24.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 06:48 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बीजद नेता श्रीकांत साहू पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला की याचिका पर हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

Advertisement

हाईकोर्ट ने संबंधित आइआइसी और पुलिस आयुक्त से यह जानना चाहा कि मामले को संज्ञेय अपराध के रूप में क्यों नहीं लिया गया. साहू ने दावा किया कि संयुक्ता द्वारा विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के दो दिन बाद भुवनेश्वर महिला पुलिस ने मामला दर्ज किया था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

ओडिशा उच्च न्यायालय ने महिला बीजद नेता संयुक्ता महल द्वारा पोलासरा विधायक और पूर्व श्रम मंत्री श्रीकांत साहू के खिलाफ उनकी शिकायत में भुवनेश्वर महिला पुलिस द्वारा अनुचित जांच का आरोप लगाते हुए दायर याचिका को स्वीकार कर लिया है. याचिका में संजुक्ता ने आरोप लगाया कि भुवनेश्वर महिला पुलिस ने विधायक के खिलाफ उनके आरोपों के आधार पर उचित जांच नहीं की. संजुक्ता ने अपनी पुलिस शिकायत में विधायक पर नौ साल तक रिश्ते में रहने के दौरान उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. उनके वकील तथागत साहू ने मीडिया को बताया कि महिला पुलिस थाने की जांच से नाखुश संयुक्ता ने बाद में उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने 10 अक्टूबर को मामले की सुनवाई की और अगली सुनवाई एक नवंबर को निर्धारित की.

- Advertisement -

आइआइसी और पुलिस आयुक्त को हाईकोर्ट का नोटिस

हाईकोर्ट ने संबंधित आइआइसी और पुलिस आयुक्त से यह जानना चाहा कि मामले को संज्ञेय अपराध के रूप में क्यों नहीं लिया गया. साहू ने दावा किया कि संयुक्ता द्वारा विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के दो दिन बाद भुवनेश्वर महिला पुलिस ने मामला दर्ज किया था. हालांकि महिला पुलिस ने राजनीतिक दबाव के चलते विधायक को बचाने के लिए आइपीसी की 294 और 507 जैसी मामूली धाराओं में मामला दर्ज कर लिया.

संयुक्ता ने विधायक पर लगाए हैं ये आरोप

उन्होंने कहा, हालांकि शिकायतकर्ता ने विधायक पर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया, लेकिन पुलिस ने इसे संज्ञेय अपराध नहीं माना. यहां यह ध्यान दिया जा सकता है कि संयुक्ता ने अप्रैल में विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी, जिसके बाद कथित तौर पर बीजद नेता को मंत्रालय से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था. बाद में अगस्त में, उसने उड़ीसा उच्च न्यायालय का रुख किया और अपनी शिकायत की उचित जांच सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की.

Also Read: बीजेडी विधायक पर महिला ने लगाए गंभीर आरोप, कहा- सत्ता के दबाव में पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

महिला बीजद नेता में जगी न्याय की आस

हाईकोर्ट द्वारा उनकी याचिका स्वीकार किये जाने के बाद, संयुक्ता ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और उम्मीद जतायी कि उन्हें न्याय मिलेगा. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है. विशेष रूप से, 50 वर्षीय विधायक ने संयुक्ता और विकास बेहरा नामक व्यक्ति के बीच कथित चैट के बारे में एक व्हाट्सएप संदेश प्राप्त होने के बाद शिकायत दर्ज करायी है और उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है. उन्होंने उन्हें और उनकी बेटी को खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया.

Also Read: ओडिशा के पूर्व विधायक राममूर्ति गोमंगा को पत्नी की हत्या के मामले में उम्रकैद, जानें पूरा मामला

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें