19.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 09:40 pm
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार: डॉक्टर ने मरीज को दिया नया जीवन, सिर्फ मांसपेशी के सहारे झूल रहा था हाथ, बांह काटे बिना किया ऑपरेशन

Advertisement

‍Bihar News: बिहार के एक डॉक्टर ने सफल ऑपरेशन कर मरीज को नया जीवन दिया है. दरअसल, एक दुर्घटना के बाद मरीज का हाथ जख्मी हो गया था. मरीज की स्थिति इतनी खराब थी कि सिर्फ मांशपेशी के सहारे उसका हाथ झूल रहा था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

‍Bihar News: बिहार के एक डॉक्टर ने सफल और अच्छे से ऑपरेशन कर मरीज को नया जीवन दिया है. दरअसल, एक दुर्घटना के बाद मरीज का हाथ बुरी तरीके से जख्मी हो गया था. मरीज की स्थिति इतनी खराब थी कि सिर्फ मांशपेशी के सहारे उसका हाथ झूल रहा था. यह हड्डी से अलग हो चुका था. इसके बाद बांह काटे बिना ही मरीज का सफल ऑपरेशन किया गया है. पटना के दानापुर में स्थित एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने मरीज का हाथ कटने से बचाया है. डॉक्टर एके सिन्हा ने मरीज को नई जिंदगी दे दी है. मशीन में बांह घुसने से दाहिने हाथ की दो हड्डी हाथ से अगल हो गई थी.

- Advertisement -

मशीन में घुस गया था मरीज का हाथ

डाक्टर एके सिन्हा ने 35 वर्षीय एक मरीज का बांह कटने से बचा लिया और उसे एक नई जिंदगी दे दी. खगड़िया के रवि कुमार मंडल (बदला हुआ नाम) का दायां बांह काम करने के दौरान मशीन में घुस गया था. इसका परिणाम यह हुआ कि उसकी केहुनी से ऊपर सात इंच हड्डी बांह से पूरी तरह अलग हो गई थी. वहीं, केहुनी से नीचे भी बांह डैमेज हो चुका था. मरीज का बांह सिर्फ मांसपेशी के सहारे झूल रहा था. इस गंभीर दुर्घटना के बाद जब उसके परिजन कई अस्पतालों में पहुंचे जहां उन्हें बांह काटने की बात कही गयी. इसके बाद वह दानापुर के सगुना मोड़ स्थित एक निजी हॉस्पिटल में पहुंचे. यहां ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. एके सिन्हा ने उन्हें बांह नहीं काटने का भरोसा दिलाया. यह बहुत मुश्किल फैसला था. मरीज की जान पर बनी हुई थी. मगर डॉ. सिन्हा ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह उसे ठीक करेंगे.

Also Read: बिहार में डेंगू के आंकड़े भयावह, पटना में फिर मिले 100 से अधिक मरीज, संक्रमितों की संख्या 10 हजार के पार
पैर की हड्डी को किया इम्प्लांट

डॉ. सिन्हा ने मरीज का ऑपरेशन शुरू किया. उन्होंने पैर की हड्डी की एक इकाई को निकालकर उसके बांह के दोनों हिस्से में इम्लांट किया. इस बेहद मुश्किल ऑपरेशन में चार घंटे से ज्यादा का समय लगा. मरीज को एक हफ्ते तक डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया. उसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. डॉ. एके सिन्हा की देखरेख में उसकी फिजियो थेरेपी चल रही है. डॉ. सिन्हा बताते हैं कि रवि के बांह में ताकत आ गयी है. जल्द ही उसका हाथ काम करने लगेगा और समय के साथ उसका बांह सामान्य होता चला जाएगा. मुन्ना के परिजन डॉ. एके सिन्हा को धन्यवाद दिया है. वह इन्हें धन्यवाद देते नहीं थक रहे हैं. वह कहते हैं कि डॉक्टर ने मुन्ना को एक नई जिंदगी दी है. इस ऑपरेशन के बाद मरीज के परिजनों ने राहत की सांस ली है. साथ ही सभी काफी खुश हैं.

Also Read: बिहार: दुर्गा पूजा को लेकर संवेदनशील स्थान चिन्हित, सैकड़ों अतिरिक्त पुलिसकर्मी की हुई तैनाती
जीवन की रक्षा ही चिकित्सा का लक्ष्य

वहीं, बता दें कि डॉक्टर की समझदारी और सूझबूझ से मरीज की जान बच सकती है. इसके अलावा समय पर इलाज करवाने का भी महत्व होता है. चिकित्सक बताते है कि सही समय पर इलाज करवाने से गंभीर खतरों से बचा जा सकता है. इलाज में देरी की वजह से मर्ज बढ़ सकता है. डॉक्टरों ने सलाह दी है कि अगर जरा भी दिक्कत होती है तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. इलाज में लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. वहीं, दुर्घटना के बाद भी सही इलाज मिलना बहुत जरुरी होता है. चिकित्सा का लक्ष्य ही जीवन की रक्षा करना है. दुर्घटना में घायल या बीमार व्यक्ति के लिए सही प्राथमिक चिकित्सा का प्रयोग जरुरी है. किसी भी व्यक्ति को डाॅक्टर या एंबुलेंस बुलाने के लिए कहना चाहिए. चिकित्सक व्यक्ति को नया जीवन दे सकते हैं. एंबुलेंस के नहीं आने तक पीड़ित व्यक्ति को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए. पीड़ित व्यक्ति को ठीक होने का भरोसा देना भी जरुरी होता है.

Also Read: बिहार के इस शहर में कई दशकों से चली आ रही है अनोखी परंपरा, कंधे के जरिए किया जाता है दुर्गा माता का विसर्जन..

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें