28.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 04:43 pm
28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Tirupati Balaji Temple: आखिर क्यों प्रसिद्ध है तिरुपति बालाजी मंदिर? जानें इससे जुड़ी 9 रहस्य

Advertisement

Tirupati Balaji Temple: तिरुपति बालाजी मंदिर भगवान विष्णु के एक रूप भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है, वे मानव जाति को कलियुग की परीक्षाओं और परेशानियों से बचाने के लिए पृथ्वी पर प्रकट हुए थे. आइए जानते है मंदिर से जुड़ी 9 रहस्य

Audio Book

ऑडियो सुनें

Tirupati Balaji Temple: तिरुपति बालाजी मंदिर भारत में सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है. यह पवित्र मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले के पहाड़ी शहर तिरुमाला में स्थित है, जो भगवान विष्णु के अवतार वेंकटेश्वर को समर्पित है. धार्मिक मान्यता है कि तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन करने के बाद व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और आपका जीवन धन्य हो जाता है, इसलिए हर कोई अपने जीवन में एक बार तिरुपति बालाजी मंदिर जाकर भगवान तिरुपति के दर्शन जरूर करते है, इस मंदिर के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित

तिरुपति बालाजी मंदिर भगवान विष्णु के एक रूप भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है, वे मानव जाति को कलियुग की परीक्षाओं और परेशानियों से बचाने के लिए पृथ्वी पर प्रकट हुए थे. इसलिए इस स्थान का नाम कलियुग वैकुंठ भी पड़ा है और यहां के देवता को कलियुग प्रत्यक्ष दैवम कहा जाता है, इस मंदिर को तिरुमाला मंदिर, तिरुपती मंदिर और तिरूपति बालाजी मंदिर जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है.

तिरुपति बालाजी मंदिर के दर्शन

तिरुपति बालाजी मंदिर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सबसे बड़ी इच्छा भगवान वैंकटेश्वर के दर्शन करने की होती है. तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रतिदिन एक लाख से भी अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. यहां पर भक्तों की लंबी कतारें देखकर सहज की इस मंदिर की प्रसिद्धि का अनुमान लगाया जाता है. मुख्य मंदिर के अलावा यहां अन्य मंदिर भी हैं. तिरुमला और तिरुपति का भक्तिमय वातावरण मन को श्रद्धा और आस्था से भर देता है.

मंदिर की चढ़ाई

तिरुपति बालाजी मंदिर पहाड़ी पर स्थित है. श्रद्धालुओं को पैदल चढ़ने के लिए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम नामक एक विशेष मार्ग बनाया गया है, इसके द्वारा प्रभु तक पहुंचने की चाह की पूर्ति होती है, इसके साथ ही अलिपिरी से तिरुमाला के लिए भी एक मार्ग है.

Also Read: क्या आप जानते हैं काशी विश्‍वनाथ मंदिर की 10 विशेषताएं, जानें रहस्य
जानें मंदिर की रहस्य

01. मुख्यद्वार के दाएं बालरूप में बालाजी को ठोड़ी से रक्त आया था, उसी समय से बालाजी के ठोड़ी पर चंदन लगाने की प्रथा शुरू हुई.

02. भगवान बालाजी के सिर पर रेशमी केश हैं, उनमें गुत्थिया नहीं आती और वह हमेशा ताजा रहेते है.

03. मंदिर से 23 किलोमीटर दूर एक गांव है, उस गांव में बाहरी व्यक्ति का प्रवेश निषेध है. वहीं से लाए गए फूल, दूध, घी, माखन आदि भगवान को चढ़ाए जाते हैं.

04. भगवान बालाजी गर्भगृह के मध्य भाग में खड़े दिखते हैं. लेकिन, वे दाई तरफ के कोने में खड़े हैं बाहर से देखने पर ऐसा लगता है.

05. बालाजी को प्रतिदिन नीचे धोती और उपर साड़ी से सजाया जाता है.

06. गृभगृह में चढ़ाई गई किसी वस्तु को बाहर नहीं लाया जाता, बालाजी के पीछे एक जलकुंड है उन्हें वहीं पीछे देखे बिना उनका विसर्जन किया जाता है.

07. बालाजी की पीठ को जितनी बार भी साफ करो, वहां गीलापन रहता ही है, वहां पर कान लगाने पर समुद्र घोष सुनाई देता है.

08. बालाजी के वक्षस्थल पर लक्ष्मीजी निवास करती हैं. हर गुरुवार को निजरूप दर्शन के समय भगवान बालाजी की चंदन से सजावट की जाती है.

09. बालाजी के जलकुंड में विसर्जित वस्तुए तिरूपति से 20 किलोमीटर दूर वेरपेडु में बाहर आती हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें