21.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 06:42 pm
21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

कब्ज ने क्या आपकी सेहत पर कर रखा है कब्जा, इन उपायों से पाएं छुटकारा

Advertisement

Health Care : आज की लाइफस्टाइल तेजी से बदल रही है और आपके खान-पान का तरीका भी बदल रहा है. लिहाजा गलत खानपान कई स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म देता है. इनमें से एक है कब्ज, जिसने बड़ी आबादी को अपने कब्जे में कर रखा है .

Audio Book

ऑडियो सुनें

डॉ. सुकृत सूद गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, मेदांता, गुरुग्राम

- Advertisement -

डॉ. सौरभ अर्गल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, कोकिलाबेन हॉस्पिटल, इंदौर

द इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर्स की ओर से दिसंबर माह को कांस्टीपेशन अवेयरनेस मन्थ के रूप में मनाया जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि कब्ज कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई समस्याओं को बुलावा देती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में लगभग 20 से 30 प्रतिशत वयस्क आबादी कब्ज से जूझ रही है. इस बारे में बता रहे हैं विशेषज्ञ.

भोजन में साबुत अनाजों के स्थान पर मैदा निर्मित खाद्य पदार्थों को वरीयता देना. जीवनशैली में शारीरिक श्रम व व्यायाम को महत्व न देना और जंक फूड्स तथा चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थों को आहार में लेना. पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना. फाइबर युक्त डायट (जैसे फलों, हरी सब्जियों और बीन्स आदि) कम लेना या फिर न लेना. एक निश्चित समय पर भोजन न करना या देर रात भोजन ग्रहण करना. रात में खाने के बाद तत्काल सो जाना आदि कारणों से कब्ज की समस्या होती है. अक्सर तनावग्रस्त या चिंतित रहने वाले लोग भी कब्ज के शिकार होते हैं, क्योंकि तनावपूर्ण स्थिति में जो हार्माेन रिलीज होते हैं, वे आंतों के मूवमेंट पर प्रतिकूल असर डालते हैं. उम्र बढ़ने के साथ खासकर वृद्धों में आंतों का मूवमेंट स्वाभाविक रूप से कम होने लगता है. यही कारण है कि दुनियाभर में 60 साल से अधिक उम्र वाले लगभग 60 प्रतिशत से ज्यादा लोग कब्ज के शिकार हैं.

Undefined
कब्ज ने क्या आपकी सेहत पर कर रखा है कब्जा, इन उपायों से पाएं छुटकारा 4
लक्षणों की अनदेखी ठीक नहीं
  • पेट में गैस बनना या भारीपन महसूस होना.

  • पेट का फूलना और पेट दर्द.

  • भूख न लगना.

  • मल के बहुत कड़ा हो जाने के कारण टॉयलेट सीट पर बैठकर पेट पर बहुत ज्यादा जोर लगाना.

  • आलस्यग्रस्त होना

  • किसी कार्य में मन न लगना.

  • पर्याप्त यानी 7 से 8 घंटे की नींद न ले पाना.

  • उपरोक्त के अलावा अनेक लोगों में ये लक्षण भी सामने आ सकते हैं, जैसे- सिर दर्द होना या सिर भारी होना.

  • जीभ का सफेद या मटमैला होना, छाले पड़ना.

  • थकान या कमजोरी महसूस करना.

  • पुराने कब्ज में न बरतें लापरवाही

    लंबे समय तक कब्ज की समस्या के जारी रहने से आंतों में एक विशेष प्रकार का उभार बन जाता है. ऐसी स्थिति में आंतों में संक्रमण हो सकता है या फिर ये सिकुड़ सकती हैं. यही नहीं, कब्ज की पुरानी समस्या बवासीर के अलावा गुदा संबंधी अन्य रोगों जैसे भगंदर और फिसर के जोखिम को बढ़ा देती है. लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कब्ज की पुरानी समस्या श्माइल्ड डिप्रेशनश् का कारण बन सकती है. इसी तरह पुराने कब्ज की समस्या आंतों या कोलन कैंसर का कारण बन सकती है. कब्ज की समस्या से ग्रस्त अनेक लोग डॉक्टर के परामर्श के बगैर कब्ज दूर करने वाली दवाएं लैक्सेटिव्स लेने लगते हैं. ऐसी दवाओं के साइड व आफ्टर इफेक्ट्स हो सकते हैं. अक्सर लोग लैक्सेटिव्स के आदी बन जाते हैं.

Undefined
कब्ज ने क्या आपकी सेहत पर कर रखा है कब्जा, इन उपायों से पाएं छुटकारा 5

हो सकती हैं ये जांचें

कब्ज की जटिल स्थितियों में कोलोनोस्कोपी की जाती है. पेट की मांसपेशियों की कमजोरी के लिए रेक्टल मैनोमीट्री नामक जांच की जाती है.

इन्हें है ज्यादा खतरा

जो लोग मधुमेह ग्रस्त हैं, वे मधुमेह रहित व्यक्तियों की तुलना में दोगुना ज्यादा कब्ज का शिकार होते हैं. इसी तरह हाइपोथायरॉयडिज्म के मरीज इस समस्या से रहित लोगों की तुलना में लगभग 2.5 गुना ज्यादा कब्ज से ग्रस्त होते हैं. वहीं गर्भवती महिलाओं में कब्ज की समस्या होती है.

जंक फूड्स से करें परहेज

  • मैदा और अत्यधिक चिकनाईयुक्त आहार के स्थान पर साबुत अनाजों को वरीयता दें और जंक फूड्स से परहेज करें.

  • अपने आहार में फाइबर्स (मौसमी फलों, हरी पत्तेदार सब्जियों और बीन्स) को वरीयता देना लाभप्रद है.

  • इसके अलावा अपनी शारीरिक क्षमता और उम्र के अनुसार नियमित रूप से व्यायाम करें.

व्यायाम करने से पूर्व अपने डॉक्टर और फिटनेस एक्सपर्ट से परामर्श लेना हितकर है. साथ ही इन सुझावों पर करें अमल…

  • प्यास लगने के अलावा भी पानी पीने की आदत डालें. कोई भी मौसम हो लगभग 2 से 3 लीटर पानी व तरल पदार्थ जैसे सूप आदि लें.

  • कब्ज दूर करने में पपीता किसी वरदान से कम नहीं. इसके अलावा अमरूद, संतरा और सेब पौष्टिक होने के साथ कब्ज दूर करने में भी सहायक हैं.

  • जितनी भूख हो, उससे कम भी न खाएं और भूख से ज्यादा भी न खाएं.

  • भोजन को अच्छी तरह चबाकर तरल रूप में निगलें.

  • रात में भोजन करने के बाद तुरंत न सोएं. सोने से पूर्व लगभग 300 कदम टहलें.

Undefined
कब्ज ने क्या आपकी सेहत पर कर रखा है कब्जा, इन उपायों से पाएं छुटकारा 6

कब्ज का स्ट्रेस हॉर्माेन से है रिश्ता

महर्षि यूरोपियन रिसर्च यूनिवर्सिटी नीदरलैंड्स के अनुसार, तनाव को स्वयं पर हावी न होने दें. इसके प्रबंध का हुनर सीखें, क्योंकि तनावपूर्ण स्थिति में स्ट्रेस हॉर्माेन रिलीज होते हैं, जो पाचन तंत्र के लिए नुकसानदेह होते हैं और कब्ज की समस्या उत्पन्न करते हैं. ध्यान (मेडिटेशन) करें, जिससे तनाव नियंत्रित करने में मदद मिलती है.

कब्ज का क्या हैं उपचार

रोगी की समस्या के मद्देनजर उसके लक्षणों के आधार पर इलाज सुनिश्चित किया जाता है, जैसे- पेटदर्द और सिरदर्द आदि के लिए अलग-अलग दवाएं देते हैं. कब्ज की गंभीर व जटिल स्थिति में डॉक्टर कुछ समय के लिए दवाएं-लैक्सेटिव्स देते हैं. आमतौर पर ये लैक्सेटिव्स लगभग एक महीने तक दिये जाते हैं. वहीं जिन लोगों को थायरॉइड की समस्या है, उन्हें हॉर्माेनल सप्लीमेंट दिये जाते हैं. पुराने कब्ज की समस्या दूर करने में एनिमा लेना अत्यंत लाभप्रद है. आंतों में एकत्र मल की सफाई करने में एनिमा कारगर है, लेकिन एनिमा से पहले चिकित्सक से परामर्श लें.

Also Read: चीन में सांस से जुड़ी बीमारियों ने उड़ाई नींद, उत्तराखंड समेत देश के कई राज्य अलर्ट,जानें आप कैसे बरते एहतियात

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें