22.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 12:42 pm
22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

जानें क्यों हाती है कोयलांचल की कोयला खदानों में मां काली की पूजा?

Advertisement

बेरमो कोयलांचल की कोयला खदानों में मां काली की पूजा करने की परंपरा रही है. 70 के दशक में कोयला खदानों के राष्ट्रीयकरण के बाद भी यह परंपरा चली आ रही है. खदानों के मुहाने पर मां काली की मंदिर स्थापित की जाती रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

राकेश वर्मा, बेरमो : बेरमो कोयलांचल की कोयला खदानों में मां काली की पूजा करने की परंपरा रही है. 70 के दशक में कोयला खदानों के राष्ट्रीयकरण के बाद भी यह परंपरा चली आ रही है. खदानों के मुहाने पर मां काली की मंदिर स्थापित की जाती रही है. प्राइवेट खान मालिकों के समय भी खान मालिक, मजदूर और अधिकारी मंदिर में सिर झुकाने के बाद ही खदान में प्रवेश करते थे. कई कोयला खदानों में काली पूजा करने का इतिहास सौ साल से भी ज्यादा पुराना है. 60-70 के दशक के बाद कई कोयला खदानों में हुए भयानक हादसे और इसमें सैकड़ों कोयला मजदूरों की मौत के बाद खदानों में काली पूजा करने की परंपरा ज्यादा बढ़ी. मानना है कि कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूर प्रकृति के खिलाफ कोयला खनन करते हैं. काम करने के दौरान मां काली अप्रिय घटना से उनकी रक्षा करती है. मालूम हो कि बेरमो के ढोरी इंकलाइन में 28 मई 1965 को हुई भयानक दुर्घटना में 265 कोयला मजदूरों की मौत हुई थी.

कभी थी एक दर्जन यूजी माइंस

बेरमो में सीसीएल के बीएंडके, ढोरी व कथारा एरिया में लगभग एक दर्जन भूमिगत खदानें (इंकलाइन) हुआ करती थीं. बीएंडके एरिया में केएसपी फेज दो, बेरमो सीम इंकलाइन, कारो सीम इंकलाइन, करगली 70 फीट सीम इंकलाइन, खासमहल इंकलाइन. कथारा एरिया में स्वांग यूजी माइंस, जारंगडीह यूजी माइंस, गोविंदपुर फेज दो यूजी माइंस और ढोरी एरिया में ढोरी खास इंकलाइन के तहत 4, 5, 6 तथा 7, 8, 9 नंबर इंकलाइन के अलावा न्यू सलेक्टेड ढोरी (एनएसडी) आदि शामिल थी. अब तीनों एरिया में मात्र दो इंकलाइन कथारा एरिया की गोविंदपुर फेज दो तथा ढोरी एरिया की ढोरी खास इंकलाइन संचालित है. यहां हर साल धूमधाम से मां काली की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती थी. बकरों की बलि दी जाती थी.

चर्चित थी बोकारो कोलियरी की काली पूजा

सीसीएल बीएंडके एरिया की सौ साल से ज्यादा पुरानी बोकारो कोलियरी की माइंसों में होने वाली काली पूजा चर्चित थी. बोकारो कोलियरी की दो नंबर, तीन नंबर व पांच नंबर खदान के अलावा पावर हाउस के निकट भव्य आयोजन होता था. इसके अलावा करगली कोलियरी की एक नंबर व तीन नंबर खदान के अलावा 70 फीट सीम इंकलाइन के अलावा करगली सीम इंकलाइन में भी धूमधाम से काली पूजा की जाती थी. बाद में बेरमो सीम इंकलाइन तथा कारो सीम इंकलाइन में भी पूजा शुरू हुई. हर साल करगली इंकलाइन के मुहाने पर मां काली की प्रतिमा स्थापित की जाती थी. कई जगहों पर काली पूजा के दिन कई तरह की प्रदर्शनी भी लगायी जाती थी. इसमें दिखाया जाता था कि कोयला खदान में किस तरह काम होता है. रात में इंकलाइन में काम करने वाले पीआर (पीस रेटेड) मजदूर बकरे की बलि देते थे. करगली कोलियरी में अंग्रेज मैनेजर एमजी फेल तथा बोकारो कोलियरी में अंग्रेज मैनेजर बीडी टूली भी माइंस आकर मां काली का दर्शन कर प्रसाद ग्रहण करते थे.

कथारा व ढोरी की खदानों में भी वर्षों से हो रही पूजा

सीसीएल के कथारा व ढोरी एरिया की कई भूमिगत खदानों तथा खुली खदानों में वर्षों से मां काली की पूजा होती आ रही है. कथारा प्रक्षेत्र की जारंगडीह, स्वांग व गोविंदपुर इंकलाइन में हर साल धूमधाम से पूजा होती थी. स्वांग व जारंगडीह इंकलाइन वर्षों पहले बंद हो गयी. अब सिर्फ गोविंदपुर इंकलाइन में पूजा का आयोजन होता है. यहां वर्ष 1983 से काली पूजा की जा रही है. खदान के मुहाने पर मां काली का मंदिर है. ढोरी एरिया की एसडीओसीएम व कारीपानी के अलावा तीनव नंबर इंकलाइन में भी काली पूजा की जाती थी. फिलहाल ढोरी खास इंकलाइन में काली पूजा की जाती है.

Also Read: बोकारो : धनतेरस के लिए सज गया बर्तनों का बाजार, अच्छे कारोबार होने की उम्मीद

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें