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झारखंड के महेंद्र ने हाइड्रोपोनिक आधुनिक तकनीक से उगाई स्ट्रॉबेरी, जानें क्या है ये

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किसान महेंद्र ने बताया कि इस तकनीक से पानी में बालू या कंकड़ों के बीच जलवायु को नियंत्रित कर बिना मिट्टी के पौधे उगाए जाते हैं. पाइप के माध्यम से पौधे के लिए आवश्यक पोषक तत्व दिये जाते हैं.

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जयनारायण, हजारीबाग : हजारीबाग जिला के पदमा सूरजपुरा निवासी महेंद्र कुमार मेहता ने आधुनिक तकनीक से खेती कर मिसाल कायम की है. उन्होंने हाइड्रोपोनिक तकनीक से स्ट्राॅबेरी की खेती कर राज्य के लाखों किसानों के लिए प्रेरणा के स्रोत बन गये हैं. इस तकनीक में खेती के लिए मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है. इसमें जलवायु को नियंत्रित कर खेती की जाती है. जानकारी के अनुसार, इस तकनीक का जिक्र धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है. हाल के दिनों में इजराइल ने इस तकनीक पर काफी काम किया है. अब इस तकनीक को अपना भारत के किसान भी लाखों रुपया कमा रहे हैं. महेंद्र इस तकनीक से फिलहाल स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जल्द ही वह इस तकनीक से धनिया की खेती करेंगे. वह अभी प्रायोगिक तौर पर 320 स्क्वायर मीटर में हाइड्रोपोनिक खेती कर रहे हैं. जल्द ही एक एकड़ जमीन पर हाइड्रोपोनिक खेती करेंगे.

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क्या है हाइड्रोपोनिक खेती

किसान महेंद्र ने बताया कि इस तकनीक से पानी में बालू या कंकड़ों के बीच जलवायु को नियंत्रित कर बिना मिट्टी के पौधे उगाए जाते हैं. पाइप के माध्यम से पौधे के लिए आवश्यक पोषक तत्व दिये जाते हैं. पौधा को उगाने के लिए मिट्टी के स्थान पर कॉकपिट का उपयोग किया जाता है. इस तकनीक से एक ही स्थान पर कई लेयर में खेती की जाती है. ताकि कृषि लागत कम पड़े.

महेंद्र ने बीटेक इंजीनियरिंग करने के बाद करियर के रूप में कृषि क्षेत्र को चुना

37 वर्षीय महेंद्र कुमार मेहता ने बीटेक तक की पढ़ाई की है. इनोवेटिव आइडिया और आधुनिक तकनीक की वजह से कृषि क्षेत्र में उनकी अलग पहचान जिले में बन गयी है. उन्होंने बताया कि खेती हमारा पेशा नहीं, बल्कि जुनून है. वे 48 एकड़ में फल और सब्जी की खेती कर रहे हैं. साल भर उनके खेत में बेमौसमी सब्जियां लहलहाती रहते है. जिससे सालाना उन्हें लाखो रुपये की कमाई होती है. इस वर्ष एक एकड़ में बासमती चावल की भी खेती की है. इसके अलावा ढाई एकड़ में अनार, साढ़े तीन एकड़ में आम, एक एकड़ में संतरा, कीनू व केला की खेती कर रहा है.

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