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Lok Sabha Security Breach: कौन है आरोपी महेश कुमावत, मास्टरमाइंड ललित के साथ रची थी साजिश, क्या था पहला प्लान

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आरोपी महेश कुमावत संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश का हिस्सा था. प्लान के मुताबिक कुमावत को स्मोक क्रैकर्स के साथ दूसरे गेट पर खड़ा होना था, लेकिन वह घटना के दिन 13 दिसंबर को नहीं आ सका था. अभियोजक ने बताया कि कुमावत पिछले दो सालों से साजिश रचने में अन्य आरोपी व्यक्तियों के संपर्क में था.

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Lok Sabha Security Breach: 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में छठे आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है. छठे आरोपी का नाम महेश कुमावत है. दिल्ली पुलिस ने इसे राजस्थान के नागौर से गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि संसद की सुरक्षा में सेंध की साजिश रचने के लिए बीते दो सालों से अन्य आरोपियों के संपर्क में था. यहीं नहीं आरोपियों के सबूत मिटाने के लिए उनके मोबाइल फोन को भी महेश ने ही नष्ट किया था. लोक अभियोजक ने इस मामले में कोर्ट से कहा है कि सभी आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे ताकि वे सरकार को अपनी अनुचित और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें.

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सबूत नष्ट करने के आरोप में कुमावत गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस का कहना है कि महेश कुमावत को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने यह भी कहा है कि कुमावत आरोपियों की ओर से बनाए गए भगत सिंह फैन क्लब पेज का सदस्य भी था. हालांकि इस पेज को अब डिलीट कर दिया गया है. पुलिस को संदेह है कि कुमावत ने ललित झा को नागौर में ठहरने में मदद की था. इसके अलावा कुमावत गुरुवार को ललित झा के साथ थाने आया था और दोनों को विशेष प्रकोष्ठ के हवाले कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि तब से कुमावत से पूछताछ की जा रही थी. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर महेश कुमावत कौन है.

कौन है महेश कुमावत?
पुलिस ने कहना है कि कुमावत संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश का हिस्सा था. आरोपियों के प्लान के मुताबिक कुमावत को स्मोक क्रैकर्स के साथ दूसरे गेट पर खड़ा होना था, लेकिन वह घटना के दिन 13 दिसंबर को नहीं आ सका था. अभियोजक ने बताया कि कुमावत पिछले दो सालों से साजिश रचने में अन्य आरोपी व्यक्तियों के संपर्क में था. उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड आरोपी ललित झा की मदद की. अभियोजक ने अदालत ने कहा कि पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए कुमावत से पूछताछ जरूरी है. पुलिस ने 15 दिन के लिए कुमावत को हिरासत में दिये जाने का अनुरोध किया था.


ललित झा की ठहरने में कुमावत ने की थी मदद

पुलिस को संदेह है कि कुमावत ने ललित झा को नागौर में ठहरने में मदद की थी. पुलिस के अधिकारी ने कहा है कि कुमावत गुरुवार रात ललित झा के साथ थाने आया था और दोनों को विशेष प्रकोष्ठ के हवाले कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि तब से कुमावत से पूछताछ की जा रही थी. पुलिस झा को जल्द ही राजस्थान के नागौर ले जाएगी जहां वह भागने के बाद बुधवार को ठहरा था. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि उसे उस स्थान पर ले जाया जाएगा, जहां उसने अपना एवं अन्य आरोपियों के मोबाइल फोन नष्ट करने का दावा किया है. सभी पांचों आरोपियों को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है.

कुमावत भगत सिंह और छत्रपति शिवाजी से प्रेरित!
बता दें, महेश कुमावत सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव था. अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर उसने कई पोस्ट किये थे. उसके अकाउंट से पता चलता है कि वो भगत सिंह और छत्रपति शिवाजी से काफी प्रेरित था. उसने अपनी प्रोफाइल पर इंकलाब जिंदाबाद, और अगर देश में क्रांति लानी है तो खुद क्रांतिकारी होना चाहिए जैसे नारे लिखे थे. सूत्रों के मुताबिक एक पोस्ट में उसने लिखा है कि जब सरकार गलत हो, आपका सही होना खतरनाक हो सकता है. अधिकारियों ने बताया कि मामले में गिरफ्तार पांचों आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने लोकसभा के कक्ष में कूदकर धुआं फैलाने की योजना पर सहमति बनाने से पहले खुद को आग लगाने और पर्चे बांटने जैसे विकल्पों पर भी विचार किया था.

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आरोपियों ने संसद में फैला दिया था धुआं
गौरतलब है कि संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए थे और उन्होंने स्मोक क्रैकर्स से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की. हालांकि बाद में सांसदों ने दोनों आरोपियों को पकड़ लिया था. इसी दौरान संसद के बाहर दो अन्य आरोपी अमोल शिंदे और नीलम देवी ने स्मोक क्रैकर्स से लाल और पीला धुआं फैलाते हुए नारेबाजी की थी. वहीं पांचवें आरोपी ललित झा पूरे विरोध प्रदर्शन का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर कथित तौर पर प्रसारित कर रहा था. भाषा इनपुट के साथ

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