![Dussehra Puja 2023: अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है विजयादशमी, कल शुभ योग में ऐसे करें देवी अपराजिता की पूजा 1 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2023-10/1a1f04a4-7de8-4f4c-8168-c9c47d6b32c7/325be7e2-eaef-4f98-b0ac-d0a48fabfaf4.jpg)
धार्मिक मान्यता है कि रावण को हराने से पहले लंका में प्रवेश करना ही सबसे कठिन कार्य था. इसके बावजूद प्रभु श्रीराम ने वानर सेना की मदद से लंका पर चढ़ाई की. कल दशहरा है. आइए जानते है कि इस दिन रावण दहन का शुभ मुहूर्त क्या है.
![Dussehra Puja 2023: अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है विजयादशमी, कल शुभ योग में ऐसे करें देवी अपराजिता की पूजा 2 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/prabhatkhabar/import/2016/10/2016_10$largeimg10_Oct_2016_070308433.jpg)
आज कन्या पूजा और हवन के साथ नवरात्रि का समापन हो जाएगा. वहीं दशमी तिथि आरंभ 23 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार की शाम 05 बजकर 44 मिनट से होगी. दशमी तिथि का समापन 24 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार की शाम 03 बजकर 14 मिनट पर होगा.
![Dussehra Puja 2023: अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है विजयादशमी, कल शुभ योग में ऐसे करें देवी अपराजिता की पूजा 3 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2023-10/28677745-3ba2-4602-9b2c-7b784a151f56/JK06ym_Nf4k_HD.jpg)
इस साल दशहरा पर्व पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं. इस दिन रवि योग सुबह 06 बजकर 27 मिनट से दोपहर 03 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. इसके बाद शाम 6 बजकर 38 मिनट से 25 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 28 मिनट तक यह योग रहेगा. वहीं, दशहरा पर वृद्धि योग दोपहर 03 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर पूरी रात रहेगा.
![Dussehra Puja 2023: अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है विजयादशमी, कल शुभ योग में ऐसे करें देवी अपराजिता की पूजा 4 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2023-10/1f500f93-8683-418d-a223-ae7fafb4aff8/150.jpg)
दशहरा के दिन देवी अपराजिता की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से दोपहर 02 बजकर 43 मिनट तक है. 24 अक्टूबर को देवी अपराजिता की पूजा के लिए सिर्फ 45 मिनट का शुभ समय मिलेगा.
![Dussehra Puja 2023: अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है विजयादशमी, कल शुभ योग में ऐसे करें देवी अपराजिता की पूजा 5 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2023-10/82b1fd73-747c-4f79-8039-7d0493e7299a/151.jpg)
सुबह में स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें.
देवी अपराजिता की पूजा का संकल्प लें.
देवी अपराजिता को अक्षत, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, फल आदि अर्पित करें.
पूजा के दौरान इस मंत्र का 108 बार जाप करें – ॐ अपराजितायै नमः.
अर्गला स्तोत्र, देवी कवच और देवी सूक्तम का पाठ करना चाहिए.
घी का दीपक लगाकर देवी अपराजिता की आरती करें.