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नीतीश कुमार को I-N-D-I-A गठबंधन का बॉस बनाने की मांग, 3 राज्यों में कांग्रेस पिछड़ी तो जदयू ने छेड़ा राग..

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन में बॉस बनाने की मांग अब जदयू की ओर से उठी है. 3 राज्यों के चुनाव में पड़े मतों की गिनती में कांग्रेस पिछड़ी तो जदयू नेता ने अब इंडिया गठबंधन को नीतीश कुमार के अनुसार चलाने की मांग की है.

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देश के 5 राज्यों में हुए चुनावों के परिणाम सामने आने लगे हैं. रविवार को चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में पड़े वोटों की गिनती शुरू हुई तो शुरुआती रूझानों में भाजपा ने तीन राज्यों में बढ़त हासिल की. तेलंगाना में कांग्रेस केा शुरुआती रुझान में बढ़त मिली जबकि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा ने बड़ा अंतर बनाते हुए शुरुआती रुझान में खुद को आगे रखा है. वहीं इस चुनाव परिणाम में एक तरफ जहां भाजपा के हौसले बुलंद हैं तो दूसरी तरफ बिहार की सियासी गर्मी भी अब बढ़ने लगी है. कांग्रेस के लिए शुरुआती रूझान में तीन बड़े राज्यों में निराशा हाथ लगी तो अब जदयू ने इंडिया गठबंधन को मजबूत करके लोकसभा चुनाव की तैयारी की बात कही है. जदयू के स्टेट जेनरल सेक्रेटरी निखिल मंडल ने इसे लेकर एक ट्वीट किया है.

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तीन राज्यों में भाजपा को बड़ी बढ़त, तेलंगाना में कांग्रेस आगे

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने बढ़त हासिल की तो धीरे-धीरे वो अब जीत में तब्दील होता दिखने लगा. तेलंगाना में कांग्रेस बढ़त बनाए हुए रही. यहां कांग्रेस की सरकार बन सकती है लेकिन तीन बड़े राज्यों में पिछड़ रही कांग्रेस के लिए चुनाव परिणाम निराश करने वाले ही कहे जाएंगे. भाजपा का हौसला और अधिक बढ़ा है. इन राज्यों के चुनाव परिणाम का असर आगामी लोकसभा चुनाव 2024 पर भी दिख सकता है. भाजपा मजबूत हौसले के साथ आगे की तैयारी में जुटेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा इन राज्यों के प्रदर्शन का श्रेय दे रही है. वहीं अब भाजपा को केंद्र की सत्ता से दूर करने के लिए बनी इंडिया गठबंधन के लिए जदयू नेताओं की मांग सामने आने लगी है. कांग्रेस की हार के बाद अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी दलों के गठबंधन का नेतृत्व करने की वकालत जदयू नेता ने की है.

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जदयू नेता की मांग..

जदयू के प्रवक्ता रहे पार्टी के स्टेट जेनरल सेक्रेटरी निखिल मंडल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अब I.N.D.I.A गठबंधन को आदरणीय नीतीश कुमार जी के अनुसार चलना चाहिए.कांग्रेस 5 राज्यों के चुनाव में व्यस्त होने की वजह से इंडिया गठबंधन पर ध्यान नहीं दे पा रही थी. अब तो कांग्रेस चुनाव भी लड़ ली, रिजल्ट भी सामने है. याद रहे , नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के सूत्रधार हैं.


विपक्षी दलों ने की तीन बैठकें..

गौरतलब है कि जदयू ने जब खुद को एनडीए से अलग किया तो बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी. सीएम फिर से नीतीश कुमार ही बने. वहीं भाजपा को केंद्र की गद्दी से हटाने के उद्देश्य से नीतीश कुमार ने विपक्षी दलाें के प्रमुख नेताओं से मुलाकात शुरू की. विपक्षी खेमों को एकजुट करने में नीतीश कुमार लग गए. जिसके बाद विपक्षी दलों का एक गठबंधन तैयार हुआ और इसका नाम I-N-D-I-A रखा गया. पटना, बेंगलुरू और मुंबई में इसकी तीन बैठक हुई. सीट शेयरिंग पर बात बनने से पहले ही गठबंधन का कामकाज धीमा पड़ गया था. सीएम नीतीश कुमार ने इसका ठीकरा कांग्रेस के ऊपर फोड़ा था.

नीतीश कुमार ने जब कांग्रेस पर बोला था हमला..

हाल में ही वामदल की एक सभा में आमंत्रण पर पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने मंच पर से अपने संबोधन में कांग्रेस पर निशाना साधा था. इंडिया गठबंधन के कामकाज की रफ्तार धीमी होने के पीछे की वजह उन्होंने कांग्रेस का उदासीन रवैया बताया था. नीतीश कुमार ने कहा था कि कांग्रेस पांच राज्यों के चुनाव में व्यस्त है और उन्हें अभी इंडिया गठबंधन में कोई रूची नहीं दिख रही. जब चुनाव संपन्न हो जाएंगे तब बात की जाएगी. वहीं नीतीश कुमार के इस बयान से कांग्रेस खेमे में भी खलबली मची थी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नीतीश कुमार से फोन पर बातचीत भी की थी. वहीं अब कांग्रेस अध्यक्ष ने चार राज्यों के चुनाव के दौरान पड़े मतों की गिनती के बीच ही इंडिया गठबंधन की मीटिंग 6 दिसंबर को रखी है. विपक्षी दलों के नेताओं के साथ अब सीट शेयरिंग व अन्य मुद्दों पर मंथन हो सकता है.

विपक्षी नेताओं को एकजुट करने का श्रेय किसे? 

इंडिया गठबंधन में एक और मुद्दे पर अलग-अलग राय सामने आती रही है. विपक्षी दलों के नेताओं को एकजुट करके एक मंच पर लाने का श्रेय एकतरफ जदयू जहां नीतीश कुमार को देती है तो दूसरी ओर कांग्रेस का दावा है कि राहुल गांधी ने इसकी पहल की है और सबको एकजुट करके चुनाव लड़ने के लिए कहा है. इंडिया गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा, इसे लेकर भी अभी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की गयी है. सभी दलों के अपने-अपने दावे हैं. नीतीश कुमार ने साफ किया है कि उनकी ऐसी कोई चाहत नहीं है. जबकि जदयू के प्रमुख नेता उन्हें पीएम मटेरियल बताते रहे हैं.

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