15.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 09:35 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

भारतीय स्पिन चौकड़ी में अबूझ पहेली थे बिशन सिंह बेदी, मिलते ही विराट कोहली छू लेते थे पैर

Advertisement

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और करामाती स्पिनर बिशन सिंह बेदी का निधन हो गया है. वह 77 साल के थे. बेदी काफी समय से बीमार चल रहे थे. बेदी अपने समय में टॉप स्पिनर्स में से एक थे. उन्होंने टीम के मैनेजर की भी भूमिका निभाई थी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Undefined
भारतीय स्पिन चौकड़ी में अबूझ पहेली थे बिशन सिंह बेदी, मिलते ही विराट कोहली छू लेते थे पैर 10

अपनी आर्म बॉल से लेकर फ्लाइट लेती गेंदों से दुनिया भर के बल्लेबाजों को चकमा देने वाले बिशन सिंह बेदी भारतीय स्पिन चौकड़ी की वह अबूझ पहेली थे, जो अपने फैसलों और बेबाक टिप्पणियों के कारण विवादों में भी रहे. दुनिया के सबसे लोकप्रिय क्रिकेटरों में से एक बेदी का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को 77 साल की उम्र में निधन हो गया.

- Advertisement -
Undefined
भारतीय स्पिन चौकड़ी में अबूझ पहेली थे बिशन सिंह बेदी, मिलते ही विराट कोहली छू लेते थे पैर 11

इसके साथ ही विश्व क्रिकेट ने एक ऐसे सितारे को अलविदा कह दिया जिसने कई दशक तक भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने में अपना अमूल्य योगदान दिया. बेदी का जन्म 25 सितंबर 1946 को पंजाब के अमृतसर शहर में हुआ था. वह भारत की उस स्पिन चौकड़ी का हिस्सा थे जिसमें उनके अलावा इरापल्ली प्रसन्ना, भागवत चंद्रशेखर और श्रीनिवास वेंकटराघवन शामिल थे.

Undefined
भारतीय स्पिन चौकड़ी में अबूझ पहेली थे बिशन सिंह बेदी, मिलते ही विराट कोहली छू लेते थे पैर 12

बेदी ने लगभग 12 साल तक भारतीय गेंदबाजी का जिम्मा संभाला. यह बेहद कलात्मक बायें हाथ का स्पिनर अपनी पीढ़ी के बल्लेबाजों के लिये हमेशा अबूझ पहेली बना रहा. वह गेंद को जितना संभव हो उतनी ऊंचाई से छोड़ते थे और उनका नियंत्रण गजब का था. बेदी ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण 31 दिसंबर 1966 को वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन्स में किया था.

Undefined
भारतीय स्पिन चौकड़ी में अबूझ पहेली थे बिशन सिंह बेदी, मिलते ही विराट कोहली छू लेते थे पैर 13

बेदी 1979 तक भारतीय टीम का हिस्सा रहे. उन्होंने इस बीच 67 टेस्ट मैच खेले जिनमें 28.71 की औसत से 266 विकेट लिए. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बेदी के नाम पर 1560 विकेट दर्ज हैं. बेदी 22 मैचों में भारत के कप्तान भी रहे जिनमें से छह में भारतीय टीम ने जीत दर्ज की. क्रिकेट संन्यास लेने के बाद बेदी भारतीय टीम के कोच और राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहे.

Undefined
भारतीय स्पिन चौकड़ी में अबूझ पहेली थे बिशन सिंह बेदी, मिलते ही विराट कोहली छू लेते थे पैर 14

बेदी 1990 में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड दौरे के दौरान कुछ समय के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर थे. वह मनिंदर सिंह और मुरली कार्तिक जैसे कई प्रतिभाशाली स्पिनरों के गुरु भी थे. बाएं हाथ के स्पिनर बेदी स्पिन की हर कला जानते थे. चाहे वह तेजी में बदलाव हो या वैरीएशन. उनकी फ्लाइट, आर्म बाल और अचानक से की गई तेज गेंद पर बल्लेबाज चकमा खा बैठते थे.

Undefined
भारतीय स्पिन चौकड़ी में अबूझ पहेली थे बिशन सिंह बेदी, मिलते ही विराट कोहली छू लेते थे पैर 15

विश्व क्रिकेट में जब भी आर्म बॉल का जिक्र आएगा तब जेहन में पहला नाम बिशन सिंह बेदी का होगा, जिन्होंने बाएं हाथ के स्पिनरों की गुगली कही जाने वाली इस गेंद को नया जीवन दिया था. बेदी ने अपनी आर्मर से दुनिया के कई दिग्गज बल्लेबाजों को चकमे में डाला. यदि यह रिकार्ड भी रखा जाता कि एक गेंदबाज ने किस तरह की गेंद पर सर्वाधिक विकेट लिए तो निश्चित तौर पर आर्म बॉल के मामले में बेदी बाजी मार जाते.

Undefined
भारतीय स्पिन चौकड़ी में अबूझ पहेली थे बिशन सिंह बेदी, मिलते ही विराट कोहली छू लेते थे पैर 16

जब भी कोई बल्लेबाज उन पर हावी होने की कोशिश करता था तब वह आर्मर का उपयोग करते थे. ऐसा नहीं कि उन्हें हर बार आर्म बॉल करने पर सफलता ही मिलती थी लेकिन इस गेंद ने उन्हें कई अवसरों पर विकेट दिलाए. बेदी ने 15 साल की उम्र में उत्तरी पंजाब की तरफ से 1961-62 में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और बाद में वह दिल्ली की तरफ खेले. विकेट निकालने में वह माहिर थे और इसलिए कभी उनका तीर खाली नहीं जाता था. एक समय नार्थम्पटनशर को उन्होंने काउंटी क्रिकेट में खासी सफलता दिलायी थी.

Undefined
भारतीय स्पिन चौकड़ी में अबूझ पहेली थे बिशन सिंह बेदी, मिलते ही विराट कोहली छू लेते थे पैर 17

बेदी का विवादों से भी पुराना नाता रहा है। अपनी बेबाक टिप्पणियों के कारण वह जब तब विवादों में भी फंसते रहे. वह 1976-77 में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जान लीवर के वैसलीन का उपयोग करने पर आपत्ति जताने और 1976 में वेस्टइंडीज की खौफनाक गेंदबाजी के कारण किंग्सटन में भारत की दूसरी पारी समाप्त घोषित करने के कारण भी चर्चा में रहे थे.

Undefined
भारतीय स्पिन चौकड़ी में अबूझ पहेली थे बिशन सिंह बेदी, मिलते ही विराट कोहली छू लेते थे पैर 18

बेदी दुनिया के ऐसे पहले कप्तान थे जिन्होंने टीम के जीत के करीब होने के बावजूद गलत अंपायरिंग का विरोध करके मैच गंवा दिया था. यह नवंबर 1978 की घटना है जब भारत को पाकिस्तान के खिलाफ साहिवाल में खेले जा रहे वनडे मैच में 14 गेंद पर 23 रन की जरूरत थी और उसके 8 विकेट बचे हुए थे. पाकिस्तान के तेज गेंदबाज सरफराज नवाज ने तब लगातार चार बाउंसर किये और अंपायर ने उनमें से एक को भी वाइड करार नहीं दिया. इसके विरोध में बेदी ने अपने बल्लेबाजों को वापस बुला दिया था.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें