28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

काशी की पंचकोसी यात्रा बनी फॉरेन टूरिस्ट्स की पहली पसंद, जानिए क्या है इसकी खासियत

Advertisement

Panchkoshi Yatra : वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जब से बनकर तैयार हुआ है यहां पर बड़ी संख्या में पर्यटकों का आना हो रहा है. यहां पर न सिर्फ घरेलू बल्कि विदेशी पर्यटक भी आ रहे हैं. साथ ही यहां के पंचकोसी यात्रा के बारे में भी जानकारी कर शामिल हो रह हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Panchkoshi Yatra : हिंदू धर्म की महत्वपूर्ण यात्राओं में शामिल पंचकोसी यात्रा को काफी संख्या में महिलाओं द्वारा किया जाता है. अब फॉरेन टूरिस्ट्स को भी यह यात्रा पसंद आने लगी है. बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक इसके बारे में जानकारी कर बाकायदा बुकिंग भी करा रहे हैं. जब से वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनकर तैयार हुआ है यहां पर बड़ी संख्या में पर्यटकों का आना हो रहा है. यहां पर न सिर्फ घरेलू बल्कि विदेशी पर्यटक भी आ रहे हैं. इसको देखते हुए वाराणसी का पर्यटन कारोबार में भी काफी उछाल देखने को मिला है. पर्यटन विभाग इनके लिए घूमने की व्यवस्था करा रहा है. जानकारी के मुताबिक पंचकोसी यात्रा अभी तक सिर्फ हिंदू धर्म में एक महीने के लिए होती थी, जिसमें गांव की महिलाएं पांच दिन तक यात्रा करती थीं. लेकिन इससे लोग इतना प्रभावित हुए कि अब विदेशों से भी जानकारी लेना शुरू कर दिए हैं. फॉरेन टूरिस्ट्स एक दिन में ही पांचों जगह घुम रहे हैं. यह इस समय बहुत ही पॉपुलर स्पॉट बना हुआ है. घरेलू पर्यटकों की संख्या भी इस यात्रा को करने के लिए बढ़ी है. लोग यहां पर पड़ने वाले सभी मंदिरों को देखना चाहते हैं. ऐसे में वाराणसी का पर्यटन कारोबार भी काफी तेजी से बढ़ रहा है. इसको देखते हुए टूरिस्ट पैकेज तैयार किया है. जिसमें एक दिन में पांचों जगहों पर घुमाने की सुविधा प्रदान की जाती है. बता दें कि यूपी में आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. दो दिसंबर 2023 तक यहां पांच करोड़ 38 लाख से अधिक टूरिस्ट्स पहुंचे. इसमें भारतीय टूरिस्ट्स की संख्या 5 करोड़ 37 लाख 87 हजार के आसपास रही तो फॉरेन टूरिस्ट्स की संख्या 13700 से अधिक रही. वहीं 2023 में फॉरेन टूरिस्ट्स 13,777 , 2018 में 3,48, 970 , 2019 में 3,50,000 , 2020 में 1,06,189 , 2021 में 2566 काशी पहुंचे हैं.

- Advertisement -

Also Read: Agra News : जिलाधिकारी ने मांगी विकास कार्य धीमे होने पर सफाई, तो BDO ने दी जान से मारने की धमकी, FIR दर्ज
क्या होती है पंचकोसी यात्रा

पंचकोशी परिक्रमा वाराणसी में ही की जाती है. पंचकोसी और चौदह कोसी परिक्रमाएं अयोध्या में की जाती हैं. वाराणसी में होने वाली पंचकोसी परिक्रमा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ज्ञानवापी से संकल्प लेने के बाद शुरू की जाती है. इस यात्रा को शुरू करने वाले श्रद्धालु अपनी संजोली में कूप का जल लेकर चलते हैं. पंचकोसी यात्रा की मुख्य शुरुआत मणिकर्णिका घाट से शुरू होती है. इसके बाद इसका समापन भी यहीं पर किया जाता है. बता दें कि पंचकोसी यात्रा में पांच पड़ाव हैं. इस यात्रा को पूरा करने के लिए इन मंदिरों से होकर गुजरना पड़ता है. इस यात्रा में श्रद्धालुओं को करीब 50 मील की दूरी तय करनी होती है. पंचकोसी यात्रा के दौरान दाहिनी तरफ छोटे-छोटे लाल रंग के मंदिर देखने को मिलते हैं. इन मंदिरों पर उनका नाम और क्रमांक भी अंकित होता है. इसके साथ ही पांचों पड़ावों पर पांच बड़े मंदिर हैं. ये मंदिर आस्था का केंद्र माने जाते हैं.

Also Read: UP News : बेसिक स्कूलों में स्टूडेंट्स का 15 फरवरी से होगा डिजिटल पंजीकरण, अब ऑनलाइन दर्ज होगी अटेंडेंस
इन स्थानों पर होती है पंचकोसी यात्रा

पंचकोसी यात्रा उज्जैन और वाराणसी दोनों धार्मिक स्थलों पर की जाती है. वाराणसी में पंचकोसी यात्रा माघ महीने में की जाती है. सनातन धर्म में बताया गया है कि मृत्यु के बाद मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार करने से मृत व्यक्ति की आत्मा को मोक्ष मिलता है. इसी घाट से ही पंचकोसी यात्रा की शुरुआत की जाती है. यहां से श्रद्धालु कर्दमेश्वर पहुंचते हैं, जहां से कुछ देर विश्राम करने के बाद भीम चंडी पहुंचते हैं. बता दें कि कर्दमेश्वर से भीम चंडी की दूरी लगभग 14 किलोमीटर है. पंचकोसी यात्रा का यह दूसरा पड़ाव है. भीम पहुंचने के दौरान करीब 7 कोस की दूरी श्रद्धालुओं द्वारा तय की जाती है. इसमें रामेश्वर से शिवपुर और शिवपुर से कपिलधारा की यात्रा की जाती है. कपिलधारा से इस यात्रा का अंतिम पड़ाव शुरू होता है. यहीं से ही दोबारा मणिकर्णिका घाट की यात्रा की जाती है. काशी के मणिकर्णिका घाट पर पहुंचने के बाद पंचकोसी यात्रा का समापन होता है. इस पूरी यात्रा के दौरान अलग-अलग मंदिरों से होकर श्रद्धालु गुजरते हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें