26.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 07:18 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Pitru Amavasya: सर्वपितृ अमावस्या आज, इस दिन पितरों को प्रसन्न करने का आखिरी मौका, जानें श्राद्ध विधि और नियम

Advertisement

Sarva Pitru Amavasya 2023: अश्वनी मास की अमावस्या 14 अक्टूबर दिन शनिवार यानि आज है. इस अमावस्या को सर्व पितृ विसर्जनी अमावस्या, महालया अमावस्या, पितृ मोक्ष अमावस्या आदि नाम से जाना जाता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Undefined
Pitru amavasya: सर्वपितृ अमावस्या आज, इस दिन पितरों को प्रसन्न करने का आखिरी मौका, जानें श्राद्ध विधि और नियम 7

सर्वपितृ अमावस्या के दिन धरती पर आए पितरों को याद कर उन्हें श्रद्धापूर्वक विदाई दी जाती है. पितृ पक्ष में अगर आपने पूर्वजों का तर्पण, श्राद्ध नहीं किया है तो सर्व पितृ अमवास्या पर तिलांजलि कर उन्हें सम्मानपूर्वक विदाई की जाती है. इस बार सर्वपितृ अमावस्या की रात सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जिसके कारण अमावस्या तिथि में होने वाले सभी प्रकार के श्राद्ध कर्म किए जा सकेंगे.

Undefined
Pitru amavasya: सर्वपितृ अमावस्या आज, इस दिन पितरों को प्रसन्न करने का आखिरी मौका, जानें श्राद्ध विधि और नियम 8
पितृ मोक्ष अमावस्या पर श्राद्ध करने का विधान

गरुड़ पुराण में निहित है कि अगर कोई व्यक्ति किसी कारणवश अपने पितरों को पितृ पक्ष के दौरान तर्पण करना भूल जाता है, तो सर्वपिृत अमावस्या के दिन जलांजलि कर सकता है. इस दिन दान करने से अमोघ फल प्राप्त होता, हर बड़ी परेशानी का अंत हो जाता है. ये पितरों को मनाने का आखिरी मौका है, इस दिन श्राद्ध कर्म करने से पूर्वजों को सालभर तक संतुष्टी रहती है. धार्मिक मान्यता है कि पितरों की पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है.

Undefined
Pitru amavasya: सर्वपितृ अमावस्या आज, इस दिन पितरों को प्रसन्न करने का आखिरी मौका, जानें श्राद्ध विधि और नियम 9
सर्व पितृ अमावस्या 2023 मुहूर्त
  • अश्विन अमावस्या तिथि शुरू – 13 अक्टूबर 2023 दिन शुक्रवार की रात 09 बजकर 50 मिनट पर

  • अश्विन अमावस्या तिथि समाप्त – 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार 11 बजकर 24 मिनट पर

  • कुतुप मूहूर्त – सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक

  • रौहिण मूहूर्त – दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से दोपहर 01 बजकर 16 मिनट तक

  • अपराह्न काल – दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से दोपहर 03 बजकर 35 मिनट तक

Undefined
Pitru amavasya: सर्वपितृ अमावस्या आज, इस दिन पितरों को प्रसन्न करने का आखिरी मौका, जानें श्राद्ध विधि और नियम 10
सर्व पितृ अमावस्या पर करें इनका श्राद्ध

सर्व पितृ अमावस्या का अर्थ है सारे पितरों का श्राद्ध करने वाली तिथि है. इस दिन कुल से समस्त पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है, जिन लोगों की मृत्यु तिथि याद न हो, या फिर पितृ पक्ष में तिथि वाले दिन पूर्वज का श्राद्ध न कर पाए हो सर्व पितृ अमवास्या पर उनके निमित्त तर्पण, पिंडदान कर उन्हें विदाई दी जाती है. इस दिन भूले बिसरे पितरों के नाम का भी श्राद्ध किया जा सकता है. ये पितृ पक्ष का आखिरी दिन होता है.

Undefined
Pitru amavasya: सर्वपितृ अमावस्या आज, इस दिन पितरों को प्रसन्न करने का आखिरी मौका, जानें श्राद्ध विधि और नियम 11
सर्वपितृ अमावस्या के नियम
  • जब पितरों की देहावसान तिथि अज्ञात हो तो पितरों की शांति के लिए पितृ विसर्जन अमावस्या को श्राद्ध करने का नियम हैं.

  • आप सभी पितरों की तिथि याद नहीं रख सकते हैं, ऐसी दशा में भी पितृ विसर्जन अमावस्या को श्राद्ध करना चाहिए.

  • यदि आप किसी कारणवश श्राद्ध पक्ष में श्राद्ध नहीं निकाल पाए तो भी आप अमावस्या दिन श्राद्ध संपन्न कर सकते हैं.

Undefined
Pitru amavasya: सर्वपितृ अमावस्या आज, इस दिन पितरों को प्रसन्न करने का आखिरी मौका, जानें श्राद्ध विधि और नियम 12
सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों को ऐसे करें प्रसन्न
  • सर्वपितृ अमावस्या को प्रात: स्नानादि के पश्चात गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए.

  • उसके उपरांत एक जल के लोटे में तिल डालकर दक्षिण मुखी होकर पितरों को जल अर्पित करना चाहिए.

  • इसके बाद घर में श्राद्ध के लिए बनाए गए भोजन से पंचबलि अर्थात गाय, कुत्ते, कौए, देव एवं चीटिंयों के लिये भोजन का अंश निकालकर उन्हें देना चाहिए.

  • इसके उपरांत आमंत्रित ब्राह्मण को भोजन करवायें और उन्हें दान दक्षिणा दें, उनका आशीर्वाद ले.

  • संध्या के समय सामर्थ्य के अनुसार, दो, पांच, नौ, अथवा सोलह दीप भी प्रज्जवलित करने चाहिए.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें