16.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 12:16 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सावधान! 80 रुपये बचाने के चक्कर में कहीं कट न जाए 10 हजार का चालान, बिहार में नियम उल्लंघन करने वाले वाहनों पर सख्ती

Advertisement

केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, प्रदूषण सर्टिफिकेट किसी वाहन के लिए सबसे सस्ता कागज है और इसमें जुर्माना सबसे अधिक लगता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

मुजफ्फरपुर जिले में इन दिनों बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट के वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं, जिसके कारण वाहन मालिकों को भारी चालान का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे वाहनों को पकड़ने के लिए ट्रैफिक पुलिस भी सख्त वाहन चेकिंग अभियान चला रही है. लोग 80 रुपये में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने से कतराते हैं. इस वजह से उनका 10 हजार रुपये का चालान कट रहा है. जबकि इस काम में उन्हें महज कुछ मिनट ही लगते हैं.

- Advertisement -

पीयूसी नहीं होने पर 10,000 का जुर्माना

सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार गाड़ी मालिक को जो पेपर लेकर चलने में सबसे कम कीमत में बनने वाला यह प्रमाण पत्र है और इस पर सबसे अधिक जुर्माना है. एक बाइक का पीयूसी बनवाने का शुल्क महज 80 रुपये हैं और इसके नहीं होने पर जुर्माना 10,000 रुपये का है.

मॉडल के अनुसार प्रदूषण प्रमाण पत्र की वैद्यता अलग

गाड़ी के मॉडल के अनुसार प्रदूषण प्रमाण पत्र की वैद्यता भी अलग है. इसमें बीएस – 4 और बीएस – 6 मॉडल के वाहनों का प्रदूषण प्रमाण पत्र एक साल तक वैध रहता है. वहीं बीएस – 3 व बीएस – 2 मॉडल के वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र की वैद्यता छह माह की होती है.

क्या कहते हैं डीटीओ

डीटीओ सुशील कुमार ने बताया कि डीटीओ ऑफिस में गाड़ी संबंधित कोई भी काम के आवेदन आते है उसमें जब तक पीयूसी अपडेट नहीं होता, वह काम सॉफ्टवेयर आगे नहीं बढ़ने देता. वाहन जांच के दौरान बड़े कमर्शियल वाहनों में बहुत कम का पीयूसी फेल मिलता है. जांच के दौरान पीयूसी के फेल पेपर अधिकांश निजी वाहनों में ही मिलते है.

ऑफलाइन वाहनों का भी पीयूसी बना सकते सेंटर चालक

ऑनलाइन गाड़ियों का पीयूसी बनाने के लिए सेंटर पर गाड़ी लेकर जाना है. जहां मशीन में लगी पाइप गाड़ी के साइलेंसर में घुसाई जाती है. इसके बाद गाड़ी स्टार्ट कर प्रदूषण की जांच होती है. लेकिन जिन गाड़ियों का पेपर ऑफलाइन है उसे पीयूसी सेंटर संचालक ऑनलाइन करने के लिए पहले गाड़ी की पूरी जानकारी अपने सॉफ्टवेयर में दर्ज करेंगे. इसके बाद उस ऑफलाइन गाड़ी का पीयूसी बनेगा.

मुजफ्फरपुर में 72 ऑनलाइन पीयूसी सेंटर

जिले में तत्काल 72 पीयूसी सेंटर ऑनलाइन है जो चालू है. एक दिन में एक सेंटर से एवरेज 100 से 125 गाड़ियों का पीयूसी बनता है. एक दिन में एवरेज जिले में नौ हजार के करीब पीयूसी बनते है. जब सख्ती से जुर्माना होता है इसे बनवाने वालों की संख्या बढ़ती है. औसतन प्रतिमाह प्रदूषण प्रमाण पत्र को लेकर 12 से 14 लाख रुपये जुर्माना किया जाता है. आने वाले समय में इसको लेकर कंप्यूटराइज तरीके से और सख्ती होने वाली है. जिससे पीयूसी बनवाने वालों की संख्या में तेजी आयेगी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें