
पटना के लंगरटोली स्थित बंगाली अखाड़ा में विशुद्ध सिद्धांत विधि से पूजा-अर्चना होती है. मां दुर्गा की पूजा, चंडी पाठ और तंत्रधारक पद्धति, षष्ठी को कलश स्थापना होती है. यहां षष्ठी को एक छोटे सांस्कृतिक कार्यक्रम में पूजा आरंभ होने की विधिवत घोषणा की गई और मां का पट खोला गया.

आनंदपुरी इलाके में श्री विजय वाहिनी दुर्गा पूजा समिति ने अपने 41वें वर्ष पर 20 हजार नए कपड़ों की मदद से सजावट की है. पूजा के बाद ये कपड़े गरीब बच्चों के बीच वितरित की जाएगी.

किलकारी में डांडिया उत्सव का आयोजन किया गया. रंग-बिरंगे परिधानों में बच्चे डांडिया के साथ कई गानों की धुन पर झूमते दिखे. यहां झिझिया नृत्य की भी प्रस्तुति दी गयी. इसके बाद डांडिया खेला गया. इस बीच तीन प्रतियोगिता आयोजित की गयी. इसमें बेस्ट डांडिया, बेस्ट ड्रेस और बेस्ट डांस गर्ल्स और बॉयज कैटेगरी में की गयी. आखिर में सभी विजेताओं को सम्मानित किया गया.

शहर के हनुमान नगर में मां दुर्गा का 70 फिट ऊंचा भव्य पंडाल बनाया गया है. यहां भगवान शंकर को ड्रैगन पर खड़ा दिखाया गया है.


शेखपूरा दुर्गा आश्रम गली में दुर्गा पूजा के लिए बनाया गया भव्य पंडाल

जगदेव पथ स्थित सभी पूजा समितियां ने विशेष लाइट के माध्यम से समूचे सड़क को सजाया है. इस पथ में राजा बाजार पूजा समिति, खाजपुरा पूजा समिति, शेखपुरा पूजा समिति सहित अन्य पूजा समिति मौजूद है. हर पंडाल के पास से करीब 500 मीटर के क्षेत्र को सजाया जा रहा है. साज-सज्जा में चीनी लाइट की लड़ी, एलइडी लाइट का इस्तेमाल किया जा रहा है.

इसके साथ ही बोरिंग रोड चौराहे के सभी तरफ लाइट से सजावट की गई है. एलइडी लाइट से पंडाल की शोभा को बढ़ाया जा रहा है, तो चीनी लाइट की लड़ियों से सड़क को आकर्षक बनाया जा रहा है.



राजा बाजार में इस बार 25 से भी ज्यादा झूला लगा रखे हैं. यहां ज्यादातर बच्चों के पसंद के आधुनिक झूले लगे हैं. पहले से अब मेला का रूप बदल गया है. फ्लाइओवर नहीं बनने के पहले बड़े झूले भी लगते थे. लेकिन, अब स्कॉर्पियो, मिक्की माउस, नौका, चांद-तारा, आदि झूले लगे हैं. यहां 20 रुपये से इसका आनंद से सकते हैं. शेखपुरा से जगदेव पथ तक झूले लगे हैं.


पहलवान घाट पर मां की भव्य प्रतिमा के साथ ही करीब एक किमी क्षेत्र को फूल और चीनी लाइट की लड़ियों से सजाया गया है. इसमें करीब दो लाख का खर्च अनुमानित है.