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डाउन सिंड्रोम से पीड़ित धनबाद की एक बच्ची इंटरनेशनल फोटोग्राफी प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंच गई है. 14 साल की इस बच्ची का नाम एंजेलीना मेगडालीन एभिन (Angelina Magdalene Ebhin) है. वह धनबाद की रहने वाली है. उसकी शुरुआती शिक्षा धनबाद के डिगवाडीह स्थित माउंट कारमेल कॉन्वेंट स्कूल से हुई है. एंजेलीना ने जो एंट्री भेजी थी, उसका शीर्षक है- आई एम बिग एंड आई एम रेयर (I am Big & I am Rare). एंजेलीना की सोच ने जजों को काफी प्रभावित किया है. उसने दो शॉट्स लिए थे. इसको टाइटिल दिया- ‘आई एम रेयर’ और ‘आई एम बिग’. इसमें एक तस्वीर में बच्चा हाथी नहा रहा है, जबकि दूसरे फोटो में ग्रे लंगूर है. दोनों तस्वीरें उसने जंगल में पिकनिक मनाने के दौरान लिए थे.
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एंजेलीना डाउन सिंड्रोम एसोसिएशन के ‘माई पर्सपेक्टिव’ फोटोग्राफी कॉम्पिटिशन के फाइनल में पहुंच गई है. अपनी इस उपलब्धि से एंजेलीना बेहद खुश है. उसने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं. मुझे फोटोग्राफी करना बहुत अच्छा लगता है.’
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एंजेलीना ने कहा कि जब मैं बहुत छोटी थी, तब मेरे पिताजी ने मुझे सोनी का कैमरा दिया. खेलने के दौरान मैंने कैमरा चलाना सीखा. कैमरा और मोबाइल दोनों से फोटोग्राफी करना मुझे पसंद है. मैं जब पांच साल की थी, तभी से कैमरा ऑपरेट कर रही हूं. मुझे वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी करना बहुत पसंद है. मुझे पेड़-पौधे और जानवर अच्छे लगते हैं. इस प्रतियोगिता में दुनिया भर के बच्चे भाग लेते हैं. भारत, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा और अमेरिका के बच्चे पहली बार इसमें भाग ले रहे हैं.
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बता दें कि डाउन सिंड्रोम एक जेनेटिक स्थिति है, जो अतिरिक्त क्रोमोजोम की मौजूदगी की वजह से होता है. करीब एक हजार में से एक बच्चे में यह स्थिति पाई जाती है. इस वक्त ब्रिटेन में करीब 40 हजार बच्चे हैं, जिनमें डाउन सिंड्रोम के लक्षण हैं.
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डाउन सिंड्रोम से जूझ रहे हर बच्चे को कुछ सीखने में दिक्कतें पेश आतीं हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डाउन सिंड्रोम से पीड़ित हर शख्स को अपनी मजबूती और कमजोरी होती है. उनमें कुछ विशेषताएं भी होतीं हैं, जो उन्हें खास बानाती हैं.