राजस्थान में विधानसभा चुनाव में एक महीने से भी कम का वक्त बचा है. इस बीच कई हाई प्रोफाइल सीट की चर्चा सूबे में हो रही है. इन सीटों में एक टोंक भी है जहां से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस से चुनावी मैदान पर उतरे हैं. पायलट को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने इस सीट से पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता को टिकट दिया है. इस चुनाव में स्थानीय उम्मीदवार के मुद्दे पर मास्टर स्ट्रोक खेलकर बीजेपी ने पायलट के सामने बड़ी चुनौती पेश की है. टोंक विधानसभा से होने वाला चुनाव अब काफी रोचक हो चुका है. आपको बता दें कि टोंक में इस बार स्थानीय उम्मीदवार को लेकर मुद्दा काफी गहराया नजर आ रहा है. ऐसे में इस चुनाव में पायलट को स्थानीय उम्मीदवार अजीत सिंह मेहता से कड़ी टक्कर मिल सकती है, हालांकि चुनाव परिणाम से पहले कुछ कहना जल्दबाजी होगी. आइए नजर डालते हैं सचिन पायलट के राजनीतिक जीवन पर…
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जन्म हुआ सचिन पायलट का
7 सितंबर 1977 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दिवंगत कांग्रेस नेता राजेश पायलट और रमा पायलट के घर एक नन्हा मेहमान आया जिसका नाम इस दंपत्ति ने सचिन रखा. राजेश पायलट केंद्रीय मंत्री के पद पर सेवा दे चुके थे. पायलट का पैतृक गांव वैदपुरा (नोएडा, उत्तर प्रदेश) है. सचिन पायलट के शिक्षा की बात करें तो उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा एयर फ़ोर्स बाल भारती स्कूल, नई दिल्ली से की. स्नातक की पढ़ाई सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने की. सचिन पायलट ने एमबीए पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से किया. व्हार्टन स्कूल से एमबीए करने के दौरान उनकी मुलाकात सारा से हुई थी. पायलट के पास आईएमटी गाजियाबाद से मार्केटिंग में डिप्लोमा भी है.
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सचिन पायलट का निजी जीवन
सचिन पायलट के निजी जीवन की बात करें तो उन्होंने 15 जनवरी 2004 को फारूक अब्दुल्ला की बेटी सारा अब्दुल्ला से शादी की. विदेश में पढ़ाई करने के दौरान दोनों में प्यार हुआ और बाद में इन्होंने शादी कर ली. सारा अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला की बेटी हैं. इस जोड़े के दो बेटे हैं जिनका नाम आरान और वेहान है. सचिन और सारा की शादी के खिलाफ दोनों का परिवार था, हालांकि इस कपल ने काफी दिनों तक इंतजार करने के बाद शादी की. इस बीच आपको बता दें कि सचिन पायलट और सारा पायलट के बीच तलाक हो चुका है. पायलट के चुनावी एफिडेविट से इसका खुलासा हुआ है.
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सचिन पायलट का राजनीतिक करियर
-26 साल की उम्र में सचिन पायलट 2004 के लोकसभा चुनाव में दौसा निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए.
-सचिन पायलट भारत में सबसे कम उम्र के संसद सदस्य (सांसद) बने.
-2009 के लोकसभा चुनाव में पायलट ने बीजेपी की किरण माहेश्वरी को भारी अंतर से हराया.
-सचिन पायलट गृह मामलों पर लोकसभा की स्थायी समिति के सदस्य और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं.
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-सचिन पायलट 2012 में मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल में कॉरपोरेट मामलों के मंत्री बने.
-सचिन पायलट 2014 का लोकसभा चुनाव अजमेर निर्वाचन क्षेत्र से लड़े. इस चुनाव में वह बीजेपी उम्मीदवार सांवरलाल जाट से भारी मतों के अंतर से हार गए.
-2014 में वह राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गये.
Also Read: अशोक गहलोत से महेंद्र सिंह की होगी टक्कर, अजीत सिंह देंगे सचिन पायलट को चुनौती, BJP ने जारी की तीसरी लिस्ट-2018 के विधान सभा चुनाव में सचिन पायलट ने यूनुस खान को हराकर टोंक सीट पर जीत का परचम लहराया.
-13 जुलाई, 2020 को उन्होंने अशोक गहलोत की सरकार के तहत राजस्थान के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
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सचिन पायलट ने 18 विधायकों के साथ की थी बगावत
अशोक गहलोत के खिलाफ तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य विधायकों ने जुलाई 2020 में बगावत कर दी थी. महीने भर जारी रहा संकट पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद खत्म हुआ था. पायलट को तब उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई अध्यक्ष पदों से हटा दिया गया था. तब से गहलोत-पायलट संबंध तनावपूर्ण देखने को मिले हैं और दोनों नेताओं को एक-दूसरे पर खुल कर निशाना साधते भी नजर आ चुके है.
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