19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jharkhand High Court: नींबू पहाड़ मामले में राज्य सरकार की याचिका खारिज, CBI जांच पर लगी रोक भी हटी

Advertisement

Jharkhand High Court: नींबू पहाड़ मामले में राज्य सरकार की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. मामले में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने आज, 23 फरवरी को फैसला सुनाया. राज्य सरकार की याचिका खारिज करते हुए, सीबीआई जांच पर लगाई रोक भी हाईकोर्ट ने हटा दिया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand High Court: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने नींबू पहाड़ पर हुए अवैध खनन मामले में राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी. नींबू पहाड़ पर अवैध खनन मामले में सीबीआई जांच पर हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को भी हटा दिया गया है. राज्य सरकार ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर कर नींबू पहाड़ अवैध खनन को लेकर सीबीआई की प्राथमिकी को चुनौती दी थी.

- Advertisement -

राज्य सरकार ने क्या दलीलें पेश कीं

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखा था. सुनवाई में महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने सिब्बल को सहयोग किया. उनकी ओर से अदालत को बताया गया कि नींबू पहाड़ में अवैध खनन को लेकर सीबीआई ने राज्य सरकार की अनुमति लिये बिना ही प्राथमिकी दर्ज कर दी है, जो गलत है.

इसके लिए हाइकोर्ट ने भी सीबीआई को आदेश नहीं दिया था. यदि सीबीआई को प्रारंभिक जांच (पीई) में तथ्य मिला भी था, तो उसे राज्य सरकार से अनुमति लेनी चाहिए थी, लेकिन सीबीआई की ओर से ऐसा नहीं किया गया, सीधे प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी. सिब्बल ने सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह किया था.

सीबीआई के अधिवक्ता ने किया सरकार की दलील का विरोध

वहीं सीबीआई की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने राज्य सरकार की दलील का विरोध किया. उन्होंने बताया कि झारखंड हाइकोर्ट का ही आदेश था कि यदि पीई में आपराधिक घटनाओं के होने का तथ्य मिलता है, तो सीबीआई विधिसम्मत निर्णय लेकर मामले में आगे बढ़ सकती है. हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में और पीई में मिले तथ्यों के आधार पर सीबीआई निदेशक ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. उन्होंने याचिका को निरस्त करने का आग्रह किया.

दोनों पक्षों को सुनने के बाद सरकार ने लिया फैसला

सीबीआई जांच को चुनौती देनेवाली राज्य सरकार की क्रिमिनल रिट याचिका पर 16 फरवरी को सुनवाई पूरी हो गई थी. दोनों पक्षो को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित कर रख लिया था. आज, 23 फरवरी को अदालत ने अपना फैसला सुनाया. मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका कर दी.

Also Read: विधानसभा सत्र में हिस्सा लेना चाहते हैं हेमंत, झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई आज

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें