18.1 C
Ranchi
Saturday, March 15, 2025 | 07:23 am
18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड की नौ दुर्गा-08: वर्षों से मां जगदंबा की सजीव प्रतिमा गढ़ रहीं हैं माधबी पाल

Advertisement

माधबी हमारे शहर की एकमात्र महिला मूर्तिकार हैं, जो पिछले दस वर्षों से मूर्तियां बना रही हैं. दरअसल मूर्तिकार बनने में इनकी ज्यादा रुचि नहीं थी, फिर भी उन्होंने बतौर मूर्तिकार अपनी पहचान बनायी है..क्यों? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर..

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News: अपने शहर की कोकर चूना भट्ठा निवासी माधबी पाल महिलाओं के लिए मिसाल हैं. माधबी हमारे शहर की एकमात्र महिला मूर्तिकार हैं, जो पिछले दस वर्षों से मूर्तियां बना रही हैं. इन्होंने बतौर मूर्तिकार अपनी पहचान बनायी है. दरअसल मूर्तिकार बनने में इनकी ज्यादा रुचि नहीं थी, लेकिन मजबूरियों के कारण मूर्तिकार बना पड़ा. पति स्व बाबूपाल शहर के प्रसिद्ध मूर्तिकार थे, जिनका 2012 में निधन हो गया. जिसके बाद माधबी अपने पति के काम को स्वरूप दे रही हैं. माधबी ने बताया कि वह अपने पति को काम करते देखती थीं, तो उनके काम को पूरा भी करना था. उस समय बच्चे छोटे थे. दो बच्चों की जिम्मेदारी भी माधबी के सर पर थी. विपरीत परिस्थितियों में भी अपने पति की किराये की दुकान को दो छोटे बच्चों की देखरेख करते हुए संभाला.

मां सरस्वती से लेकर, विश्वकर्मा पूजा, गणेश पूजा और दुर्गा पूजा तक की मूर्तियों का सारा सेट तैयार कर लेती हैं. कोलकाता की रहनेवाली हैं, तो मूर्तियों को बनाने का अंदाज भी अलग है. बंगाल की तर्ज पर मूर्तियों का निर्माण करती हैं. यहीं नहीं यहां बंगाल के कारीगर भी इनके निर्देशन में मूर्तियां तैयार करते हैं. मूर्तिकारों के कई परिवार इनके द्वारा दिये गये रोजगार से चल रहे हैं. माधबी कहती हैं कि महिलाओं के लिए बतौर मूर्तिकार काम करना आसान नहीं होता है. ऑफ सीजन का खर्च भी उठाना पड़ता है. लेकिन यह भी है कि महिलाएं चाहे तो काम कर सकती हैं.

Also Read: झारखंड की नौ दुर्गा-07: ये डॉक्टर महिलाओं को बना रही सशक्त, तमिलनाडु में मिल चुका है प्रतिष्ठित सम्मान

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
होम वीडियो
News Snaps
News Reels आप का शहर