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दुमका: फूलो झानो मेडिकल कॉलेज के शिशु विभाग में डॉक्टरों की कमी, बच्चों को हो रही है परेशानी

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दो चिकित्सक के भरोसे पीजेएमसीएच का शिशु रोग विभाग चलाया जा रहा है. शिशु रोग विभाग में चिकित्सकों की कमी के मरीज व उसने परिजनों को काफी परेशानी हो रही है.

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दुमका : फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में एक बार फिर चिकित्सकों की कमी हो गयी. तीन चिकित्सक सेवा दे रहें थे. विभागीय निर्देश पर एक चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गयी. वर्तमान में दो चिकित्सक ओपीडी, इमरजेंसी, चाइल्ड वार्ड, एसएनसीयू व कुपोषण केंद्र में मरीजों को सेवा दे रहे है. शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. पीजेएमसीएच के शिशु रोग विभाग में एक प्रोफेसर, दो असोसिएट प्रोफेसर, दो असिस्टेंट प्रोफेसर व तीन सीनियर रेजिडेंट चिकित्सक का पद सृजित है. लेकिन वर्तमान में इस विभाग में केवल एक सीनियर रेजिडेंट सेवा दे रहें हैं. शेष पद रिक्त पड़े हुए है. शिशु रोग विभाग में चिकित्सकों की कमी के मरीज व उसने परिजनों को काफी परेशानी हो रही है. बच्चों का समुचित इलाज हो सके इसलिए दो स्पेशल मेडिकल ऑफिसर से शिशु रोग विभाग में सेवा ली जा रही है. विभागीय निर्देश पर एक चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गयी.

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डॉकटरों की कमी से कैसे काम चल रहा है

फिलहाल दो चिकित्सक के भरोसे पीजेएमसीएच का शिशु रोग विभाग चलाया जा रहा है. पीजेएमसीएच के ओपीडी से इमरजेंसी तक प्रतिदिन 100 से अधिक बच्चों को इलाज कराने के लिए लाया जाता है. इसके अलावा दो चिकित्सकों के जिम्मे 10 बेड का चाइल्ड वार्ड, 12 बेड का एसएनसीयू व 15 बेड का कुपोषण उपचार केंद्र हैं. नियमत एसएनसीयू और कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती बच्चों की देखभाल के लिए तीन शिफ्ट में चिकित्सकों का रहना अनिवार्य है. लेकिन चिकित्सकों के अभाव के कारण तीनों शिफ्ट में चिकित्सक ड्यूटी पर नही रह पाते हैं.

क्या कहा पीजेएमसीएच के सुपरिटेंडेंट ने

दुमका मेडिकल कॉलेज के सुपरीटेंडेंट डॉ अनुकरण पूर्ति बताया कि शिशु रोग विभाग में चिकित्सकों की आवश्यकता है. विभागीय निर्देश पर एक चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गयी है. वहीं विभागीय निर्देश पर शिशु रोग विभाग में एक चिकित्सक का पदस्थापन किया गया है. उनके योगदान के बाद परेशानी समाप्त हो जायेगी.

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