष्मी कालुंडीया आदि शामिल रहे.

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