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Budget 2024: चुनाव से पहले अंतरिम बजट पर मध्यम वर्ग, किसान, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की नजर

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सरकार ने 2019 में आम चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों-को लक्षित किया था. कुल मिलाकर ये लगभग 75 करोड़ मतदाता हैं. ऐसी संभावना है कि सरकार इस बार भी इन मतदाताओं का खास ध्यान रखेगी.

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आम चुनाव से पहले गुरुवार को पेश होने वाले अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मध्यम वर्ग, किसानों और श्रमिकों को काफी उम्मीदें हैं. पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का मानना था कि लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाला अंतरिम बजट, सत्ता में मौजूद पार्टी के लिए मुफ्त एवं लोकलुभावन योजनाओं के जरिये मतदाताओं को आकर्षित करने का एक मौका होता है. उन्होंने कहा, 2019 में आम चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में भी हम ऐसा होते हुए देख चुके हैं. गर्ग ने कहा, सरकार ने 2019 में आम चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों-को लक्षित किया था. कुल मिलाकर ये लगभग 75 करोड़ मतदाता हैं. ऐसी संभावना है कि सरकार इस बार भी इन मतदाताओं का खास ध्यान रखेगी.

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2019 में पांच लाख रुपये तक की कर-योग्य आय को आयकर से दी गई थी छूट

2019 में वित्त मंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी निभा रहे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग को आकर्षित करने के लिए पांच लाख रुपये तक की कर-योग्य आय को आयकर से छूट दी थी. साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 12 करोड़ किसानों को 6,000 रुपये नकद भी उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. इसके अलावा, असंगठित क्षेत्र (पीएम श्रम योगी मानधन -एसवाईएम) से जुड़े 50 करोड़ श्रमिकों को सेवानिवृत्ति पेंशन में सरकारी योगदान का भी प्रस्ताव किया गया था. इसको देखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि इस बार के अंतरिम बजट में भी इस तरह की घोषणाएं हो सकती हैं.

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अंतरिम बजट में प्रमुख नीतिगत घोषणाएं नहीं होती

आमतौर पर, अंतरिम बजट में प्रमुख नीतिगत घोषणाएं नहीं होती हैं, लेकिन सरकार पर ऐसे कदम उठाने से कोई नहीं रोक नहीं है जो अर्थव्यवस्था के सामने आने वाले मुद्दों से निपटने के लिए जरूरी हैं.

वित्त वर्ष पूरा होने में दो महीने महीने से अधिक का समय बाकी

सूत्रों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में आय और कॉरपोरेट कर संग्रह में उछाल दिख रहा है. इससे कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान से लगभग एक लाख करोड़ रुपये अधिक रह सकता है. सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रत्यक्ष करों से 18.23 लाख करोड़ रुपये जुटाने का बजट लक्ष्य रखा था. इस मद में 10 जनवरी, 2024 तक कर संग्रह 14.70 लाख करोड़ रुपये हो चुका था, जो बजट अनुमान का 81 प्रतिशत है. अभी वित्त वर्ष पूरा होने में दो महीने महीने से अधिक का समय बाकी है. वहीं जीएसटी के मोर्चे पर केंद्रीय जीएसटी राजस्व 8.1 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से लगभग 10,000 करोड़ रुपये अधिक होने की उम्मीद है. हालांकि, उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क संग्रह में करीब 49,000 करोड़ रुपये की कमी की आशंका है.

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