15.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 09:57 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड में बढ़ रहे ब्लड डिसऑर्डर के मरीज लेकिन यहां नहीं होती हेमेटोलॉजी की पढ़ाई

Advertisement

देश में मुश्किल से 300 हेमेटोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टर हैं और देश भर के मेडिकल कॉलेजों में इसके लिए 40 से 50 सीटें ही हैं, जिस पर मेडिकल स्टूडेंट का नामांकन होता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

राजीव पांडेय, रांची :

- Advertisement -

झारखंड में ब्लड डिसऑर्डर (रक्त विकार) के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. लेकिन, विशेषज्ञ डॉक्टर और इलाज की सुविधा राज्य के मेडिकल कॉलेजों में नहीं है. इस कारण मरीजों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है. राज्य के मेडिकल कॉलेजों में हेमेटोलॉजी विभाग नहीं होने यहां एक भी पीजी सीट नहीं है. इधर, झारखंड में सिर्फ एक हेमेटोलॉजिस्ट हैं, जो सदर अस्पताल में सेवा दे रहे हैं.

गौरतलब है कि इस बीमारी के विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या देश भर में बहुत कम है. क्योंकि, सीमित मेडिकल कॉलेजों में ही इसकी पढ़ाई होती है. देश में मुश्किल से 300 हेमेटोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टर हैं और देश भर के मेडिकल कॉलेजों में इसके लिए 40 से 50 सीटें ही हैं, जिस पर मेडिकल स्टूडेंट का नामांकन होता है. वहीं, पड़ोसी राज्य बिहार में एक और ओडिशा में तीन से चार हेमेटोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टर हैं. देश में सबसे ज्यादा इसके विशेषज्ञ 35 से 40 पश्चिम बंगाल में हैं. झारखंड में ब्लड डिसऑर्डर यानी थैलेसीमिया, सिकल सेल एनिमिया, हिमोफिलिया और प्लेटलेट्स सहित अन्य रक्त विकार के मरीज हैं.

Also Read: झारखंड : धनबाद में आग से 21 लोगों की मौत से भी सबक नहीं, देवघर में एकमात्र अस्पताल ने लिया फायर एनओसी
राज्य भर में थैलेसीमिया के 50 हजार मरीज

राज्य में थैलेसीमिया के 50,000 मरीज हैं. वहीं, 65.3 फीसदी महिलाएं (15 से 49 वर्ष) खून की कमी से जूझ रही हैं. इसके अलावा 29.6 फीसदी पुरुष (15 से 49 वर्ष ) एनीमिया से पीड़ित हैं. इधर, राज्य में 15 से 19 वर्ष की 65.8 फीसदी युवतियां खून की कमी से जूझ रही हैं. 15 से 19 वर्ष के 39.7 फीसदी युवक भी इससे पीड़ित हैं.

सदर अस्पताल में ब्लड कैंसर के 20 मरीज भर्ती

वर्तमान में सदर अस्पताल रांची में ब्लड कैंसर के 20 मरीजों का इलाज चल रहा है. अनुबंध पर नियुक्त हेमेटोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक रंजन इनका इलाज कर रहे हैं. इनमें कई ऐसे मरीज हैं, जिनका इलाज समय पर नहीं हो पाने के कारण उनकी स्थिति गंभीर हो गयी है. वहीं, कुछ मरीजों की पहचान समय रहते हो गयी है.

देश के बहुत कम मेडिकल कॉलेजों में हेमेटोलाॅजी की पढ़ाई होती है. इसलिए इसके बहुत कम डॉक्टर हैं. देश भर में 300 के करीब इसके विशेषज्ञ डॉक्टर होंगे. देश भर में सिर्फ 40 से 50 सीटें हैं, जहां मेडिकल स्टूडेंट का नामांकन होता है. झारखंड में तो एक भी सीट नहीं है. वहीं, मरीज बढ़ रहे हैं. इसलिए मेडिकल कॉलेज में इसका अलग विभाग खुलना चाहिए.

-डॉ अभिषेक रंजन, हेमेटोलॉजिस्ट

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें