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IND vs AUS Final : रोहित-विराट-शमी की ‘कॉनकोर्ड’ तिकड़ी का पिच पर बोलेगा बल्ला, दम दिखाने को तैयार

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विराट कोहली की बात करें, तो उनमें अभी बहुत दम बाकी है. उनकी अभी तक की यात्रा दो हिस्से में बंटी रही है, जिसमें से एक 2019 सेमीफाइनल में हारने के साथ खत्म हुई. दूसरी जो एमसीजी की रात शुरू हुई, जब हारिस रऊफ पर उन्होंने सीधा छक्का जड़ा था.

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नई दिल्ली : अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में टीम इंडिया कंगारुओं के साथ विश्व कप 2023 का फाइनल मुकाबला खेलने के लिए तैयार है. इस बार के विश्व कप के मैचों में कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली और गेमचेंजर मो शमी की तिकड़ी ने दुनिया को अपने हुनर का जलवा दिखा दिया है. अब इन तीनों खिलाड़ियों की तिकड़ी फाइनल मैच में दुनिया को अपना दमखम दिखाने के लिए तैयार है. पहले के मैचों में इनके द्वारा किए प्रदर्शन की वजह से ही इन्हें ‘कॉनकोर्ड’ कहा जाता है, जिसका मतलब लोगों और टीम के बीच सहमति और सामंजस्य बनाना है.

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बुलंदी की अहमियत को जानते हैं रोहित, विराट और शमी

बताते चलें कि मुंबई की बोरीवली के रोहित शर्मा, दिल्ली के पश्चिम विहार के विराट कोहली और उत्तर प्रदेश के अमरोहा के मोहम्मद शमी को यह बुलंदी थाली में परोसकर नहीं मिली है. ये तीनों बरसों की कड़ी मेहनत के बाद क्रिकेट के शिखर पर पहुंचे हैं और ये इसकी अहमियत भली-भांति जानते हैं. एक वक्त था, जब 13 साल के रोहित शर्मा के पास 275 रुपये की ट्यूशन फीस भी नहीं थी. उस समय उनके पास इतने पैसे रहते, तो उन्हें विवेकानंद पब्लिक स्कूल में दाखिला मिल जाता. इस स्कूल के क्रिकेट टीम के कोच दिनेश लाड थे. वहीं, अगर मो शमी की बात की जाए, तो वे उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के सहसपुर गांव से बिना किसी गुरु और ग्रुप के क्रिकेट खेलने के लिए कोलकाता पहुंच गए थे.

रोहित की बैटिंग से गश खा जाते हैं धुरंधर गेंदबाज

रोहित अपनी बल्लेबाजी से अब तेज गेंदबाजों को भयभीत कर देते हैं. मैदान में गेंदबाजों की स्थिति गश खाकर गिर जाने वाली हो जाती है. विराट का कद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दूर से ही दिख जाता है और शमी की सीधी सीम गेंदबाजी से उन्हें अच्छी नतीजे मिल रहे हैं. इस टीम के दो सीनियर खिलाड़ी रोहित शर्मा और विराट कोहली ने भारत के ड्रेसिंग रूम में करीब 16 और 15 साल बिता चुके हैं और ये दोनों जानते हैं कि विश्व चैम्पियन बनने पर कैसा लगता है. हालांकि, दो विश्व कप सेमीफाइनल खेल चुके चैम्पियन गेंदबाज शमी कभी वैश्विक ट्रॉफी जीतने की सफलता का स्वाद नहीं चख सके हैं.

औरा पर भरोसा नहीं करते रोहित शर्मा

रोहित ने अपने क्रिकेट कैरियर के सबसे बड़े दिन से पहले कहा कि मैं ‘औरा’ जैसी चीज पर भरोसा नहीं करता. आपको मैदान पर उतरकर अच्छा क्रिकेट खेलना होगा. अगर आपने फाइनल में गलती की, तो 10 मैच का सारा अच्छा खेल बर्बाद हो जाएगा. भविष्य और अतीत के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. हमें वर्तमान पर फोकस करना है. 2003 में जो हुआ, मैं उसके बारे में नहीं सोच रहा हूं.

रोहित शर्मा की कप्तान में दो एशिया कप होना अभी बाकी

करीब पांच बार कप्तान के तौर पर छह आईपीएल खिताब जीतने वाले रोहित शर्मा के पास बतौर कप्तान के तौर पर दो एशिया कप हैं. इसके अलाववा, बतौर खिलाड़ी एक टी20 विश्व कप है, लेकिन 2011 में उन्हें टीम में नहीं चुना जाना अब भी सालता है. रोहित ने कहा कि मैं उस समय के बारे में नहीं सोचना चाहता. यह बहुत ही भावनात्मक दौर था. मुझे लगता है कि हर कोई इसके बारे में जानता है. वो समय काफी मुश्किल था. पारी का आगाज करने के बाद काफी चीजें बदली और पिछले 10 वर्षों में सभी ने रोहित का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ही देखा है.

विराट कोहली में अभी बहुत दम बाकी है

अब अगर विराट कोहली की बात करें, तो उनमें अभी बहुत दम बाकी है. उनकी अभी तक की यात्रा दो हिस्से में बंटी रही है, जिसमें से एक 2019 सेमीफाइनल में हारने के साथ खत्म हुई. दूसरी जो एमसीजी की रात शुरू हुई, जब हारिस रऊफ पर उन्होंने सीधा छक्का जड़ा था. इसके बीच में ऐसा नीरस दौर भी था, जब किसी भी प्रारूप में वह कोई शतक नहीं जड़ सके थे और भारत का सबसे पसंदीदा ‘आइकन’ दिमाग में चल रही उठापटक से निपट रहा था. कोहली ने एक साल पहले कहा था कि मैंने इसके बारे में सोचा और मुझे अहसास हुआ कि मैं खुद को यह आश्वस्त करने की कोशिश कर रहा था कि आप कर सकते हो, लेकिन आपका शरीर आपसे रुकने के लिए कह रहा है और आपका दिमाग कह रहा कि ब्रेक लो और पीछे हट जाओ. उन्होंने कहा था कि मैं महसूस कर रहा था कि मैं ट्रेनिंग के लिए उत्साहित नहीं था. ऐसा भी समय होता है, जब जानबूझकर उस चीज से दूर होने की जरूरत होती है, जिसे वह सबसे ज्यादा प्यार करता है. कोहली अपने प्यार क्रिकेट से दूर रहे, ताकि इसके प्रति प्रेरणा को फिर से महसूस कर सकें. फिर रऊफ पर छक्का लगा और ‘किंग कोहली’ वहीं पहुंच गए, जहां पर उनकी जगह थी. उनकी लय वापस आने लगी और नतीजा 50वां वनडे शतक के रूप में हाथ आया.

टीम इंडिया के लिए शमी ने खुद को ऐसे किया तैयार

शमी के लिए तब बुरा समय था, जब प्रशासकों की समिति (सीओए) ने उनकी व्यक्तिगत जिंदगी के गलत कारणों से चर्चा में आने के बाद टीम से बाहर कर दिया था. वह कुछ समय तक लोगों से छुपते रहे, उनके खिलाफ पुलिस मामला दर्ज हुआ और तब से उनकी टॉप पर पहुंचने की यात्रा शुरू हुई. वह टूटे नहीं, बल्कि उन्होंने अपनी सीम पॉजिशन पर ध्यान लगाया, रन अप में थोड़ा बदलाव किया. अपनी डाइट बदली और वह टीम की जरूरत के हिसाब से तैयार हो गए.

नेट पर लाला का सामना करना आसान नहीं

शमी को उनके साथी प्यार से ‘लाला’ कहते हैं और किसी भी खिलाड़ी से पूछे, तो वह कहेगा कि नेट पर लाला का सामना करना अच्छा नहीं रहता. वह तब तक नहीं रुकता, जब तक खिलाड़ी आउट नहीं हो जाता. शमी ने मोहाली में एक वनडे मैच में पांच विकेट चटकाने के बाद कहा था कि अगर आप नहीं खेल रहे हो, तो आपको बुरा महसूस करने की जरूरत नहीं. रोहित, कोहली और शमी की तिकड़ी के पास यह अंतिम मौका होगा, क्योंकि वे शायद अगले वनडे विश्व कप में नहीं खेलें.

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राहुल द्रविड़ के पास 2007 का दाग मिटाने का मौका

विश्व कप 2023 का फाइनल जीतना रोहित शर्मा, विराट कोहली और मो शमी की तिकड़ी के लिए जितना जरूरी है, उससे कहीं अधिक राहुल द्रविड़ के पास 2007 का दाग मिटाने का मौका है. 2007 के विश्व कप के दौरान राहुल द्रविड़ टीम इंडिया के कप्तान थे और इस विश्व कप में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन बहुत खराब रहा था. इसलिए, टीम इंडिया के मुख्य कोच होने के नाते राहुल द्रविड़ के पास फाइनल जीतने अपने दाग मिटाने का आखिरी मौका है. हालांकि, शनिवार के प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित शर्मा ने कहा है कि उन्हें राहुल द्रविड़ के लिए भी इस मैच को हर हाल में जीतना ही होगा, क्योंकि पिछले साल टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों हार के बाद राहुल द्रविड़ खिलाड़ियों के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे. द्रविड़ के मुख्य कोच का अनुबंध रविवार को ही समाप्त हो रहा है. इसके बाद सोमवार से वे मुख्य कोच के पद से रिटायर हो जाएंगे. इसलिए यह उनके जीवन के लिए महत्वपूर्ण मुकाबला है.

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