15.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 05:20 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड में सरकारी फंड का गलत इस्तेमाल, जानें पूरा मामला, कैसे हुआ पर्दाफाश

Advertisement

झारखंड में सरकारी फंड का गलत इस्तेमाल हुआ है. विधायक की अनुशंसा पर स्वयंसेवी संस्था के लिए जनवरी 2018 में बोलेरो खरीदी गयी थी, लेकिन बोलेरो के मालिक कार्यपालक अभियंता बन गये हैं. आइए जानते हैं कैसे पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ?

Audio Book

ऑडियो सुनें

रांची, शकील अख्तर : विधायक की अनुशंसा पर स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ) के लिए बोलेरो खरीदी गयी. इसका रजिस्ट्रेशन ग्रामीण विकास के कार्यपालक अभियंता के पदनाम पर हुआ. मालिक के पिता के कॉलम में यूजर शशिभूषण ओझा लिखा गया. मामले का पर्दाफाश होने पर कार्यपालक अभियंता और जिला परिवहन पदाधिकारी के बीच पत्र युद्ध की शुरुआत हो चुकी है.

- Advertisement -
  • मामला सामने आने के बाद कार्यपालक अभियंता और डीटीओ के बीच शुरू हुआ पत्र युद्ध

  • कार्यपालक अभियंता ने लिखा : संस्था ने बिना सहमति के बोलेरो का रजिस्ट्रेशन कराया

बोकारो के विधायक बिरंची नारायण ने ‘स्वास्थ्य पर्यावरण संरक्षण संस्थान’ नामक एनजीओ को विधायक मद से बोलेरो खरीद कर देने की अनुशंसा की थी. इस अनुशंसा के आलोक में बोकारो जिला प्रशासन ने जनवरी 2018 में बोलेरो खरीद कर संबंधित एनजीओ दे दिया. एनजीओ को बोलेरो देने के पांच साल बाद इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन ग्रामीण विकास के कार्यपालक अभियंता के पद नाम पर होने की जानकारी मिली. इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग (विशेष प्रमंडल) के कार्यपालक अभियंता ने जिला परिवहन पदाधिकारी को पत्र लिखा.

Undefined
झारखंड में सरकारी फंड का गलत इस्तेमाल, जानें पूरा मामला, कैसे हुआ पर्दाफाश 2

कार्यपालक अभियंता की ओर से दो जनवरी 2024 को लिखे गये इस पत्र में यह कहा गया कि विधायक बिरंची नारायण की अनुशंसा के आलोक में उप विकास आयुक्त ने बोलेरो खरीदने के लिए 8.89 लाख रुपये की स्वीकृति दी. इसके बाद बोलेरो खरीद कर ‘स्वास्थ्य पर्यावरण संरक्षण संस्थान’ को दे दिया गया. लेकिन, संस्था ने बिना सहमति के बोलेरो का रजिस्ट्रेशन करा लिया. विधायक मद से खरीदी गयी इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर JH09AK6090 है. कार्यपालक अभियंता ने गाड़ी का रजिस्ट्रेशन ग्रामीण विकास के बदले स्वास्थ्य पर्यावरण संरक्षण संस्था के नाम पर करने का अनुरोध किया.

डीटीओ ने कार्यपालक अभियंता को जिम्मेदार ठहराया

कार्यपालक अभियंता का पत्र मिलने के बाद जिला परिवहन पदाधिकारी ने मामले की जांच की और इसके लिए ग्रामीण विकास के कार्यपालक अभियंता को ही जिम्मेदार बताया. डीटीओ ने कार्यपालक अभियंता के भेजे गये पत्र में लिखा : आपके द्वारा 31 जनवरी 2018 को गाड़ी की खरीद कार्यपालक अभियंता, यूजर शशिभूषण ओझा के नाम पर खरीदी गयी. गाड़ी के विक्रेता मेसर्स मोडल फ्यूल्स द्वारा निर्धारित शुल्क के साथ फार्म-20 और फार्म-21 जिला परिवहन कार्यालय को भेजा गया. फार्म-21 में वर्णित ब्योरे के आलोक में तत्कालीन परिवहन पदाधिकारी ने बोलेरो का रजिस्ट्रेशन किया. इसमें मालिक कार्यपालक अभियंता, वर्तमान और स्थायी पता ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, चास दर्ज किया गया. अब गाड़ी के मालिक का नाम बदलने के लिए फार्म-29 और फार्म-30 के साथ शपथ पत्र और निर्धारित शुल्क देना होगा. इसके बाद ही मालिक का नाम बदला जा सकता है.

Also Read: सरकार के 34 लाख रुपये बेकार, बोकारो में बने सार्वजनिक शौचालय पर एक साल से लटका है ताला, जानें कारण

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें