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अमित शाह के पटना दौरे से बिहार में OBC-EBC की राजनीति गरमायी, जानिए क्या है वजह…

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अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर ओबीसी और इबीसी की राजनीति गरमायी हुई है. जानिए पटना दौरे के पीछे की वजह..

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 9 मार्च को फिर एकबार बिहार आए. 17 महीने के अंदर अमित शाह का यह 9वां बिहार दौरा रहा. पटना के पालीगंज में अमित शाह एक जनसभा को भी संबोधित किए. वहीं इस बार अमित शाह के बिहार दौरे से सूबे में ओबीसी और इबीसी की राजनीति भी गरमायी रही. सियासी दलें खुद को इन जाति समूह का हितैसी बताकर विपक्षी खेमे के ऊपर बयानों के जरिए हमले कर रही है. इसके पीछे की वजह भी बेहद खास है. दरअसल, अमित शाह ने पटना के पालीगंज में कृषि फार्म मैदान में जिस जनसभा को संबोधित किया उसका आयोजन बीजेपी ओबीसी मोर्चा ने किया.

बीजेपी ओबीसी मोर्चा का कार्यक्रम..

बीजेपी ओबीसी मोर्चा आने वाले दिनों में देशभर में 10 हजार सामाजिक सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी में है. इसकी जानकारी भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. के. लक्ष्मण ने दी. उन्होंने बताया कि इसी की कड़ी में पटना के पालीगंज में सम्मेलन आयोजित की गयी जिसमें बतौर मुख्य अतिथि गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए. सामाजिक सम्मेलन इसे बताया गया है.

भाजपा ने पीएम मोदी का गिनाया काम..

भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद के लक्ष्मण ने कहा कि पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में ओबीसी समाज और अति पिछड़ों को जितना सम्मान दिया गया और उनके कल्याण के लिए कार्य हुए, उतना काम कभी नहीं हुआ. इन्हीं मुद्दों को लेकर मोर्चा देश भर में 10 हजार सामाजिक सम्मेलन आयोजित कर रहा है.

के. लक्ष्मण ने कांग्रेस पर साधा निशाना..

शुक्रवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में के. लक्ष्मण ने कहा कि पंडित नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक ने ओबीसी कल्याण व सम्मान देने के निर्णयों का विरोध किया है. काका कालेलकर कमीशन से लेकर मंडल कमीशन तक का विरोध करने की कांग्रेस की नीति रही है. अपने प्रधानमंत्रित्व काल में तो नेहरू ने सभी प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख कर ओबीसी या जाति के नाम पर आरक्षण नहीं देने को कहा था. भाजपा सांसद श्री लक्ष्मण ने कहा कि जब मोदी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का प्रस्ताव रखा था, तब भी क्षेत्रीय दलों ने विरोध किया था.

ओबीसी के लिए किए गए कामों को गिनाया..

के. लक्ष्मण ने जननायक कर्पूरी ठाकुर और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिये जाने की चर्चा करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने इसके लिए सोचा तक नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीट में ओबीसी के आरक्षण की व्यवस्था की ,तो कई शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण उपलब्ध कराया. पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में 27 ओबीसी समाज से आने वालों को स्थान दिया गया.

भाजपा के ये नेता प्रेस कांफ्रेंस में रहे शामिल..

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार भाजपा ओबीसी मोर्चा प्रभारी सह यूपी के एमएलए गुरु प्रसाद मौर्य, ओबीसी मोर्चा सह प्रभारी देव नारायण प्रजापति, मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद, मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बलराम मंडल, विधायक कृष्ण कुमार मंटू, विधान पार्षद जीवन कुमार तथा भाजपा प्रदेश मीडिया संयोजक दानिश इकबाल उपस्थित रहे.

राजद और कांग्रेस ने बोला हमला..

इधर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने एक न्यूज चैनल पर कहा कि भाजपा जितना इबीसी-ओबीसी सम्मेलन करा ले. दोनों भाजपा के साथ जाने वाले नहीं हैं. उन्होंने तेजस्वी यादव को जातीय गणना का श्रेय दिया और बोले कि तेजस्वी यादव ने ये सर्वे कराया और आरक्षण का दायरा बढ़ाया. सारे जातीय धर्मे के लोग उन्हे समर्थन दे रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि अमित शाह बिहार में जातिवाद का जहर घोलने आ रहे हैं. ये भाजपा की चाल है. उत्तर बिहार में ये मुसलमानों पर प्रहार करते हैं तो केरल में मुसलमानों की तारीफ करते हैं. क्योंकि वहां मुसलमानों का वोट है. बता दें कि अमित शाह के पटना दौरे से सियासी पारा चढ़ा हुआ है.

बिहार में ओबीसी और इबीसी की आबादी

बता दें कि नीतीश सरकार ने बिहार में जातीय गणना के आंकड़े पेश किए तो इसमें बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक बतायी गयी. इनमें सबसे ज्यादा अत्यंत पिछड़ा वर्ग(EBC) 36.01 प्रतिशत तो पिछड़ा वर्ग (OBC) 27.12 प्रतिशत है. एससी और एसटी क्रमश: 19.65% और 1.68% है. जबकि 15.52% सामान्य वर्ग की आबादी है.

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