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झारखंड: राजनीतिक दबाव में झुका प्रशासन, विधायक अंबा प्रसाद और योगेंद्र साव के खिलाफ शिकायत वापस

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आवेदन में लिखा गया है कि कैंटोनमेंट मौजा की 50 डिसमिल जमीन पर अज्ञात लोगों द्वारा कब्जा किया जा रहा है. यह जमीन मोहम्मद एहसान को लीज पर दी गयी थी.

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रांची: भारी राजनीतिक दबाव की वजह से हजारीबाग जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले में प्राथमिकी का प्रारूप बदल दिया है. अंचल अधिकारी ने 22 नवंबर को कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद और पूर्व विधायक योगेंद्र साव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध करते हुए थाना को आवेदन दिया था. इसी मामले में 23 नवंबर को थाने को दूसरा आवेदन दिया गया. इसमें जमीन कब्जा करने के आरोप में अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया.

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आवेदन में लिखा गया है कि कैंटोनमेंट मौजा की 50 डिसमिल जमीन पर अज्ञात लोगों द्वारा कब्जा किया जा रहा है. यह जमीन मोहम्मद एहसान को लीज पर दी गयी थी. 31 मार्च 2008 के बाद लीज का नवीकरण नहीं किया गया है. इसके बावजूद उक्त लोगों ने सरकारी काम में बाधा पहुंचाते हुए सरकारी जमीन पर कब्जा किया . इस संदर्भ में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए यह आवेदन समर्पित किया जा रहा है.

खास महाल राजस्व कर्मचारी ने सौंपी थी रिपोर्ट

खास महाल राजस्व कर्मचारी की जांच रिपोर्ट पर उपायुक्त ने सरकारी जमीन पर हो रहे अवैध कब्जा को रोकने का आदेश दिया था. इस आदेश के आलोक में 11 नवंबर को प्रशासनिक अधिकारियों ने जमीन पर चहारदीवारी निर्माण का काम रोक दिया था. राजस्व कर्मचारी ने विधायक अंबा प्रसाद और पूर्व विधायक योगेंद्र साव के खिलाफ जमीन पर अवैध तरीके से चहारदीवारी बनाने से संबंधित रिपोर्ट सौंपी थी. चहारदीवारी निर्माण का काम बंद कराने और निर्माण पर पाबंदी लगाये जाने के बावजूद सदर अंचल की बेशकीमती जमीन पर टिन के चदरे से घेराबंदी कर दी गयी.

Also Read: सरकारी जमीन पर कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद व योगेंद्र साव ने की कब्जे की कोशिश, प्रशासन ने लिया ऐक्शन

मामले की जानकारी मिलने के बाद राजस्व कर्मचारी ने अंबा प्रसाद और योगेंद्र साव के खिलाफ जमीन पर कब्जा करने के लिए घेराबंदी कराने से संबंधित रिपोर्ट दी. इसी रिपोर्ट के आधार पर उपायुक्त ने घेराबंदी तोड़ कर सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने और कब्जा करनेवालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. उपायुक्त के आदेश पर प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में 22 नवंबर को घेराबंदी ध्वस्त कर दी गयी.

इसके बाद सदर अंचल के अंचलाधिकारी ने थाना प्रभारी को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आधिकारिक तौर पर पत्र लिखा. इसमें कहा गया कि कैंटोनमेंट मौजा की 50 डिसमिल जमीन पर अंबा प्रसाद और योगेंद्र साव द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है. मना करने पर सरकारी अधिकारियों को धमकी दी गयी. इसके बाद राजनीतिक दबाव के कारण जिला प्रशासन ने आनन फानन में दूसरा आवेदन देकर अज्ञात के खिलाफ जमीन कब्जा करने का आरोप लगाया है.

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