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Air Pollution: दिवाली से पहले बिहार की हवा हुई खराब, जानें पटना समेत अन्य शहरों का AQI

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बिहार के अधिकांश शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 पार कर चुका है. ऐसे में प्रशासन द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं. खराब हवा की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर हो रहा है.

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दिवाली से पहले पटना सहित बिहार के अधिकतर शहरों के हवा की गुणवत्ता प्रदूषण के कारण खराब स्थिति में है. सूबे के सबसे प्रदूषित शहरों में पटना शामिल हो गया है. शुक्रवार को पटना में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 320 से अधिक दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है और सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक है. इस प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस संबंधी समस्या हों लगी है. पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, गया, छपरा, भागलपुर, समस्तीपुर, मोतिहारी और कटिहार में भी प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है.

300 के पार AQI

राज्य के अधिकांश शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 पार कर चुका है. ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं. इसके लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव और साफ-सफाई करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही निर्माण स्थल पर ग्रीन चादर का उपयोग करना आवश्यक किया गया है.

पीएम 2.5 लेवल बढ़ने से बढ़ी परेशानी

डॉक्टर्स का कहना है कि प्रदूषण बढ़े होने की वजह से मास्क पहनकर ही लोग घर से बाहर निकलें. हवा में कार्बन मोनो ऑक्साइड बढ़ने के कारण पीएम 2.5 लेवल बढ़ गया है, जिससे आंखों में जलन महसूस हो सकती है. पीएम 2.5 लेवल बढ़ने से दमा, एलर्जी, हृदय समेत अन्य रोगों के मरीजों को ज्यादा नुकसान पहुंचता है.

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आने वाले समय में और खराब हो सकता है एक्यूआइ लेवल

वायु प्रदूषण विशेषज्ञों का कहना है कि सड़क पर धूल- कण की सफाई और वाहनों के परिचालन में कमी नहीं हुई, तो आने वाले समय में एक्यूआइ लेवल और खराब हो सकता है. फॉग के कारण सड़क पर उड़ने वाले धूल-कण और वाहनों से निकलने वाला धुआं धरातल से 150-200 फुट पर ही घूम रहा है.

शहरों में प्रदूषण की स्थिति

पटना : 320, मुजफ्फरपुर : 262, गया : 182, भागलपुर : 284, पूर्णिया : 397, सहरसा : 321, कटिहार : 345, सारण : 319, मोतिहारी : 288

वायु प्रदूषण का मानक

  • वायु गुणवत्ता सूचकांक शून्य से 50 तक बेहतर वातावरण को प्रदर्शित करता है.

  • वायु गुणवत्ता सूचकांक 51 से 100 संतोषप्रद वातावरण को दर्शाता है

  • वायु गुणवत्ता सूचकांक 101-200 मध्यम वायु प्रदूषण को दर्शाता है

  • वायु गुणवत्ता सूचकांक 201-300 खराब वायु गुणवत्ता को दर्शाता है

  • वायु गुणवत्ता सूचकांक 301-400 बेहद खराब स्थिति को दर्शाता है

  • वायु गुणवत्ता सूचकांक 401- 500 वातावरण अति गंभीर स्थिति को दर्शाता है

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क्या होता है AQI

वातावरण में वायु की गुणवत्ता मापने के लिए एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स (AQI) का इस्तेमाल किया जाता है. AQI लोगों को यह जानने में मदद करता है कि किसी स्थान पर हवा की कैसी क्वालिटी है और हवा कितनी साफ है. यह सूचकांक यह जाने में भी मदद करती है कि स्थानीय वायु गुणवत्ता किसी के स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव डालती है. यह सूचकांक शहर में प्रदूषण को लेकर अलर्ट करने का भी काम करती है.

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प्रदूषण कम करने के लिए पटना नगर निगम की तैयारी

पटना नगर निगम वायु प्रदूषण की मात्रा को कम करने के लिए व शहर में वायु गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए ऐसे भवनों पर जुर्माना लगायेगी जो बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करते हैं. नगर निगम ने इसके लिए 25 टीमें तैयार की हैं जो सभी वार्डों में जाकर जांच करेंगी. इनमें मुख्यालय एवं अंचल स्तर के इंजीनियर भी शामिल हैं. गौरतलब है कि कई बार सड़क पर निर्माण सामग्री रख देते हैं जो प्रदूषण बढ़ाता है. भवनों में निर्माण के दौरान हरे रंग का कपड़ा इस्तेमाल करना अनिवार्य है, परंतु कई क्षेत्रों में ऐसा देखा जा रहा है कि भवनों का निर्माण बिना ढके ही किया जा रहा है. ऐसी स्थिति में वायु प्रदूषण तेजी से फैलता है. इसे रोकने के लिए पटना नगर निगम की टीम एक साथ सभी वार्डों में जायेगी. निजी भवनों के साथ सरकारी विभाग भी बिना ढंके बनायेंगे तो उनके संवेदकों पर भी जुर्माना लगाया जायेगा. गौरतलब है कि पटना नगर निगम ने निजी एवं सरकारी सभी एजेंसी को 48 घंटे का समय दिया था कि वह सड़क पर से निर्माण सामग्री हटा लें एवं भवनाें को भी हरित पट्टी से घेरकर निर्माण करवाएं.

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