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बिहार में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, केके पाठक के आदेश से मधुबनी तत्कालीन डीईओ पर एफआईआर दर्ज

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शिक्षा विभाग लगातार सख्त फैसले ले रहा है और शिक्षकों के साथ साथ लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन शुरू हो गया है. शिक्षा विभाग के प्रशासनिक निदेशक सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने मधुबनी के पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया है.

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मधुबनी. बिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शिक्षा विभाग लगातार सख्त फैसले ले रहा है और शिक्षकों के साथ साथ लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन शुरू हो गया है. केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग के प्रशासनिक निदेशक सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने मधुबनी के पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया है.

विद्यालय पदस्थापन पत्र नहीं दिया गया

शिक्षा विभाग के प्रशासनिक निदेशक सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि बबीता चौरसिया द्वारा नवगठित बीपीएससी शिक्षक संघ से संबंधित मामले में संलग्न 15 अभ्यर्थियों में से दीपक कुमार मिश्रा, प्रकाश चंद्र साहू सहित अन्य को विद्यालय पदस्थापन पत्र नहीं दिया गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार के द्वारा तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार से मामले की जानकारी ली गई.

सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाने का आरोप

आरोप है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार ने तत्कालीन डीईओ संजय कुमार से कई बार अनुरोध किया, लेकिन तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार द्वारा अभ्यर्थियों को विद्यालय पर स्थापना का पत्र नहीं दिया. अभ्यर्थियों को विद्यालय पदस्थापन का पत्र नहीं देना संजय कुमार की गलत मंशा, आपराधिक रवैया, सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाने एवं अनुशासनहीनता, स्वेच्छा चरित्र तथा कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही को दर्शाता है.

स्कूलों के एचएम को किया तलब

इधर, राजगीर से आ रही सूचना के अनुसार अपर मुख्य सचिव के के पाठक के सख्त रवैये के बावजूद स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति सुधर नहीं रही है. इसका खुलासा नियमित विद्यालयों की जांच में हो रही है. एक तो कहीं बच्चों की उपस्थिति कमजोर रहती है दूसरी तरफ हाजिरी बनाकर स्कूल से भागने का सिलसिला पहले की तरह अब भी जारी है. इन्हीं शिकायतों को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, माध्यमिक शिक्षा द्वारा राजगीर के दो और सिलाव के तीन स्कूलों के हेडमास्टरों को जिला मुख्यालय तलब किया गया है. उनसे स्पष्टीकरण की भी मांग की गयी है.

निरीक्षण के दौरान 50 प्रतिशत से कम छात्र-छात्राओं की उपस्थिति

यह कार्रवाई निरीक्षण के दौरान 50 प्रतिशत से कम छात्र-छात्राओं की उपस्थिति को लेकर की गयी है. डीपीओ द्वारा निर्गत आदेश में कहा गया है कि प्रसंगाधीन पत्र के आलोक में 50 प्रतिशत से कम छात्र-छात्राओं की उपस्थिति वाले विद्यालयों को जिला शिक्षा कार्यालय में बुलाने का निर्देश दिया गया है. ताकि उपस्थिति बढ़ाने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जा सके. राजगीर के कुरथौर और विसुनपुर स्कूल की जांच केआरपी संजु कुमारी द्वारा की गयी है, जिसमें 50 प्रतिशत से भी कम उपस्थिति पायी गयी है.

Also Read: केके पाठक का शिक्षकों को दो टूक, मजदूर का बेटा अगर मजदूर ही बनेगा तो आप पर करोड़ों खर्च करने का क्या फायदा

मात्र 10 बच्चे विद्यालय में उपस्थित

बताया गया कि कुरथौर स्कूल में 22 बच्चों की हाजिरी बनी थी, जिसमें जांच के दौरान मात्र 10 बच्चे विद्यालय में उपस्थित पाये गये हैं। इसी प्रकार विसुनपुर में 30 बच्चों की उपस्थिति पंजी में हाजिरी बनी थी, लेकिन स्कूल में केवल आठ बच्चे ही उपस्थित थे. सिलाव प्रखण्ड के बाजीतपुर का निरीक्षण बीआरपी नरेन्द्र कुमार कश्यप द्वारा किया गया है. निरीक्षण के दौरान हाजिरी 1176 की बनी थी, लेकिन स्कूल में बच्चों की उपस्थिति केवल 69 थी. इसी तरह पावाडीह और प्लस टू स्कूल बिन्डीडीह की जांच एलआईपीसी रामनरेश प्रसाद द्वारा की गयी है. पावाडीह में 63 बच्चों की हाजिरी बनी थी.लेकिन स्कूल में केवल 16 बच्चे ही उपस्थित पाये गये.

अग्रेत्तर कार्रवाई की जायेगी

इसी तरह बिन्डीडीह हाई स्कूल के निरीक्षण के दौरान 280 बच्चों की उपस्थिति पंजी में हाजिरी बनी थी .लेकिन स्कूल में केवल 20 बच्चे ही मिले. डीपीओ ने कहा है कि जिस स्कूल में निरीक्षण के दौरान 50 प्रतिशत अथवा उससे कम उपस्थिति पायी गयी है. उन्हें निर्देश दिया गया है कि सूची में अंकित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व शिक्षा सेवक (यदि हों तो) जिला शिक्षा कार्यालय में अनिवार्य रूप से उपस्थित होना सुनिश्चित करेंगे. अन्यथा उनके खिलाफ अग्रेत्तर कार्रवाई की जायेगी.

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