19.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 09:34 am
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Dussehra 2023: 40 सालों में पहली बार ओडिशा के झारसुगुड़ा में नहीं होगा रावण दहण, जानिए क्या है कारण

Advertisement

इस बार 40 सालों में पहली बार ओडिशा में रावण दहन नहीं होगा. प्रशासन के इस फैसले के बाद पहली बार यहां रावण दहन नहीं होगा. वहीं अब अलका गुट क्या कदम उठायेगा, इस पर सभी की नजर टिकी है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

ओडिशा के झारसुगुड़ा शहर के मनमोहन स्कूल मैदान में पिछले चार दशक में इस वर्ष पहली बार रावण दहन नहीं होगा. इसी के साथ झारसुगुड़ा विधायक दीपाली दास व ब्रजराजनगर विधायक अलका मोहंती के बीच चल रहे विवाद का भी अंत हो गया है. इसे लेकर भुवनेश्वर में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच घंटों चर्चा की गयी. जिसके बाद दोनों पक्षों को अनुमति नहीं दिये जाने पर सहमति बनने की सूचना है. इस बारे में दोनों पक्षों को भी सूचित कर दिया गया है. हालांकि, मंगलवार रात तक इस बारे में जिला प्रशासन के पास कोई सूचना नहीं पहुंची है. इस संबंध में सरकार की डिफेंसिव बैटिंग से राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हैं. इसे एक तरह से दीपाली गुट की जीत माना जा रहा है. जबकि अलका गुट को आउट होना पड़ा है. इससे स्वाभाविक तौर पर अलका गुट में असंतोष है.


दीपाली गुट ने एक माह पहले किया था आवेदन

झारसुगुड़ा विधानसभा क्षेत्र में दिवंगत किशोर मोहंती का एक समय एकछत्र राज था. 2009 के बाद दिवंगत नव किशोर दास का यहां दबदबा बना गया था. वहीं नव किशोर दास की मौत के बाद उनकी पुत्री व वर्तमान विधायक दीपाली दास ने उत्ताराधिकारी के रूप में अपने पिता की विरासत संभाली है. उनके गढ़ में कोई और प्रवेश ना कर पाये, इसे ध्यान में रखते हुए दीपाली गुट ने रावण दहन के लिए एक माह पहले ही दशहरा उत्सव समिति के नाम पर जिला प्रशासन से अनुमति के लिए आवेदन कर रखा था. बाद में अलका गुट ने भी आवेदन किया था. इसके बाद मनमोहन स्कूल मैदान में रावण दहन को लेकर दोनों गुटों के बीच विवाद शुरू हो गया था. इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने उक्त मैदान में किसी भी पक्ष को रावण दहन के लिए अनुमति नहीं देने का फैसला लिया है. गौरतलब है कि मनमोहन स्कूल मैदान में पिछले 38 वर्षों से अधिक समय से रावण दहन हो रहा है. प्रशासन के इस फैसले के बाद पहली बार यहां रावण दहन नहीं होगा. वहीं अब अलका गुट क्या कदम उठायेगा, इस पर सभी की नजर टिकी है

Also Read: जमीन से जुड़े नेता रघुवर दास का बीजेपी के मंडल अध्यक्ष से झारखंड के सीएम और ओडिशा के राज्यपाल तक का ऐसा है सफर

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें