27.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 02:25 pm
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

इलेक्ट्रिक वाहन नीति और पीएलआई स्कीम में क्या है अंतर, मोटर वाहन एक्ट से कितना अलग है ईवी पॉलिसी

Advertisement

भारत में मोटर वाहन अधिनियम 1988 में पारित किया गया था. यह ड्राइवरों और कंडक्टरों के लाइसेंस, मोटर वाहनों के रजिस्ट्रेशन, उनके परमिट को नियंत्रित करने के प्रावधान, ट्रैफिक नियमों, संबंधित इंश्योरेंस, देनदारियों और जुर्माना आदि पर दिशा-निर्देश प्रदान करता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नई दिल्ली: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. इसके साथ ही इनके उत्पादन में भी तेजी आई है. सरकार ने देश में पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए आतंरिक दहन इंजन (आईसीई) वाले वाहनों के उत्पादन को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों और उसमें इस्तेमाल होने वाली बैटरी का उत्पादन, कलपुर्जों के निर्माण और इलेक्ट्रिक वाहन से संबंधित बुनियादी ढांचा विकास के लिए प्रोत्साहन दे रही है. इसके लिए सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव योजना (पीएलआई) और फेम इंडिया जैसी योजनाओं की शुरुआत की है. इसके साथ ही, उसने इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर वर्ष 2020 में नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति का खाका तैयार किया गया है, जिसके आधार पर बिहार-झारखंड समेत देश के करीब 26 राज्यों में नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति तैयार की गई है. लेकिन, इलेक्ट्रिक वाहनों के ड्राइवरों और कंडक्टरों के लाइसेंस, मोटर वाहनों के रजिस्ट्रेशन, उनके परमिट को नियंत्रित करने के प्रावधान, ट्रैफिक नियमों, संबंधित इंश्योरेंस, देनदारियों और जुर्माना को दिशा-निर्देशित करने वाला अलग से कोई नीति तैयार नहीं की गई है. अभी तक देश में पुराने मोटर वाहन अधिनियम को ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी लागू किया जा रहा है.

- Advertisement -

अब जबकि दुनिया की दिग्गज इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी एलन मस्क की टेस्ला भारत में प्रवेश करने की योजना बना रही है, तो सरकार नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने पर जोर दे रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार ने साल 2020 में इलेक्ट्रिक वाहन नीति का जो खाका तैयार किया था, क्या वही इलेक्ट्रिक वाहन नीति है या सरकार अलग से कोई नई नीति तैयार करने की योजना पर काम कर रही है? चर्चा यह है कि टेस्ला के प्रवेश की योजना के साथ ही सरकार नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति तैयार करने पर विचार कर रही है. फिलहाल, सरकार की ओर से 2020 में जो इलेक्ट्रिक वाहन नीति का खाका तैयार किया गया है, वह 1988 के मोटर वाहन अधिनियम के कितना अलग है? इलेक्ट्रिक वाहन नीति और पीएलआई स्कीम में अंतर क्या है? आइए इनके बारे में जानते हैं.

पीएलआई योजना क्या है?

भारत में विनिर्माण गतिविधियों में तेजी लाने के लिए नीति आयोग ने प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव योजना (पीएलआई योजना) की शुरुआत की गई थी. सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह का जून 2020 में गठन किया गया था. सभी क्षेत्रों में पीएलआई योजनाओं में प्रगति की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाने का प्रयास करते हुए नीति आयोग ने एक बाह्य एजेंसी और सरकार के स्वामित्व वाली आईएफसीआई लिमिटेड या सिडबी के साथ डेटाबेस तैयार करने की योजना बनाई है.

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सरकार की क्या है योजना

प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हाइब्रिड और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को तेजी से अपनाने और उनके उत्पादन के लिए सरकार ने 1 अप्रैल 2019 को करीब 10,000 करोड़ रुपये से पांच साल की अवधि के लिए फेम इंडिया योजना के चरण-II अधिसूचित किया है. इसके बाद इस परिव्यय को बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये कर दिया गया. ऑटोमोबिल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) योजना की शुरुआत की गई. सरकार ने 15 सितंबर, 2021 को 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान के साथ मोटर-वाहन क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना को अनुमोदित किया. इस योजना में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के लिए 18 फीसदी तक की प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाती है.

पीएलआई के तहत बैटरी निर्माण पर सब्सिडी

इसके अलावा, सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एडवांस्ड केमिकल सेल बैटरी (एसीसी बैटरी) के निर्माण और उसके भंडारण के लिए पीएलआई योजना के तहत 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान के साथ 12 मई, 2021 को राष्ट्रीय एडवांस्ड सेल बैटरी भंडारण कार्यक्रम की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत देश में 50 गीगावाट प्रति घंटे क्षमता वाली प्रतिस्पर्धी एसीसी बैटरी विनिर्माण व्यवस्था स्थापित करने की परिकल्पना की गई है. इसके साथ ही, इस योजना में 5 गीगावाट प्रति घंटे की उत्कृष्ट प्रौद्योगिकियां भी शामिल हैं.

नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति की प्रमुख बातें

  • वर्ष 2020 में इलेक्ट्रिक वाहन नीति तैयार करने के लिए सरकार ने एक खाका तैयार किया था. इसके आधार पर बिहार-झारखंड समेत देश 26 राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहन नीति को लागू किया गया है.

  • इलेक्ट्रिक वाहन नीति के मसौदे में मौजूदा ऑटो रिक्शा तथा ई-ऑटो एवं ई-बसों के साथ राज्य सरकार की ओर से संचालित बसों के प्रतिस्थापन को बढ़ावा देने की बात कही गई है. इसमें यह भी सुनिश्चित किया गया है कि शहर में संचालित डिलीवरी-आधारित सेवाएं ई-मोबिलिटी से जुड़ी हों.

  • इस नीति में ईंधन आधारित वाहनों के लिए रोड टैक्स बढ़ाने तथा शहर के कुछ हिस्सों में भीड़ शुल्क लगाने की बात करती है, जिनमें इलेक्ट्रिक वाहनों को इस शुल्क से छूट मिलेगी.

  • इस नीति में उन लोगों के लिये एक ‘स्क्रेपिंग इंसेंटिव’ है, जो इलेक्ट्रिक वाहन खरीदते समय पुराने ईंधन आधारित वाहन का आदान-प्रदान करना चाहते हैं, जिससे वाहन लागत में कमी आएगी.

  • सरकार वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने के इच्छुक लोगों को कम-ब्याज दर पर ऋण प्रदान करेगी.

  • यह नीति भारत की राजधानी दिल्ली में खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी, रोड टैक्स तथा रजिस्ट्रेशन शुल्क से छूट प्रदान करती है.

  • इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी की क्षमता 5,000 किलोवाट प्रति घंटे के आधार पर 30,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी.

  • पहले 1,000 ई-कारों या इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों की खरीद पर 10,000 रुपये प्रति किलोवॉट के हिसाब से सब्सिडी प्रदान की जाएगी.

  • वर्ष 2025 तक दिल्ली में कम से कम 5,00,000 इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है.

  • राइड-हेलिंग सेवा प्रदाताओं को परिवहन विभाग की ओर से जारी किए जाने वाले दिशा-निर्देशों के तहत संचालन करने के लिए इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर टैक्सियों को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी.

  • नीति के तहत मिलने वाली राशि से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के प्रयोग से खाद्य वितरण, ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं तथा कोरियर सेवाओं के सेवा प्रदाताओं को प्रोत्साहन मिलेगा.

  • ऑटो रिक्शा की खरीद के लिए प्रोत्साहन राशि 30,000 रुपये प्रति वाहन होगी, जो नए इलेक्ट्रिक ऑटो के उपयोग से संबंधित होगा.

  • वैध मोटर वाहन ड्राइविंग लाइसेंस और सार्वजनिक सेवा वाहन बैज के साथ पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर परमिट प्रदान करने के लिए एक खुली परमिट प्रणाली शुरुआत की जाएगी.

  • दिल्ली में ई-ऑटो को जारी किए गए परमिट पर कोई उच्चतम सीमा निर्धारित नहीं होगी, क्योंकि वे शून्य उत्सर्जन वाहन हैं.

  • सरकार की ओर से वर्ष 2030 तक कुल कारों एवं दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के 30 फीसदी की बिक्री का लक्ष्य रखा गया है.

  • एक स्थायी इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए भारत में राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान और फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग (हाइब्रिड एंड) इलेक्ट्रिक वाहन जैसी पहलों की शुरुआत की गई है.

  • फेम इंडिया को हाइब्रिड/इलेक्ट्रिक वाहन मार्केट डेवलपमेंट तथा मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को सपोर्ट करने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में शुरू किया गया था. इस योजना में 4 फोकस क्षेत्र प्रौद्योगिकी विकास, मांग निर्माण, पायलट परियोजनाएं और चार्ज बुनियादी ढांचा विकास शामिल हैं.

मोटर वाहन एक्ट 1988

भारत में मोटर वाहन अधिनियम 1988 में पारित किया गया था, जो सड़क परिवहन वाहनों के लगभग हर एक हिस्से को नियमित करता है. यह ड्राइवरों और कंडक्टरों के लाइसेंस, मोटर वाहनों के रजिस्ट्रेशन, उनके परमिट को नियंत्रित करने के प्रावधान, ट्रैफिक नियमों, संबंधित इंश्योरेंस, देनदारियों और जुर्माना आदि पर दिशा-निर्देश प्रदान करता है. मोटर वाहन अधिनियम किसी भी चालक के लिए वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य बनाता है और मोटर वाहन अधिनियम के तहत रजिस्टर हुए बिना कोई भी वाहन नहीं चलाया जा सकता है.

मोटर वाहन एक्ट के तहत धाराएं और अपराध

  • अगर कोई व्यक्ति बिना वैध लाइसेंस के अपना वाहन चला रहा है, तो उसके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 3 आर/डब्ल्यू 181 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

  • अगर कोई व्यक्ति अपने वाहन को किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा चलाने देता है, जिसके पास वैध लाइसेंस नहीं है, तो इस मामले में मोटर वाहन अधिनियम की धारा 5 आर/डब्ल्यू 180 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

  • अगर व्यक्ति के पास सभी संबंधित दस्तावेज नहीं है, तो इस मामले में मोटर वाहन अधिनियम की धारा सेक्शन 130(3) आर/डब्ल्यू 177 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

  • अगर कोई व्यक्ति बिना वैध इंश्योरेंस के अपना वाहन चला रहा है, तो उसके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 130 आर/डब्ल्यू 177 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

  • अगर कोई व्यक्ति बिना वैध परमिट के अपना वाहन चला रहा है, तो उसके खिलाफ सेक्शन 130 आर/डब्ल्यू 177 मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई के बाद जुर्माना तय किया जाएगा.

  • अगर कोई व्यक्ति बिना वैध फिटनेस के अपना वाहन चला रहा है, तो उसके खिलाफ सेक्शन 130 आर/डब्ल्यू 177 मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई के बाद जुर्माने की रकम तय की जाएगी.

  • अगर कोई व्यक्ति जिसके पास वाहन के लिए वैध आरसी नहीं है, तो सेक्शन 39 आर/डब्ल्यू 192 मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

  • अगर कोई नाबालिग वाहन चला रहा हो, तो उसके खिलाफ सेक्शन 4 आर/एस 181 मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

  • अगर कोई अनधिकृत व्यक्ति को गाड़ी चलाने दिया हो, तो गाड़ी ऑनर और चालक के खिलाफ सेक्शन 5 आर/डब्ल्यू 180 मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

  • अगर कोई व्यक्ति बिना हेलमेट के वाहन चलाता है, तो उसके खिलाफ सेक्शन 129 आर/डब्ल्यू 177 मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

Also Read: Toyota का मिनी ट्रक जब बना आडवाणी का ‘रामरथ’, बीआर चोपड़ा के महाभारत से प्रेरित था डिजाइन

  • अगर कोई व्यक्ति बिना सीट बेल्ट बांधे वाहन चला रहा है, तो धारा 138(3) सीएमवीआर 177 मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

  • अगर कोई व्यक्ति ओवर-स्पीडिंग और रैश ड्राइविंग करते पाया गया, तो उसके खिलाफ धारा 184 मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

  • अगर कोई व्यक्ति जल्दबाजी या खतरनाक ड्राइविंग करते पाया गया, तो उसके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की धारा धारा 112-183 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

  • अगर कोई व्यक्ति वन वे या गलत लेन में गाड़ी चलाता है, तो उसके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 17(आई) आरआरआर 177 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

Also Read: बड़ी है छोटे परिवार की मिनी फॉर्च्यूनर… क्रूजर हाइराडर होकर भी कितनी है सस्ती

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें