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अलीगढ़: ई- कवच ऐप से लैस हो रही हैं आशा वर्कर्स, अब लोगों के स्वास्थ्य की मिलेगी सटीक जानकारी

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आशा वर्कर्स को कागज-कलम से मुक्ति दिलाकर ई- कवच से लैस किया जा रहा है. मोबाइल ऐप के माध्यम से उनके विभागीय कार्यों को ऑनलाइन देखा जा सकेगा. साथ ही कार्य प्रगति की समीक्षा भी आसानी से हो सकेगी.

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अलीगढ़: कागज-कलम से मुक्ति दिलाकर आशा कार्यकर्ताओं को ई- कवच से लैस किया जा रहा है. मोबाइल ऐप के माध्यम से उनके विभागीय कार्यों को ऑनलाइन देखा जा सकेगा. कार्य प्रगति की समीक्षा भी आसानी से हो सकेगी. आशा कार्यकर्ता फील्ड में रहकर इसी ऐप पर गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण, टीकाकरण व अन्य कार्यों की फीडिंग करेंगी. इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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घर-घर जा कर रिपोर्ट तैयार करती हैं आशा वर्कर्स

जिले में करीब 2800 आशा वर्कर्स हैं. विभाग के अभियानों में आशा वर्कर्स को घर-घर जाकर रिपोर्ट तैयार करना पड़ता है. ई- कवच ऐप लॉन्च होने से पहले इन्हें कागज पर रिपोर्ट तैयार करनी पड़ता था. वही रिपोर्ट कंप्यूटर पर अपलोड किया जाता था. इसमें काफी मेहनत और समय लगता है. ई- कवच ऐप में काम आसान कर दिया है. इसी ऐप पर आशा और एएनएम बच्चों व गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण और बीमारियों की जानकारी अपलोड करेंगी.

आशाओं को दिया जा रहा है प्रशिक्षण

इस ऑनलाइन रिपोर्टिंग के लिए स्वास्थ्य केद्रों पर आशाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ब्लॉक स्तर पर 40-40 आशाओं के बैच बनाए गए हैं. 16 अक्टूबर से दस्तक अभियान शुरू होने से पहले ही प्रशिक्षण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. जिला मलेरिया अधिकारी डॉ राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि ई- कवच से आशा कार्यकर्ताओं को कागज और पेन से छुटकारा मिल जाएगा.

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महिलाओं और बच्चों की सेहत की सटीक जानकारी मिलेगी

ई- कवच से अधिकारी कहीं भी आशा वर्कर्स के कार्यों की प्रगति को देख सकेंगे. आशाओं को भी अपने कार्यों के लिए कागजी रिपोर्ट नहीं भरनी पड़ेगी. एक क्लिक के जरिए ही आशा के काम को ऑनलाइन देखा जा सकेगा. आशाओं को मोबाइल भी दिया गया है. इस ऐप के जरिए महिलाओं और बच्चों के सेहत की सटीक जानकारी भी मिल सकेगी. बच्चों व महिलाओं को कौनसा टीका लगा है और कौनसा बाकी है. इसकी जानकारी भी मिल सकेगी. इससे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देने में मदद मिलेगी.

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