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साहिबगंज : एक करोड़ की लागत से बने पार्क की बदहाली देख लौट आते हैं अभिभावक और बच्चे

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लाखों खर्च कर नगर परिषद द्वारा बड़ी झरना का सौंदर्यीकरण कराया गया था. लोगों के लिए मनोरंजन का स्थान बनाया गया. ताकि इससे कुछ शुल्क वसूली की जाये. इसका मेंटेनेंस भी किया जायेगा. पर आज तक नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई. लगभग दो साल से नगर परिषद द्वारा बनाया गया पार्क बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

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साहिबगंज : शहरवासियों को मनोरंजन के लिए धोबी झरना के निकट नगर परिषद द्वारा करीब एक करोड़ की लागत से बना पार्क बदहाल हो गया है. देखरेख के अभाव व नगर परिषद की उदासीनता के कारण पार्क के सामान क्षतिग्रस्त हो गये हैं. चारों तरफ जंगली घास उग आयी है. पार्क की बदहाली देखने के बाद बच्चे व अभिभावक मायूस होकर लौट जाते हैं. जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय दक्षिणी छोर पर पहाड़ स्थित है, जहां का दृश्य काफी मनोरम है. स्थानीय लोगों की मांग पर नगर परिषद द्वारा धोबी झरना को विकसित कर पार्क बनाया गया था. सौंदर्यीकरण कर बैठने के लिए सीमेंट की पक्की सीट बने थे. बच्चों के खेलने के लिए तरह-तरह के जानवर बनाये गये थे. मुख्य द्वार पर गार्ड रूम भी बनाया गया. पर बड़ी दुखद बात यह है कि योजना पूर्ण होने के बाद उसे स्थानीय लोगों के लिए खोला नहीं गया. न देखभाल की गयी. नगर परिषद से 90 लाख की राशि खर्च की गयी. पार्क का निर्माण कराया गया. कई काम अब भी अधूरा है. बरसात के मौसम में क्रॉस बांध के माध्यम से बड़ी झरना में पानी रुका. बच्चे ने खूब स्नान किया. आनंद उठाया. फिर धीरे-धीरे पहले की तरह झरना में भी मिट्टी भर गया. पार्क का रखरखाव नहीं किया गया. पार्क को सुसज्जित करने के उद्देश्य से आठ हाइ मास्ट लाइट लगायी गयी थी. ताकि बैठने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न न हो. पर लाइट भी कुछ दिन तो जली. अब रोशनी नहीं बिखेर रही है.

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शुल्क की वसूली कर मेंटनेंस करने का था प्लान

लाखों खर्च कर नगर परिषद द्वारा बड़ी झरना का सौंदर्यीकरण कराया गया था. लोगों के लिए मनोरंजन का स्थान बनाया गया. ताकि इससे कुछ शुल्क वसूली की जाये. इसका मेंटेनेंस भी किया जायेगा. पर आज तक नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई. लगभग दो साल से नगर परिषद द्वारा बनाया गया पार्क बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

लाखों रुपये हो रहा बर्बाद… जिम्मेदार कौन

करीब एक करोड़ की लागत से बनाया गया धोबी झरना पार्क की बदहाली देख कर साहिबगंज शहरवासी सवाल उठा रहे हैं कि लाखों रुपये के बर्बाद करने का जिम्मेदार कौन है. पर पिछले तीन वर्ष से नगर परिषद के 90 लाख रुपये बिना शुद्ध ब्याज के बर्बाद हो गया. इसका जिम्मेदार कौन है.

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